Stock Market: विदेशी निवेशक करेंगे तेज वापसी, दो माह में सात फीसदी तक मिलेगा फायदा; सीएलएसए की राय
सीएलएसए के भारतीय रणनीतिकार विकास कुमार जैन ने कहा, पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली, देशों के बीच तनाव, कुछ बड़े आईपीओ और कमजोर नतीजों के कारण बाजार गिरावट में था। अब यह सब मुद्दे बीत चुके हैं। ऐसे में अगले छह से आठ सप्ताह में तेजी दिख सकती है।

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घरेलू शेयर बाजार में अक्तूबर से लगातार गिरावट अब थम सकती है। अगले दो महीने में इसमें छह से सात फीसदी तक की तेजी आ सकती है। वैश्विक ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए ने अनुमान लगाया है कि बाजार की गिरावट के बुरे कारण अब खत्म हो चुके हैं। ऐसे में यहां से इसमें तेजी आएगी।

सीएलएसए के भारतीय रणनीतिकार विकास कुमार जैन ने कहा, पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली, देशों के बीच तनाव, कुछ बड़े आईपीओ और कमजोर नतीजों के कारण बाजार गिरावट में था। अब यह सब मुद्दे बीत चुके हैं। ऐसे में अगले छह से आठ सप्ताह में तेजी दिख सकती है। निवेशकों की भावनाओं के शांत होने के साथ अब बाजार वापसी के मूड में है। वैसे घरेलू बाजार दिसंबर में तेजी में रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों के रुझान को देखा जाए तो ज्यादातर दिसंबर में बाजार में तेजी रही है। पिछले 20-30 वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि हर चार साल में से तीन साल दिसंबर में सकारात्मक रिटर्न मिला है। इस दौरान औसत रिटर्न आम तौर पर दो से तीन प्रतिशत रहा है। चोकसी फिनसर्व के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी कहते हैं कि विदेशी निवेशक कई आईपीओ में निवेश कर रहे हैं, क्योंकि उनमें बहुत तेज गति से रिटर्न मिलने की क्षमता है। वहीं दूसरी ओर ऊंचे मूल्यांकन के कारण सेकंडरी बाजार में मुनाफावसूली हुई है।
गिरावट से उचित भाव पर है मूल्यांकन
विकास कुमार जैन ने कहा, पिछले पांच हफ्तों में बाजार में भारी गिरावट के बाद अब मूल्यांकन उचित स्तर पर आ गया है। चीन को लेकर विदेशी निवेशकों का शुरुआती उत्साह फीका पड़ गया है।
- जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में नए राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने तक तेजी के लिए बाजार को कुछ समय मिल सकता है। कच्चे तेल की कीमतें भी अब उचित स्तर 73 डॉलर प्रति बैरल पर हैं।
दूसरे देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन
भारत अन्य उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, क्योंकि फंड प्रबंधक चीन से भारत में निवेश को वापस ला सकते हैं। हालाँकि, भारत के उच्च मूल्यांकन के कारण यह सीमित हो सकता है। विदेशी निवेशकों ने इस महीने घरेलू बाजार से निकासी की रफ्तार धीमी कर दी है। अब तक 25,942 करोड़ रुपये निकाले हैं। अक्तूबर में यह आंकड़ा 94,070 करोड़ रुपये था।