CBDT: 24 जुलाई को आयकर दिवस का बहिष्कार, लंबित मुद्दों को लेकर विभागीय कर्मचारी करेंगे विरोध प्रदर्शन
देश भर के आयकर कर्मचारी अपनी लंबित मुद्दों को लेकर 24 जुलाई को आधिकारिक आयकर दिवस समारोह का बहिष्कार करेंगे। साथ ही कर्मचारी 23 जुलाई से देशभर के 18 क्षेत्रों में स्थित प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर, चीफ कमिश्नर और प्रिंसिपल कमिश्नर कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

विस्तार
देश भर के आयकर कर्मचारी 24 जुलाई को आधिकारिक आयकर दिवस समारोह का बहिष्कार करेंगे। कर्मचारी कंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा अपनी समस्याओं को नजरअंदाज किए जाने से नाराज हैं।

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जेसीए ने सीबीडीटी को लिखा पत्र
आयकर कर्मचारी महासंघ (ITEF) और आयकर राजपत्रित अधिकारी संघ (ITGOA)का प्रतिनिधित्व करने वाली संयुकत कार्य परिषद (JCA) ने बताया कि आने वाले हफ्तों में विरोध और तेज किया जाएगा। इससे देश भर में कर प्रशासन के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। जेसीए ने 21 जुलाई 2025 को सीबीडीटी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि हमारे गंभीर मुद्दे के प्रति प्रशासन की उदासीनता ने हमें यह विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए मजबूर किया है।
कब-कब होगा विरोध प्रदर्शन
कर्मचारी 23 जुलाई से देशभर के 18 क्षेत्रों में स्थित प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर, चीफ कमिश्नर और प्रिंसिपल कमिश्नर कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे। यह आंदोलन उनके लंबित मुद्दों को लेकर शुरू किया जा रहा है।
29 जुलाई को, देशभर के प्रमुख कर कार्यालयों में आधा दिन धरना और प्रदर्शन किया जाएगा। इस दिन संसद प्रश्नों और अदालती आदेशों से जुड़ी रिपोर्टों को छोड़कर सभी रिपोर्टों को स्थगित किया जाएगा। कर्मचारी आउटरीच कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे और किसी भी आधिकारिक बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। अगर CBDT के सदस्य क्षेत्रीय कार्यालयों का दौरा करते हैं, तो काले झंडे दिखाकर विरोध किया जाएगा।
JCA के अनुसार, 5 से 7 अगस्त तक प्रतिदिन धरना दिया जाएगा और इस दौरान सर्च और सर्वे ऑपरेशनों पर पूरी तरह रोक रहेगी। इसमें टीडीएस सर्वे भी शामिल हैं। इसके बाद 8 अगस्त को कर्मचारी पूरे दिन कामकाज से वाकआउट करेंगे।
97 प्रतिशत आयकर कर्मचारियों के मुद्दे हैं अनसुलझे
जेसीए ने विभाग के 97 प्रतिशत कर्मचारियों के कई अनसुलझे मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने 16 जुलाई को जारी किए गए हालिया वार्षिक सामान्य स्थानांतरण (एजीटी) आदेशों को लेकर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि वास्तविक मानवीय आधार वाले मामलों की अनदेखी कर दिए जाने से असंतोष और बढ़ गया है। इसके साथ ही, कूलिंग-ऑफ अवधि के बाद अधिकारियों को गृह क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की पुरानी प्रक्रिया को अचानक बंद कर दिया गया है।
JCA ने यह भी कहा कि काडर समीक्षा और पुनर्गठन प्रक्रिया में लगातार देरी के कारण ग्रुप C और B पदों पर भारी पदोन्नति ठहराव बना हुआ है। इसके अलावा, कई पदोन्नति और नियमितीकरण से जुड़े मुद्दे अब भी लंबित हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 2024 बैच के सहायक आयुक्तों का नियमितीकरण, जो छह महीने से UPSC के पास लंबित हैं
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एड-हॉक पदोन्नति से जुड़ी समस्याएं
- अखिल भारतीय आयकर अधिकारी वरिष्ठता सूची तैयार करने में देरी
- 2008-2011 बैच के अधिकारियों को वित्तीय लाभ न मिलना
वैधानिक नियमों की अवहेलना
कर्मचारियों की शिकायत है कि उन्हें बार-बार एक जैसे आंकड़े और रिपोर्टें मांगी जा रही हैं। इनके लिए कृत्रिम और अव्यावहारिक समयसीमाएं तय की जाती हैं, जो वैधानिक नियमों की अवहेलना करते हैं।
एक हजार कर्मचारी बिना विभागीय लैपटॉपर के काम करने को मजबूर
इसके अलावा, फेसलेस असेसमेंट योजना के तहत बनाए गए जूनियर असेसमेंट ऑफिसर के पदों का के पुनर्गठन बार-बार अनुरोध के बावजूद भी लंबित है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे टैक्सनेट 2.0, ITBA 2.0 और अन्य प्रणालियों अपग्रेड की योजनाओं पर भी सवाल उठाते हुए JCA ने कहा है कि सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर समर्थन पर्याप्त नहीं है। JCA के अनुसार, हाल ही में पदोन्नत किए गए 1000 से अधिक आयकर अधिकारी बिना विभागीय लैपटॉप के काम करने को मजबूर हैं।
उम्मीदों पर फिर रहा पानी
यह विरोध प्रदर्शन सीबीडीटी के मौजूदा अध्यक्ष की हालिया पुनर्नियुक्ति के बावजूद हो रहा है। जेसीए का कहना है कि तबादलों के आदेशों और लंबे समय से लंबित मुद्दों के समाधान में लगातार हो रही देरी ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।