Budh Gochar 2025: बुध का कन्या राशि में गोचर, जानें वृषभ राशि वालों पर प्रभाव
Budh Gochar 2025: वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव के स्वामी होते हैं। 15 सितंबर को बुध का गोचर कन्या राशि में आपके पंचम भाव में होगा। कुंडली का पचंम भाव बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से संबंधित होता है।

विस्तार
Budh Gochar 2025: कुंडली में बुध ग्रह की विशेष भूमिका होती है। अगर जातक की कुंडली में बुध अच्छी स्थिति में हैं तो व्यक्ति का जीवन अच्छा होता है। बुध को ग्रहों में राजकुमार का दर्जा मिला हुआ है और यह राशि चक्र इनको मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। बुध देव अपनी स्वराशि कन्या में उच्च के होते हैं। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी और तर्क करने की क्षमता का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह 15 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने वाले हैं। आइए जानते हैं बुध के कन्या राशि में गोचर करने से वृषभ राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा। इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।

बुध गोचर का वृषभ राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव के स्वामी होते हैं। 15 सितंबर को बुध का गोचर कन्या राशि में आपके पंचम भाव में होगा। कुंडली का पचंम भाव बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से संबंधित होता है। ऐसे में इसका फायदा आपके बच्चों को होगा। संतान सुख की प्राप्ति होगी। लेकिन इस दौरान जिन लोगों के करियर में काम का दबाव बढ़ रहा है उनको अपने वरिष्ठ अधिकारियों से तालमेल बैठाना होगा। जो लोग किसी न किसी व्यापार से संबंधित हैं उनके हाथ से कुछ अच्छे मौके निकल सकते हैं। इस दौरान आपके आत्मविश्वास में कमी भी देखने को मिल सकती है। आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। भाग्य का मिलाजुला साथ मिलेगा। वैवाहिक जीवन में आपसी रूप से मनमुटाव का सामना करना पड़ सकता है। सेहत संबंधी मामलों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
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ज्योतिष में बुध ग्रह
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।
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