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Nida Fazli: बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया

nida fazli famous ghazal jitni buri kahi jati hai utni buri nahin hai duniya
                
                                                         
                            


जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया

चार घरों के एक मोहल्ले के बाहर भी है आबादी
जैसी तुम्हें दिखाई दी है सब की वही नहीं है दुनिया

घर में ही मत उसे सजाओ इधर उधर भी ले के जाओ
यूँ लगता है जैसे तुम से अब तक खुली नहीं है दुनिया

भाग रही है गेंद के पीछे जाग रही है चाँद के नीचे
शोर भरे काले नारों से अब तक डरी नहीं है दुनिया

2 दिन पहले

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