{"_id":"69095739dddab5c0da0e0e89","slug":"cmie-report-unemployment-rate-rises-to-six-month-high-agriculture-sector-creates-11-million-jobs-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"CMIE Report: बेरोजगारी दर बढ़कर छह महीने के शीर्ष पर, कृषि क्षेत्र में मिले 1.1 करोड़ रोजगार","category":{"title":"Business Diary","title_hn":"बिज़नेस डायरी","slug":"business-diary"}}
    CMIE Report: बेरोजगारी दर बढ़कर छह महीने के शीर्ष पर, कृषि क्षेत्र में मिले 1.1 करोड़ रोजगार
 
            	    अमर उजाला ब्यूरो             
                              Published by: लव गौर        
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 07:00 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                
    
     रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार में कमी ने अक्तूबर में संकट बढ़ाया है। जबकी शहरों में बेरोजगारी घटी है।
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                        पिछले महीने 7.5% पहुंच गई बेरोजगारी दर
                                    - फोटो : अमर उजाला प्रिंट 
                    
    
        
    
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विस्तार
ग्रामीण इलाकों में रोजगार घटने के कारण देश में बेरोजगारी दर अक्तूबर, 2025 में बढ़कर छह महीने के उच्च स्तर 7.5 फीसदी पर पहुंच गई। यह हाल के महीनों में देखी गई बेरोजगारी दर से काफी ज्यादा है। इससे पहले अप्रैल, 2025 में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 7.7 फीसदी रही थी। सितंबर में यह 6.4 फीसदी और अगस्त में 6.3 फीसदी रही थी। बेरोजगारी दर बढ़ने के बावजूद कृषि क्षेत्र में 1.10 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।
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                                                                सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर में खरीफ फसलों की कटाई चरम पर थी और रबी की बुवाई भी शुरू हो गई। इससे कृषि रोजगार सितंबर के 12.5 करोड़ से 13.6 करोड़ पहुंच गया। अजीब बात यह है कि कृषि रोजगार में तेज वृद्धि के बावजूद ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.6 फीसदी पहुंच गई। हालांकि, शहरी बेरोजगारी घटकर 7.4 फीसदी रह गई।
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            निर्माण उद्योग : 90 लाख से अधिक लोगों का छिना काम
कृषि क्षेत्र की ओर पलायन की वजह से निर्माण, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में रोजगार की संख्या में पिछले महीने गिरावट दर्ज की गई। निर्माण उद्योग में रोजगार में 90 लाख से ज्यादा कमी देखने को मिली। विनिर्माण और सेवा उद्योगों में करीब 38 लाख लोगों का काम छिन गया। दिहाड़ी मजदूरों और छोटे व्यापारियों के रूप में वर्गीकृत 90 श्रमिकों को अक्तूबर में रोजगार नहीं मिला। हालांकि, इनमें से अधिकांश को खेतों में काम मिला और उन्हें किसान या खेतिहर मजदूर के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया गया। व्यवसायी (छोटे स्व-नियोजित उद्यमी) के रूप में कार्यरत लोगों की संख्या में 55 लाख की कमी आई। काम नहीं मिलने की वजह से इनमें से कई लोगों ने कृषि क्षेत्र की ओर पलायन कर लिया।
आईटी-बैंकिंग क्षेत्र में 24% तक घटीं नौकरियां
देश में व्हाइट कॉलर यानी दफ्तर की नौकरियों में अक्तूबर में सालाना आधार पर 9 फीसदी की गिरावट रही। दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों के कारण नियुक्ति गतिविधियों में अस्थायी रूप से कमी के कारण यह गिरावट आई है। भर्ती गतिविधियों के लिहाज से आईटी क्षेत्र में 15 फीसदी और बैंकिंग में 24 फीसदी की कमी दर्ज की गई। इससे पता चलता है कि आईटी यूनिकॉर्न के भीतर भी नियुक्ति गतिविधियां स्थिर रही।
नौकरी जॉबस्पीक सूचकांक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) पेशेवरों की मांग में 33 फीसदी की उल्लेखनीय बढ़ोतरी रही। अकाउंटिंग एवं फाइनेंस में 15 फीसदी, शिक्षा में 13 फीसदी और बीपीओ/आईटीईएस में 6 फीसदी नौकरियां बढ़ी हैं।