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FASTag: फास्टैग केवाईसी के बाद अब आया केवाईवी, वाहन मालिकों की बढ़ी परेशानी, इंटरनेट पर फूटा लोगों का गुस्सा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 29 Oct 2025 02:06 PM IST
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सार
KYV का मकसद भले ही फास्टैग सिस्टम को पारदर्शी बनाना हो, लेकिन अभी के लिए यह लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। लोग कह रहे हैं कि "साफ-सुथरे सिस्टम की राह" फिर से आम जनता की जेब और धैर्य पर भारी पड़ रही है।
Toll Plaza
- फोटो : PTI
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विस्तार
बार-बार KYC (नो यॉर कस्टमर) (केवाईसी) (अपने ग्राहक को जानें) की प्रक्रिया से गुजरना ही शायद काफी नहीं था, तो अब सरकार ने एक नया नियम लागू किया है- KYV (Know Your Vehicle) (केवाईवी) यानी अपने वाहन को जानें। यह नई प्रक्रिया उन सभी लोगों के लिए जरूरी है जिनके पास गाड़ी और FASTag (फास्टैग) है। इसका मकसद है फास्टैग सिस्टम को साफ और सुरक्षित बनाना। लेकिन लोगों के लिए यह एक और झंझट बन गया है।
क्या है KYV और क्यों लागू हुआ?
1 नवंबर 2024 से KYV को सभी फास्टैग यूजर्स के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब आपको अपनी गाड़ी की फोटो और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) अपलोड करने होंगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फास्टैग सही गाड़ी से जुड़ा हुआ है।
यह पहल NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की है, जिसे NPCI ने लागू किया है। इस नियम के पीछे वजह यह है कि कई मामलों में फास्टैग का गलत इस्तेमाल हो रहा था। जैसे ट्रक ड्राइवर कारों के फास्टैग का इस्तेमाल करके कम टोल टैक्स दे रहे थे। सरकार का कहना है कि KYV के जरिए ऐसे दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।
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क्या है KYV और क्यों लागू हुआ?
1 नवंबर 2024 से KYV को सभी फास्टैग यूजर्स के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब आपको अपनी गाड़ी की फोटो और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) अपलोड करने होंगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फास्टैग सही गाड़ी से जुड़ा हुआ है।
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यह पहल NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की है, जिसे NPCI ने लागू किया है। इस नियम के पीछे वजह यह है कि कई मामलों में फास्टैग का गलत इस्तेमाल हो रहा था। जैसे ट्रक ड्राइवर कारों के फास्टैग का इस्तेमाल करके कम टोल टैक्स दे रहे थे। सरकार का कहना है कि KYV के जरिए ऐसे दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।
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कैसे करना होगा KYV
KYV प्रोसेस में हर फास्टैग को उसके व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर (VRN) और चेसिस नंबर से लिंक करना जरूरी है। इसके अलावा,
इसके बाद बैंक या फास्टैग जारी करने वाली कंपनी इन डिटेल्स को VAHAN (वाहन) डेटाबेस से वेरिफाई करेगी। अगर KYV नहीं किया गया तो फास्टैग अपने-आप डिएक्टिवेट हो जाएगा।
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KYV प्रोसेस में हर फास्टैग को उसके व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर (VRN) और चेसिस नंबर से लिंक करना जरूरी है। इसके अलावा,
- आपको अपनी गाड़ी का सामने से एक फोटो लेना है, जिसमें फास्टैग और नंबर प्लेट साफ दिखे।
- एक साइड फोटो भी लेनी है, जिसमें गाड़ी के एक्सल (पहिए) नजर आएं।
- इन फोटो के साथ वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) अपलोड करनी होगी।
इसके बाद बैंक या फास्टैग जारी करने वाली कंपनी इन डिटेल्स को VAHAN (वाहन) डेटाबेस से वेरिफाई करेगी। अगर KYV नहीं किया गया तो फास्टैग अपने-आप डिएक्टिवेट हो जाएगा।
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हर तीन साल में दोबारा करनी होगी प्रक्रिया
यह प्रक्रिया सिर्फ एक बार की नहीं है। हर तीन साल में दोबारा KYV वेरिफिकेशन कराना होगा, ताकि सिस्टम अपडेट रहे और गलत इस्तेमाल को रोक जा सके।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कई लोग फास्टैग को गाड़ी पर लगाने की बजाय पर्स या जेब में रखते हैं। जिससे उसका गलत इस्तेमाल संभव हो जाता है। अब "वन व्हीकल, वन टैग" का नियम लागू किया जाएगा।
