आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

Urdu Poetry:  ठुकराओ अब कि प्यार करो मैं नशे में हूँ

उर्दू अदब
                
                                                         
                            ठुकराओ अब कि प्यार करो मैं नशे में हूँ
                                                                 
                            
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ

अब भी दिला रहा हूँ यक़ीन-ए-वफ़ा मगर
मेरा न ए'तिबार करो मैं नशे में हूँ

अब तुम को इख़्तियार है ऐ अहल-ए-कारवाँ
जो राह इख़्तियार करो मैं नशे में हूँ

गिरने दो तुम मुझे मिरा साग़र संभाल लो
इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ

अपनी जिसे नहीं उसे 'शाहिद' की क्या ख़बर
तुम उस का इंतिज़ार करो मैं नशे में हूँ

~शाहिद कबीर

23 घंटे पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर