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GST Reforms: 'उपभोक्ता मांग और कारोबार को मिलेगी नई रफ्तार', उद्योग जगत ने जीएसटी में सुधार का किया स्वागत

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नविता स्वरूप Updated Thu, 04 Sep 2025 07:41 PM IST
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सार

जीएसटी सुधार के फैसले को लेकर उद्योग का कहना है यह एक बहुत बड़ा कदम है और इससे उपभोक्ता मांग में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं अब विलासिता की वस्तुएं नहीं रहकर आवश्यक वस्तुएं हो गई है और एक नई जीवनशैली में जरूरत भी हैं। साथ ही  दरों को दो स्लैब में लाने से विक्रेता, खरीदार और निर्माता तीनों को फायदा होगा, यानी 360 डिग्री कारोबार पर सकारात्मक असर होगा।

Consumer demand and business will get new momentum, industry welcomes reforms in GST
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
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विस्तार
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सरकार ने त्योहारों से पहले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने केवल दो कर यानी 5 और 18 प्रतिशत में बदल दिया है। इसके अलावा लग्जरी वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर को रखा गया है। यह कर दर 22 सिंतबर से प्रभावी होगी। उद्योग का कहना है जीएसटी सुधार एक बहुत बड़ा कदम है, इससे उपभोक्ता मांग में बढ़ावा मिलने के साथ सभी क्षेत्र में कारोबार में तेजी आएगी। वहीं दूसरी ओर निर्माण क्षमता में विस्तार होगा, जो सूक्ष्म एवं लघु उद्योग को बढ़ाने में मदद करेगा।

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उपभोक्ता भावनाओं को बेहतर बनाने में मिलेगी मदद

गोदरेज एंटरप्राइजेज समूह के अप्लाइंसेज कारोबार के बिजनेस हेड एवं ईवीपी कमल नंदी ने बताया कि जीएसटी में सुधार का उद्योग स्वागत करता है। इससे उपभोक्ता भावनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और कई स्तर पर कारोबार भी बेहतर होगा। एयर कंडीशनर और डिशवॉशर जैसे उत्पादों में जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत सकारात्मक कदम है। देखा जाए तो भारत में अब एयर कंडीशनर विलासित वस्तु नहीं है, वह अब जरूरत बन गई है। जीएसटी सुधार से उपभोक्ताओं की खरीदारी बढ़ेगी और समय के साथ उत्पाद प्रवेश के स्तर में सुधार होने की उम्मीद है। कुल मिलाकर उद्योग को तो फायदा होगा साथ ही आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के लिए जीएसटी युक्तिकरण अच्छा फैसला है। इससे उपभोक्ताओं की आत्मविश्वास को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

इस कटौती से उपभोक्ताओं को 10% का फायदा होगा

ब्लू स्टार के एमडी बी त्यागराजन का कहना है कि एयर कंडीशनर पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से इसकी खरीदारी में बढ़ोतरी होगी। यह एतिहासिक कदम है और इससे विशेषकर दूसरे और तीसरे दर्ज के शहरों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं अब विलासिता की वस्तुएं नहीं रहकर आवश्यक वस्तुएं हो गई है और एक नई जीवनशैली में जरूरत भी हैं। वे कहते हैं इस कटौती से उपभोक्ता को 10 प्रतिशत का फायदा होगा और यह उद्योग के लिए सरकारात्मक होगा। इलेक्ट्रिल उत्पादा बेचने वाले रिटेल चेन विजय सेल्स का कहना है कि जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ता खर्च अधिक प्रोत्साहित होगा साथ ही उपभोक्ता खरीदारी, खुदरा विश्वास को बढ़ावा के साथ संपूर्ण बाजार की धारणा मजबूत करने में मदद मिलेगी।  

रोजर्मरा की आवश्यक वस्तुए अधिक किफायती होंगी

जॉय पर्सनल केयर (आरएसएच ग्लोबल) के सह संस्थापक एवं अध्यक्ष सुनील अग्रवाल बताते हैं कि दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को होगा। साथ ही व्यापक रूप से एफएमसीजी उद्योग (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) को ऊर्जा मिलेगी। परिवारों के लिए यह जीएसटी में कर कटौती वित्तीय दबाव को कम करती है और रोजर्मरा की आवश्यक वस्तुओं को अधिक किफायती बनाती है। उनका कहना है कि ग्रामीण भारत लगातार छह तिमाहियों से एफएमसीजी विकास को गति दे रहा है और यह कदम इन मूल्य संवेदनशील बाजारों में मांग को और मजबूत करेगा। वहीं दूसरी ओर शहरी खपत में सुधार करने में भी मदद करेगा। उनका कहना है जीएसटी दरों में कटौती आगामी त्योहारी सीजन में लाखों भारतीय परिवारों के हाथों में अधिक खर्च करने के लिए आय प्रदान करेगा।

