FTA: भारत-ईयू के बीच हुई 13वें दौर की बातचीत, गोयल बोले- हम संतुलित व लाभकारी व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ ने 13वें दौर की वार्ता की। उन्होंने कहा कि हम दोनों पक्षों के लिए व्यापक अवसरों को खोलने के लिए जल्द ही एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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भारत और यूरोपीय संघ जल्द ही संतुलित और पारस्परिक लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह जानकारी दी।

दोनों पक्षों ने की 13वें दौर की व्यापार वार्ता
ईयू के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक और यूरोपीय कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हेंसन व्यापार समझौते के लिए चल रही वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए भारत आए थे। दोनों पक्षों की आधिकारिक टीमों ने 13वें दौर की वार्ता की।
Bon Voyage, my friend!
It was a pleasure hosting you for the 13th Round of India-EU FTA negotiations. We remain committed to working towards a balanced and mutually beneficial FTA soon, to unlock massive opportunities on both sides.
Thank you for your visit. Looking forward to… https://t.co/cp5shfZtb6 — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 13, 2025
गोयल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता के 13वें दौर में आपकी मेजबानी करना हमारे लिए खुशी की बात थी। हम दोनों पक्षों के लिए व्यापक अवसरों को खोलने के लिए जल्द ही एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपकी यात्रा के लिए धन्यवाद। हमारी निरंतर बातचीत की प्रतीक्षा है।
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इस समझौते से आपार संभावनाएं खुलेंगी
गोयल ने भरोसा जताया कि इस प्रक्रिया के जरिए अपार संभावनाएं खुलेंगी। इससे व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और गहन आर्थिक भागीदारी के अवसर खुलेंगे। गोयल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि ऑटोमोटिव कंपोनेंट क्षेत्र जैसे उद्योग को भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी के तहत तैयार किए जा रहे प्रावधान आकर्षक और संभावनाओं से भरपूर लगेंगे।उन्होंने कहा, "यह समझौता भारतीय निर्माताओं के लिए अपने यूरोपीय समकक्षों और दुनिया के अन्य हिस्सों की कंपनियों के साथ साझेदारी करने के नए रास्ते खोलेगा, जिससे संयुक्त उद्यमों, प्रौद्योगिकी साझेदारी और सहयोगात्मक नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।" उन्होंने कहा कि लागत प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है - चाहे वह डिजाइन, विकास या अनुसंधान एवं विकास में हो।
उन्होंने कहा कि ऐसी साझेदारियां लागत कम करने, उत्पादकता बढ़ाने, भारतीय युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने तथा भारत को उच्च गुणवत्ता वाले ऑटोमोटिव घटक विनिर्माण के अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक होंगी। उन्होंने भारत की आकांक्षा का भी उल्लेख किया कि वह वर्तमान में प्रति हजार व्यक्तियों पर 34 कारों की संख्या को बढ़ाकर काफी ऊंचे स्तर पर ले जाना चाहता है। इससे ऑटो कम्पोनेंट उद्योग के लिए वैश्विक स्तर पर विस्तार के अवसर पैदा होंगे।