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Budh Gochar 2025: वाणी और व्यापार के कारक बुध का राशि परिवर्तन, जानें कन्या राशि वालों पर प्रभाव
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sat, 13 Sep 2025 07:45 AM IST
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सार
Budh Gochar 2025: बुध के गोचर करने से कन्या राशि वालों को भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। अपनी ही राशि में बुध के गोचर करने से कन्या राशि वालों की बुद्धि और कार्यकुशलता में तेजी आएगी।

Budh Gochar 2025: बुध का कन्या राशि में गोचर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Budh Gochar 2025: वाणी, व्यापार और बुद्धि के कारक ग्रह बुध 15 सितंबर को कन्या राशि में गोचर करने वाले हैं। कन्या राशि बुध की स्वराशि है ऐसे में बुध का अपनी राशि में गोचर करना बहुत ही प्रभावशाली माना जाएगा। बुध के स्वराशि कन्या में गोचर करने से भद्र नाम का राजयोग बनेगा जिससे बहुत ही शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि बुध करीब 12 महीनों के बाद कन्या राशि में दोबारा गोचर हुए हैं। कन्या राशि को बुध की मूल त्रिकोण राशि भी कहा जाता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह माना जाता है। इन्हे बुद्धि, व्यापार, संचार और गणित का कारक माना जाता है। बुध 15 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर सिंह राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बुध के गोचर करने से विशेष रूप से शेयर मार्केट पर प्रभाव देखने को मिलता है। बुधदेव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। यह कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है उनकी बुद्धि बहुत ही तेज होती है और ऐसे लोग बातों में बहुत ही निपुण होते हैं। बुध के गोचर करने से देश-दुनिया के साथ-साथ सभी 12 राशियों के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं बुध के राशि परिवर्तन से कन्या राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
वाणी, व्यापार और बुद्धि के देवता राजकुमार बुध का अपनी स्वराशि में गोचर आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। बुध के गोचर करने से कन्या राशि वालों को भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। अपनी ही राशि में बुध के गोचर करने से कन्या राशि वालों की बुद्धि और कार्यकुशलता में तेजी आएगी। जो लोग व्यापार से संबंधित हैं उनको कोई बड़ी और अच्छी डील मिल सकती है। जो लोग शिक्षा के क्षेत्र में हैं उनके लिए कन्या राशि में बुध का गोचर बहुत ही शुभ रहने वाला साबित होगा। आय में इजाफा और भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। इस दौरान आपकी अधूरी इच्छा भी पूरी होगी।
- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।

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वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह माना जाता है। इन्हे बुद्धि, व्यापार, संचार और गणित का कारक माना जाता है। बुध 15 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर सिंह राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बुध के गोचर करने से विशेष रूप से शेयर मार्केट पर प्रभाव देखने को मिलता है। बुधदेव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं। यह कन्या राशि में उच्च के और मीन राशि में नीच के होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है उनकी बुद्धि बहुत ही तेज होती है और ऐसे लोग बातों में बहुत ही निपुण होते हैं। बुध के गोचर करने से देश-दुनिया के साथ-साथ सभी 12 राशियों के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं बुध के राशि परिवर्तन से कन्या राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
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बुध के गोचर का कन्या राशि पर प्रभाववाणी, व्यापार और बुद्धि के देवता राजकुमार बुध का अपनी स्वराशि में गोचर आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। बुध के गोचर करने से कन्या राशि वालों को भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। अपनी ही राशि में बुध के गोचर करने से कन्या राशि वालों की बुद्धि और कार्यकुशलता में तेजी आएगी। जो लोग व्यापार से संबंधित हैं उनको कोई बड़ी और अच्छी डील मिल सकती है। जो लोग शिक्षा के क्षेत्र में हैं उनके लिए कन्या राशि में बुध का गोचर बहुत ही शुभ रहने वाला साबित होगा। आय में इजाफा और भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। इस दौरान आपकी अधूरी इच्छा भी पूरी होगी।
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ज्योतिष में बुध ग्रह- मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है।
- बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है।
- सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है।
- बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है।
- ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
- बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं।
- कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है।
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