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Report: भारत में कॉरपोरेट समझौते छह तिमाहियों के सबसे उच्च स्तर पर, 999 सौदों में 44.3 अरब डॉलर के लेनदेन

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Tue, 04 Nov 2025 10:57 AM IST
सार

पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का डील मार्केट 2025 की तीसरे तिमाही में अपनी ऊपर की रफ्तार पर बना रहा। इसमें 999 ट्रांजैक्शन 44.3 अरब डॉलर के मूल्य के साथ दर्ज किए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में विलय-अधिग्रहण (M&A) और प्राइवेट इक्विटी निवेशक अब तेजी से रणनीतिक, बड़े पैमाने पर और वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने वाले अवसरों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

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Corporate deals in India hit a six-quarter high, with transactions worth $44.3 billion across 999 deals
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देश के कॉरपोरेट डील मार्केट ने 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर) में मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है। पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में कुल 999 सौदे हुए, जिनका कुल मू्ल्य 44.3 अरब डॉलर रहा। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह पिछले छह तिमाहियों में सबसे ऊंचा स्तर है। तिमाही आधार पर सौदों की मात्रा में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी और डील वैल्यू में 64 प्रतिशत की तेज वृद्धि दर्ज की गई है।

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एमएंडए और पीई का मतलब

कॉरपोरेट डील मार्केट में आमतौर पर विलय और अधिग्रहण (M&A) जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं, जहां कंपनियां अन्य कंपनियों का अधिग्रहण या विलय करती हैं। दूसरा प्रकार निजी इक्विटी (पीई) निवेश है, जहां निवेश फर्म या फंड कंपनियों में पैसा लगाते हैं, या तो हिस्सेदारी खरीदार या उनके विकास के लिए धन मुहैया कराकर। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में मामूली गिरावट के बाद विलय और अधिग्रहण (M&A) गतिविधियों ने बाजार की रफ्तार फिर से तेज की है।

एमएंडए में तीसरे में 518 सौदे हुए 

रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी तिमाही में 518 एमएंडए सौदे हुए, जिनकी कुल कीमत 28 अरब डॉलर रही। यह वॉल्यूम में 26 प्रतिशत और वैल्यू में 80 प्रतिशत की तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि को दर्शाता है। औसतन प्रति सौदे का आकार भी 59 मिलियन डॉलर से बढ़कर 74 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह दर्शाता है कि कंपनियां अब बड़े और रणनीतिक सौदों को प्राथमिकता दे रही हैं।

घरेलू एमएंडए ने निभाई मुख्य भूमिका

रिपोर्ट में कहा गया कि घरेलू एमएंडए इस वृद्धि का मुख्य आधार रहा। इसमें 381 सौदे शामिल थे, जो पिछली तिमाही की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन में भी सुधार दर्ज किया गया। इनबाउंड डील्स बढ़कर 55 और आउटबाउंड डील्स (भारतीय कंपनियों के विदेशी निवेश) बढ़कर 82 पर पहुंच गईं, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे ऊंचा स्तर है।

पिछले तिमाहियों में कुल सौदों की संख्या में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई 

पीडब्ल्यूसी के अनुसार पिछले छह तिमाहियों में, भारत के कुल सौदों की संख्या में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि कुल सौदों का मूल्य लगभग दोगुना हो गया है। यह देश के अधिक परिपक्व और मूल्य-संचालित निवेश परिवेश की ओर संक्रमण को दर्शाता है। 

भारत दुनिया के डील मार्केट्स के रूपर में उभर रहा

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में विलय-अधिग्रहण (M&A) और प्राइवेट इक्विटी निवेशक अब तेजी से रणनीतिक, बड़े पैमाने पर और वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने वाले अवसरों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। तीसरी तिमाही में बढ़ती गतिविधि और डील साइज में वृद्धि ने यह साफ कर दिया है कि भारत अब दुनिया के सबसे गतिशील और सक्रिय डील मार्केट्स में से एक के रूप में उभर रहा है।

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