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यह प्रक्रिया सिर्फ एक बार की नहीं है। हर तीन साल में दोबारा KYV वेरिफिकेशन कराना होगा, ताकि सिस्टम अपडेट रहे और गलत इस्तेमाल को रोक जा सके।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कई लोग फास्टैग को गाड़ी पर लगाने की बजाय पर्स या जेब में रखते हैं। जिससे उसका गलत इस्तेमाल संभव हो जाता है। अब "वन व्हीकल, वन टैग" का नियम लागू किया जाएगा।
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fastag toll pass
- फोटो : Adobe Stock
लोगों की नाराजगी- "एक और झंझट"
जैसे ही यह नियम लागू हुआ, सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे। कई यूजर्स ने इसे "आम आदमी पर नया बोझ" बताया।
सोशल मीडिया X (एक्स) यूजर जॉर्ज मैथ्यू (@GeorgeMathew500) ने लिखा, "KYC के बाद अब KYV! जैसे लोगों के पास पहले ही कम पेपरवर्क था, अब उन्हें गाड़ी, फास्टैग और आरसी की फोटो और अन्य डिटेल्स टैग जारी करने वाली कंपनियों की सुस्त और जटिल वेबसाइट्स पर अपलोड करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।"
एक अन्य यूजर शरद मदान (@sharadmadan) ने शिकायत की, "ICICI फास्टैग पर KYV कराने की कोशिश कर रहा हूं, 10 दिन पहले फोटो अपलोड कीं लेकिन कोई जवाब नहीं। कृपया मदद करें।"
एक अन्य यूजर लियो पीएल (@leosevents) लिखते हैं, "अगर फास्टैग एक तरह से वाहन का "आधार" है, तो "अपने वाहन को जानें" (KYV) को पहले दिन से अनिवार्य क्यों नहीं बनाया गया? सुरक्षा की बजाय फास्टैग के मुद्दे और उसे अपनाने में ढिलाई बरतने का मतलब अब उपयोगकर्ताओं के लिए परेशानी बन रहा है।
वहीं, मोनिका हालन (@monikahalan) ने व्यंग्य किया, "नागरिकों पर रोजमर्रा के नियमों का बढ़ता बोझ अब बेतुका होता जा रहा है। केवाईसी अपडेट का सिलसिला कभी खत्म नहीं होता। अब हमारे पास अपने वाहनों के बारे में जानने का एक अविश्वसनीय मौका है। क्या आपने अपना केवाईसी करवाया है? अगर नहीं, तो सरकार आपके पीछे पड़ जाएगी।"
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यह भी पढ़ें - EV: हिमाचल में अब डीजल-पेट्रोल टैक्सियां बनेंगी इलेक्ट्रिक, मिलेगी 40 प्रतिशत सब्सिडी, सरकार ने दी मंजूरी
जैसे ही यह नियम लागू हुआ, सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे। कई यूजर्स ने इसे "आम आदमी पर नया बोझ" बताया।
सोशल मीडिया X (एक्स) यूजर जॉर्ज मैथ्यू (@GeorgeMathew500) ने लिखा, "KYC के बाद अब KYV! जैसे लोगों के पास पहले ही कम पेपरवर्क था, अब उन्हें गाड़ी, फास्टैग और आरसी की फोटो और अन्य डिटेल्स टैग जारी करने वाली कंपनियों की सुस्त और जटिल वेबसाइट्स पर अपलोड करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।"
एक अन्य यूजर शरद मदान (@sharadmadan) ने शिकायत की, "ICICI फास्टैग पर KYV कराने की कोशिश कर रहा हूं, 10 दिन पहले फोटो अपलोड कीं लेकिन कोई जवाब नहीं। कृपया मदद करें।"
एक अन्य यूजर लियो पीएल (@leosevents) लिखते हैं, "अगर फास्टैग एक तरह से वाहन का "आधार" है, तो "अपने वाहन को जानें" (KYV) को पहले दिन से अनिवार्य क्यों नहीं बनाया गया? सुरक्षा की बजाय फास्टैग के मुद्दे और उसे अपनाने में ढिलाई बरतने का मतलब अब उपयोगकर्ताओं के लिए परेशानी बन रहा है।
वहीं, मोनिका हालन (@monikahalan) ने व्यंग्य किया, "नागरिकों पर रोजमर्रा के नियमों का बढ़ता बोझ अब बेतुका होता जा रहा है। केवाईसी अपडेट का सिलसिला कभी खत्म नहीं होता। अब हमारे पास अपने वाहनों के बारे में जानने का एक अविश्वसनीय मौका है। क्या आपने अपना केवाईसी करवाया है? अगर नहीं, तो सरकार आपके पीछे पड़ जाएगी।"
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सरकार को भी समझ आया झंझट
लोगों की परेशानियों को देखकर अब सरकारी अधिकारी बैंकों से कह रहे हैं कि बिना ग्राहक को फोन किए उनका फास्टैग डिएक्टिवेट न करें। रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने माना कि प्रक्रिया "बहुत जटिल" है और इसे आसान बनाना जरूरी है।
सरकार अब यह विचार कर रही है कि सभी बैंकों के पोर्टल पर KYV प्रक्रिया एक जैसी हो। और इसके लिए एक समान हेल्पलाइन नंबर भी दी जाए, ताकि लोग आसानी से मदद पा सकें।
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लोगों की परेशानियों को देखकर अब सरकारी अधिकारी बैंकों से कह रहे हैं कि बिना ग्राहक को फोन किए उनका फास्टैग डिएक्टिवेट न करें। रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने माना कि प्रक्रिया "बहुत जटिल" है और इसे आसान बनाना जरूरी है।
सरकार अब यह विचार कर रही है कि सभी बैंकों के पोर्टल पर KYV प्रक्रिया एक जैसी हो। और इसके लिए एक समान हेल्पलाइन नंबर भी दी जाए, ताकि लोग आसानी से मदद पा सकें।
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