गुरु दत्त हिंदी फ़िल्मों के यादगार अभिनेताओं में से एक हैं। उन्होंने भारतीय सिनेमा को प्यासा, कागज़ के फूल,साहिब बीबी और ग़ुलाम और चौदहवीं का चाँद जैसी यादगार फ़िल्में दीं। उनकी सबसे विशेष फ़िल्म प्यासा रही जिसे टाइम मैगज़ीन ने विश्व की 100 सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में स्थान दिया है।
यह फ़िल्म एक लेखक के आजीवन संघर्ष पर आधारित है। ज़ाहिर है कि किरदार की मांग के हिसाब से फ़िल्म में कई जगह उसकी लिखी नज़्में, ग़ज़लें और गीत की ज़रूरत होगी। यहां याद रखने वाली बात यह है कि इस कालजयी फ़िल्म के तमाम गीत और नज़्में साहिर लुधियानवी ने लिखे हैं। यहां पढ़ें वे नज़्में जिनमें गुरु दत्त ने अपने अभिनय से जान डाल दी थी और जिन्होंने इस फ़िल्म को कल्ट बना दिया।
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