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ITR: पहली बार व्यक्तिगत आयकर ने कॉरपोरेट टैक्स को पीछे छोड़ा, जेएम फाइनेंशियल की रिपोर्ट में दावा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रिया दुबे
Updated Wed, 27 Aug 2025 04:51 PM IST
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सार
जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटिज की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पहली बार व्यक्तिगत आयकर संग्रह कॉरपोरेट करों से आगे निकल गया है। कुल प्रत्यक्ष करों में व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2014 के 38.1 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 53.4 प्रतिशत हो गई। वहीं इसी अवधि में कॉर्पोरेट कर 61.9 प्रतिशत से घटकर 46.6 प्रतिशत हो गया।

पहली बार व्यक्तिगत आयकर संग्रह कॉरपोरेट करों से आगे
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत में पहली बार व्यक्तिगत आयकर संग्रह कॉरपोरेट करों से आगे निकल गया है। जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटिज की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार यह प्रवृत्ति देश में औपचारिककरण, डिजिटलीकरण और कर अनुपालन में मजबूती की वजह से देखने को मिली है।

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व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी बढ़कर 53.4 प्रतिशत हुई
कुल प्रत्यक्ष करों में व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2014 के 38.1 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 53.4 प्रतिशत हो गई। वहीं इसी अवधि में कॉर्पोरेट कर 61.9 प्रतिशत से घटकर 46.6 प्रतिशत हो गया।
व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.3 गुना बढ़ी
पिछले एक दशक में भारत के प्रत्यक्ष कर अनुपालन में बड़े बदलाव हुए हैं। व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.3 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2014 के 30.5 मिलियन से वित्त वर्ष 2023 में 69.7 मिलियन हो गई। बिना रिटर्न दाखिल किए टीडीएस के माध्यम से कर चुकाने वालों को शामिल करने पर करदाताओं का आधार लगभग दोगुना होकर 53.8 मिलियन से 99.2 मिलियन हो गया।
टीडीएस संग्रह दोगुनी होकर 6.5 ट्रिलियन रुपये हुआ
इस वृद्धि को मजबूत अग्रिम अनुपालन का समर्थन प्राप्त है। स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) संग्रह वित्त वर्ष 2014 के 2.5 ट्रिलियन रुपये से दोगुना होकर वित्त वर्ष 2024 में 6.5 ट्रिलियन रुपये हो गया। वहीं अग्रिम कर भुगतान लगभग चार गुना बढ़कर 2.9 ट्रिलियन रुपये से 12.8 ट्रिलियन रुपये हो गया। टीडीएस और अग्रिम कर भुगतान अब कुल प्रत्यक्ष करों के आधे से ज्यादा के बराबर है।
जीएसटी करदाताओं की संख्या बढ़कर 14.7 मिलियन हो गई
2017 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरुआत ने इनवॉइस-मिलान और डेटा एकीकरण के माध्यम से प्रत्यक्ष कर अनुपालन को और मजबूत किया है। सक्रिय जीएसटी करदाताओं की संख्या 2019 में 12.4 मिलियन से बढ़कर 2024 में 14.7 मिलियन हो गई। इससे कई पूर्व अपंजीकृत व्यवसायों को औपचारिक रूप मिला। इस डिजिटल ट्रेल ने कर अधिकारियों को आय घोषणाओं का दोबारा सत्यापन करने और कर चोरी पर अंकुश लगाने में सक्षम बनाया है।
व्यक्तिगत आयकर संग्रह बढ़कर 35.2 ट्रिलियन रुपये हो गई
घोषित वेतन में वृद्धि से व्यक्तिगत आयकर संग्रह में भी तेजी आई है। यह वित्त वर्ष 2014 के 9.8 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 35.2 ट्रिलियन रुपये हो गया, यानी इसमें 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई। इसी अवधि में, व्यक्तिगत कर संग्रह 2.4 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 8.3 ट्रिलियन रुपये हो गया।
भारत की केवल 6.9 प्रतिशत आबादी ही आयकर देती है
प्रत्यक्ष कर और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात वित्त वर्ष 2001 के 3.2 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 6.6 प्रतिशत हो गया। हालांकि, अभी भी भारत की केवल 6.9 प्रतिशत आबादी ही आयकर देती है, जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में यह लगभग 50 प्रतिशत है।
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