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IMEI नंबर बदलने पर भी खोज सकेंगे चोरी हुआ मोबाइल फोन, शुरू हुई नई तकनीक

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला Published by: paliwal पालीवाल Updated Thu, 30 Jan 2020 07:38 PM IST
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if imei number is changed than also stolen mobile can be found easily
सांकेतिक चित्र
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देश में नकली मोबाइल के आयात और चोरी हुए मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदलने पर भी उसे छुपाना आसान नहीं रह जाएगा। दूरसंचार विभाग ने आईएमईआई नंबर जारी करने और उसके प्रबंधन का जिम्मा निजी कंपनी से अपने हाथ में ले लिया है। साथ ही नई प्रणाली आईसीडीआर भी विकसित की है। 


वैश्विक उद्योग संगठन जीएसएमए और उससे अधिकृत संगठन किसी भी मोबाइल के लिए 15 अंकों की विशेष अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) संख्या जारी करते हैं। भारत में इस प्रक्रिया का प्रबंधन मोबाइल स्टैंडर्ड अलायंस ऑफ इंडिया (एमएसएआई) कर रहा है।
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अब यह जिम्मेदारी दूरसंचार विभाग ने अपने हाथ में ले ली है। विभाग ने उद्योग निकायों और संबंधित सरकारी विभागों को 28 जनवरी को भेजे पत्र में कहा है कि सरकार एमएसएआई की प्रणाली को पूरी तरह बदलने जा रही है। इसके लिए नई प्रणाली इंडियन काउंटरफिटेड डिवाइस रजिस्ट्रेशन (आईसीडीआर) विकसित की गई है, जिसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने तैयार किया है। इस प्रणाली को केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (आईसीडीआर) की वेबसाइट से भी लिंक कर दिया गया है।  

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5.36 करोड़ मोबाइल यूजर्स को फायदा

मोबाइल गुम या चोरी होने पर https://www.ceir.gov.in साइट पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हालांकि, लोगों को पुलिस में भी शिकायत दर्ज करानी होगी। टेलीकॉम सचिव अंशु प्रकाश ने बताया कि देश के किसी भी कोने में अगर चोरी हुआ मोबाइल इस्तेमाल किया जा रहा होगा तो उसकी लोकेशन पता चल जाएगी और उसे ट्रेक किया जा सकेगा। जिसके जरिए पुलिस उस मोबाइल तक आसानी से पहुंच सकती है। इससे मोबाइल चोरी की घटनाओं में भारी कमी आएगी।

नकली मोबाइल और चोरी पर लगेगी रोक

सरकार ने नकली और फर्जी आईएमईआई संख्या वाले मोबाइल फोन के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मई 2015 में मानक परिचालन प्रक्रिया जारी की थी। इसमें बदलाव के बाद अब ऐसे उत्पादों को देश में लाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। साथ ही सीईआईआर के जरिये चोरी या गायब हुए मोबाइल फोन खोजना भी आसान हो जाएगा। नई प्रणाली मोबाइल से सिम हटाए जाने या आईएमईआई संख्या बदले जाने के बाद भी सभी नेटवर्क पर काम करती रहेगी और मोबाइल की पहचान की जा सकेगी। अभी हैकर्स फ्लैशर सॉफ्टवेयर की मदद से चोरी हुए मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदल देते हैं, जिसके बाद यह नया हो जाता है और इसकी पहचान नहीं हो पाती है। 

दूरसंचार विभाग द्वारा IMEI डाटाबेस जारी होने के बाद जिन लोगों का फोन चोरी हुआ है या खो गया है वे एक हेल्पलाइन नंबर से डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) को फोन के गुम या चोरी होने की जानकारी देंगे। इसके बाद विभाग आपके फोन की IMEI को ब्लैक लिस्ट कर देगा। इसके बाद उस फोन को भविष्य में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। वहीं जैसे ही ब्लैक लिस्ट किए गए फोन में कोई सिम कार्ड इस्तेमाल करेगा तो पहले पुलिस फोन को ब्लॉक करेगी और उसके बाद फोन को ट्रैक करेगी।

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mobile stolen

तीन कैटेगरी में होगी ब्लैक लिस्टिंग

दूरसंचार विभाग ने आईएमईआई नंबर को तीन पार्ट में ब्लैक लिस्ट करेगी जिनमें व्हाइट, ग्रे और ब्लैक शामिल हैं। व्हाइट लिस्ट में शामिल फोन को इस्तेमाल की अनुमित होगी, वहीं ब्लैक लिस्ट में शामिल फोन इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। वहीं ग्रे लिस्ट में उन फोन का डाटा होगा जो मानकों के अनुरूप नहीं हैं।

मोबाइल फोन निर्यात पर दो फीसदी शुल्क प्रोत्साहन फिर बहाल

सरकार ने मोबाइल फोन के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इनकी शिपमेंट पर एक बार फिर दो फीसदी अतिरिक्त शुल्क प्रोत्साहन बहाल कर दिया है। वाणिज्य मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। भारतीय वाणिज्य निर्यात योजना (एमईआईएस) के अंतर्गत यह शुल्क लाभ 1 जनवरी से प्रभावी हो गया है और 31 मार्च, 2020 तक लागू रहेगा।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ‘1 जनवरी से 31 मार्च, 2020 तक निर्यात होने वाले मोबाइल फोन के लिए 2 फीसदी अतिरिक्त प्रोत्साहन अधिसूचित कर दिया गया है।’ डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय की एक इकाई है, जो निर्यात और आयात से जुड़े मुद्दों पर गौर करती है। निदेशालय ने बीते साल 7 दिसंबर को निर्यात प्रोत्साहन 4 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया था। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने इस प्रोत्साहन में कटौती पर निराशा जाहिर करते हुए कहा था कि इससे नौकरियों में व्यापक स्तर पर छंटनी हो सकती है।

25 हजार करोड़ के स्तर पर पहुंचा निर्यात

अनुमानों के मुताबिक, भारत से मोबाइल फोन निर्यात 2017-18 के 1,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 25 हजार करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है। एमईआईएस के अंतर्गत सरकार उत्पाद और देश के आधार पर शुल्क लाभ उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत उत्पाद की कीमत पर प्रतिशत में रिवार्ड दिया जाता है और एमईआईएस शुल्क लाभ को हस्तांतरित किया जा सकता है या इसे बुनियादी सीमा शुल्क सहित विभिन्न शुल्कों के भुगतान में इस्तेमाल किया जाता है।
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