US Tariff: अर्थशास्त्री चिकरमाने ने ट्रंप के 50% टैरिफ को बताया पाखंड, चीन-ईयू को मिली रियायत पर उठाए सवाल
वरिष्ठ अर्थशास्त्री चिकरमाने ने ट्रंप के टैरिफ की कड़ी आलोचना करते हुए इसे पाखंड और दबंगई करार दिया। उन्होंने कहा कि चीन भारत की तुलना में रूस से दोगुना अधिक खरीदता है। वहीं 2024 में ईयू ने रूस से 22 अरब यूरो मूल्य की गैस खरीदी। इसके बावजूद भारत पर अधिक टैरिफ लगाया है।

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वरिष्ठ अर्थशास्त्री और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के उपाध्यक्ष गौतम चिकरमाने ने ट्रंप के टैरिफ की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस पाखंड और दबंगई करार दिया। चिकरमाने ने कहा कि ट्रंप का यह कदम "पूरी तरह अतार्किक" है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का व्यापार घाटा चीन के साथ कहीं अधिक है, इसके बावजूद चीन पर भारत की तुलना में कम टैरिफ लगाया गया है।

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भारत पर 50% टैरिफ लगाना अतार्किक
अर्थशास्त्री ने कहा कि ट्रंप ने गलत ढंग से 25 प्रतिशत कर लगाया। इसके अलावा, उन्होंने रूसी तेल आयात को लेकर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना लगाया। इससे हमारा कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। हम सभी ऐसी चीज में तर्क खोजने की कोशिश कर रहे हैं जो पूरी तरह से अतार्किक है।
चीन का व्यापार घाटा भारत से छह गुना अधिक
उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप ने टैरिफ उच्च व्यापार घाटे के कारण लगाए थे। अमेरिका के साथ चीन का व्यापार घाटा 295 अरब डॉलर है। भारत का 46 अरब डॉलर, इस प्रकार चीन भारत से लगभग छह गुना अधिक है और चीन पर टैरिफ 30 प्रतिशत है। यूरोपीय संघ का घाटा 226 अरब डॉलर है। यह भारत से पांच गुना अधिक है और वहां टैरिफ 15 प्रतिशत है।
चीन रूस से दोगुना अधिक तेल खरीदता है
रूसी तेल खरीदने पर भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत जुर्माने पर सवाल उठाते हुए चिकरमाने ने अमेरिका पर निशाना साधा और कहा कि चीन 2024 में भारत की तुलना से लगभग दोगुना रूसी तेल खरीदता है फिर भी उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया।
यूरोपीय संघ रूस से 22 अरब यूरो मूल्य का गैस खरीदा
चिकरमाने ने यूरोपीय संघ पर यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ ने रूस से 22 अरब यूरो मूल्य की गैस खरीदी, लेकिन दंड का सामना करने के बजाय, वे भारत पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं ।
ईयू भी समान रूप से रूसी युद्ध का वित्तपोषण कर रहा है
उन्होंने कहा कि 2024 में भारत ने 49 अरब यूरो का रूसी तेल खरीदा। वहीं चीन ने कितना 78 अरब यूरो का रूसी तेल खरीदा? यह लगभग दोगुना है और फिर भी चीन पर कोई जुर्माना नहीं है। यह केवल भारत पर है। इसी अवधि में यूरोपीय संघ ने 22 अरब यूरो की गैस खरीदी और हम यहां कोयले और अन्य चीजों की बात नहीं कर रहे हैं। उनपर कितना जुर्माना लगाया गया? इसके विपरीत, वे प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर भारत रूसी तेल खरीदकर रूस युद्ध का वित्तपोषण कर रहा है, तो यूरोपीय संघ समान रूप से यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध का वित्तपोषण कर रहा है। पुतिन के अनुसार, ट्रम्प के आने के बाद से अमेरिका के साथ व्यापार 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है। यह सब पाखंड है, यह हमारे जैसे लोगों पर दादागीरी है जो नीति, मापदंडों पर काम करते हैं।
27 अगस्त को, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गया। उद्योग विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि 50 प्रतिशत टैरिफ से व्यापार पर असर पड़ेगा। विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर जिन पर टैरिफ लगाया गया है और इन क्षेत्रों को अमेरिका में व्यापार घाटा होगा। इसका असर कपड़ा, रसायन और मशीनरी जैसे उद्योगों पर पड़ेगा।