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Budh Gochar 2025: बुध का कन्या राशि में परिवर्तन, जानें वृश्चिक राशि वालों पर प्रभाव
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Tue, 16 Sep 2025 08:09 AM IST
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सार
Budh Gochar 2025: 15 सितंबर को बुध अपनी स्वराशि कन्या में आ रहे हैं जिससे भद्र राजयोग का निर्माण होगा, जो वृश्चिक राशि वालों के लिए काफी शुभ फलदायी होगा। इससे जो लोग किसी तरह का व्यापार करते हैं उनके व्यापार में वृद्धि देखने को मिलेगा।

बुध का कन्या राशि में गोचर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Budh Gochar 2025: बुध को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। बुध बुद्धि, संचार, व्यापार, गणित और तर्क के कारक माने जाते हैं। बुध अब अपनी स्वराशि कन्या में ही गोचर करने वाले हैं जिससे भद्र राजयोग का निर्माण होगा। ज्योतिष में इस योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। बुधदेव 15 सितंबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर अपनी स्वराशि कन्या में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें भद्र राजयोग को पंच महापुरुष योगों में से एक माना जाता है।
बुध के कन्या राशि में गोचर करने से कुछ राशि वालों को बहुत अच्छा लाभ मिलने वाला है। जिन लोगों की कुंडली में भद्र योग कन्या राशि में बना होता है, वह काफी तेज दिमाग और तार्किक सोच वाला व्यक्ति माना जाता है। बुध के गोचर करने से विशेष रूप से व्यापार करने वाले जातकों के जीवन में देखने को मिलेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधदेव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। यह कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है उनकी बुद्धि बहुत ही तेज होती है और ऐसे लोग बातों में बहुत ही निपुण होते हैं। बुध के गोचर करने से देश-दुनिया के साथ-साथ सभी 12 राशियों के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं बुध के राशि परिवर्तन से वृश्चिक राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
15 सितंबर को बुध अपनी स्वराशि कन्या में आ रहे हैं जिससे भद्र राजयोग का निर्माण होगा, जो वृश्चिक राशि वालों के लिए काफी शुभ फलदायी होगा। इससे जो लोग किसी तरह का व्यापार करते हैं उनके व्यापार में वृद्धि देखने को मिलेगा। बुधदेव वृश्चिक राशि वालों के लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध के 15 सितंबर को कन्या राशि में गोचर करने से यह आपके ग्यारहवें भाव में होगा। करियर के लिए यह गोचर बहुत ही शुभ फल देने वाला साबित होगा। जो लोग विदेश में नौकरी के लिए इच्छुक है उनको नई नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। जहां से अच्छा खासा धन अर्जित करने में कामयाबी मिलेगी। पैसों से संबंधित दिक्कतें दूर होंगी लेकिन इस दौरान आपके खर्चों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।

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बुध के कन्या राशि में गोचर करने से कुछ राशि वालों को बहुत अच्छा लाभ मिलने वाला है। जिन लोगों की कुंडली में भद्र योग कन्या राशि में बना होता है, वह काफी तेज दिमाग और तार्किक सोच वाला व्यक्ति माना जाता है। बुध के गोचर करने से विशेष रूप से व्यापार करने वाले जातकों के जीवन में देखने को मिलेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधदेव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। यह कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है उनकी बुद्धि बहुत ही तेज होती है और ऐसे लोग बातों में बहुत ही निपुण होते हैं। बुध के गोचर करने से देश-दुनिया के साथ-साथ सभी 12 राशियों के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं बुध के राशि परिवर्तन से वृश्चिक राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
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बुध के गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव15 सितंबर को बुध अपनी स्वराशि कन्या में आ रहे हैं जिससे भद्र राजयोग का निर्माण होगा, जो वृश्चिक राशि वालों के लिए काफी शुभ फलदायी होगा। इससे जो लोग किसी तरह का व्यापार करते हैं उनके व्यापार में वृद्धि देखने को मिलेगा। बुधदेव वृश्चिक राशि वालों के लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बुध के 15 सितंबर को कन्या राशि में गोचर करने से यह आपके ग्यारहवें भाव में होगा। करियर के लिए यह गोचर बहुत ही शुभ फल देने वाला साबित होगा। जो लोग विदेश में नौकरी के लिए इच्छुक है उनको नई नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। जहां से अच्छा खासा धन अर्जित करने में कामयाबी मिलेगी। पैसों से संबंधित दिक्कतें दूर होंगी लेकिन इस दौरान आपके खर्चों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
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ज्योतिष में बुध ग्रह- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।
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