इनकम टैक्स कैलकुलेटर क्या है?
इनकम टैक्स कैलकुलेटर (Income Tax Calculator) एक ऑनलाइन टूल या तरीका है, जिसके जरिए कोई भी करदाता किसी वित्त वर्ष के लिए अपनी टैक्स गणना का अनुमान लगा सकता है। हर साल बजट में केंद्र सरकार आयकर के स्लैब अथवा टैक्स की दर का एलान करती है। इसी के हिसाब से आप इस कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हुए अपना टैक्स पता कर सकते है, जो आपकी आय पर देय होगा। इसके जरिए आयकर रिटर्न को भी आसानी से भरा जा सकता है।
कैसे कर सकते हैं इनकम टैक्स कैलकुलेटर (Online Income Tax Calculator) का इस्तेमाल?
इनकम टैक्स कैलकुलेटर को इन तरीकों से उपयोग कर सकते हैं:
सबसे पहले वो वित्त वर्ष चुने जिसके लिए आप अपने आयकर की गणना करना चाहते हैं। इसके बाद अपनी उम्र बताएं। आयकर की गणना में उम्र का बहुत बड़ा महत्व होता है। इसके बाद अपनी कर योग्य आय को सबमिट करें। कर योग्य आय में आपको एचआरए, एलटीए और स्टैंडर्ड डिडक्शन को माइनस करना होगा। कर योग्य आय में आपको ब्याज से होने वाली आय, किराये से होने वाली आय, होम लोन पर ब्याज और खुद की प्रॉपर्टी पर लिए गए लोन के ब्याज का भुगतान करना होगा। फिर अब आपको आयकर की धारा 80सी, 80डी, 80जी, 80ई और 80टीटीए के तहत किए गए निवेश के बारे में जानकारी देनी होगी। अब आपको इसके बाद अपनी कर की देनदारी को कैलकुलेट करना होगा।
कैसे करें आयकर (Income Tax) की गणना?
वेतन से होने वाली आय में बेसिक वेतन+एचआरए+स्पेशल भत्ता+परिवहन भत्ता+अन्य भत्ते शामिल होते हैं। वेतन में मिलने वाले कुछ भत्ते आयकर में शामिल नहीं होते हैं, जैसे कि टेलीफोन का बिल, एलटीए आदि। अगर आप एचआरए लेते हैं और किराये पर रहते हैं, तो फिर एचआरए में छूट पा सकते हैं। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर 50 हजार रुपये की छूट मिलेगी।
आय में शामिल होगा यह
एक वित्त वर्ष में हुईं सभी तरह की आय को शामिल करें, जिसमें वेतन, घर से होने वाली आय (किराया और होम लोन पर ब्याज), कैपिटल गेंस (शेयरों के खरीद-फरोख्त से होने वाली आय), व्यापार या प्रोफेशन से होने वाली आय बचत खाता, फिक्सड डिपॉजिट और बॉन्ड से होने वाली ब्याज आय।
कैसे होगी एचआरए की गणना?
हमें पहले यह समझना होगा कि मकान किराया भत्ते पर इनकम टैक्स छूट पाने के हकदार कौन लोग हैं। इसके लिए सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपको तनख्वाह में मकान किराया भत्ता मिलता है और जिस मकान का किराया आप अदा करने का दावा कर रहे हैं, वह आप ही के नाम नहीं होनी चाहिए। आयकर कानून की धारा 10(13ए) के तहत किसी भी वेतनभोगी को उसके मूल वेतन का 50 फीसदी, एचआरए के मद में मिलने वाली रकम या चुकाए गए वास्तविक किराये में से मूल वेतन का 10 फीसदी घटाने पर बची तीन रकमों में से सबसे कम रकम पर आयकर से छूट मिलती है।
यदि किसी व्यक्ति को 25,000 रुपये मूल वेतन के रूप में प्राप्त होते हैं। इसमें से 12,500 रुपये एचआरए के मद में और वह 12,500 रुपये ही वास्तव में किराया देता है, तो उसे 10,000 रुपये पर ही छूट मिल पाएगी। दरअसल, चुकाए गए किराये की रकम (12,500) में से मूल वेतन का 10 फीसदी (2,500) घटाने पर यही रकम बचती है।
एक और याद रखने लायक बात यह है कि अगर आप सालाना 1,00,000 रुपये (यानी 8,333 रुपये प्रतिमाह) से ज़्यादा किराया दे रहे हैं, तो मकान-मालिक (भले ही वे मां या पिता या पत्नी हों) का पैन नंबर दर्ज किया जाना भी अनिवार्य है, और उन्हें इस आमदनी पर टैक्स देना होगा। याद रहे, मकान किराया भत्ते पर आयकर छूट पाने के लिए ज़रूरी है कि घर किराया देने वाले की संपत्ति न हो, और भुगतान की रसीदें मौजूद हों।
अस्वीकरण/डिस्क्लेमरः यह टैक्स कैलकुलेटर कुछ पूर्वानुमानों के आधार पर काम करता है। संभव है कि आपका वास्तविक कर दायित्व इससे अलग हो। पाठक किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।