एफएमसीजी उद्योग को होगा अधिक लाभ

यह केवल कर में कटौती से कहीं अधिक भारत की खपत की कहानी में विश्वास का संकेत देता है और एफएमसीजी उद्योग को बहुप्रतीक्षित बढ़ावा प्रदान करता है। इस क्षेत्र ने पहले ही 13.9 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि दर्ज की है, जिसमें ग्रामीण मांग, शहरी पुनुरुतद्धार और विशेष रूप से दक्षिणी महानगरों में ई -कॉमर्स के तेजी से बढ़ने से समर्थन मिला है। उन्होंने बताया कि छोटे निर्माताओं को भी मुद्रास्फीति में कमी से लाभ हुआ है और यह कर कटौती इस प्रवृत्ति को और भी मजबूती करेगी।

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी आसिफ मालबारी बताते हैं यह मांग के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह हमारे आर्थिक गति को बढ़ाने में योगदान देगा और उद्योग को बढ़ावा देगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि जीएसटी दरों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा।

घरेलू खपत को मिलेगा बढ़ावा

श्रीराम वेल्थ लिमिटेड के सीओओ और उत्पाद प्रमुख नवल कागलवाला का कहना है कि जीएसटी परिषद द्वारा कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का कदम भारत के व्यापार को और आसान बनाने के लिए उठाया गया कदम है, जो दीर्घकालिक संरचनात्मक विकास की नीव को मजबूत करता है। संपन्न परिवार के लिए विलासित कैटेगरी में उच्च कर से जीवनशैली की लागत में मामूली वृद्धि होगी, जबकि व्यापक अर्थव्यवस्था को रोजमर्रा की वस्तुओं पर कम कर से फायदा मिलेगा। मांग को बढ़ावा देने और विलासित एवं पाप उपभोग वस्तुओं को उच्च कर भार के साथ जोड़ने के बीच संतुलन को मापा जाता है। इसका संभावित शुद्ध राजस्व प्रभाव 48,000 करोड़ रुपये है। वे कहते हैं कि मांग और अन्य क्षेत्रों में संभावित वृद्धि से इस राजकोषिय प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे कई क्षेत्रों जैसे कि एफएमसीजी, स्वास्थ्य सेवा, आवास में नए अवसर पैदा होंगे। कुल मिलाकर इस बदलाव से घरेलू खपत में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

एमएसएमई उद्योग के लिए सकारात्मक कदम

महाराष्ट्र चैंबर के अध्यक्ष ललित गांधी कहते हैं कि जीएसटी कर दरों को दो स्लैब में लाने से विक्रेता, खरीदार और निर्माता तीनों को फायदा होगा, यानी 360 डिग्री कारोबार पर सकारात्मक असर होगा। जीएसटी दरों में कटौती से छोटे कारोबारियों  (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से राहत मिलेगी।

महाराष्ट्र उद्योग एवं व्यापार संघ चैंबर के अध्यक्ष दीपेन अग्रवाल कहते हैं कि यह कदम एमएसएमई उद्योग को राहत प्रदान करता है और उनके लंबे समय के लिए कारोबार को मजबूती प्रदान करता है। नवरात्र और दिवाली से पहले जीएसटी दरों में कटौती खरीदारी को बढ़ावा देगी इससे कारोबार की गति बढ़ेगी और यह अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा। हमारी मांग भविष्य में सरकार से एक ही टैक्स स्लैब की होगी, जिससे कारोबार संरचना और भी सरल होने में मदद मिलेगी।

निर्यातकों को रिफंड पर भी मिली राहत

सरकार ने घोषणा की है कि छोटे निर्यातकों के लिए रिफंड जो कि पहले 60 से 90 दिनों में आता था, वह अब 7 दिनों में दिया जाएगा। यह एमएसएमई उद्योग के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर है। बड़े निर्यातकों के पास अधिक कैपिटल होने से उन इसका असर नहीं होता, लेकिन छोटे निर्यातकों के पास अधिक कैपिटल नहीं होता है और वे अपने रिफंड पर निर्भर रहते हैं। इसलिए यह फैसला हमारे लिए राहत लेकर आया है। गांधी कहते हैं,  एमएसएमई उद्योग पिछले 6 से 7 वर्षों से जीएसटी दरों में कटौती की मांग करता रहा है, जिस पर सरकार ने अच्छा फैसला सुनाया है। इससे छोटे कारोबारियों को सबसे अधिक फायदा होगा, जिसमें फुटवियर, टैक्सटाइल, बर्तन उद्योग, छोटे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाले कारोबारियों सहित पूरे उद्योग को इससे बिक्री बढ़ेगी।

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