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Report: क्रेडिट कार्ड खर्च हर महीने 2.20 लाख करोड़ पार, 23% बढ़ा बकाया; अब दैनिक खरीदारी में भी बढ़ा इस्तेमाल
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: शिवम गर्ग
Updated Thu, 30 Oct 2025 07:10 AM IST
सार
भारत में हर महीने क्रेडिट कार्ड से खर्च ₹2.20 लाख करोड़ पार। वर्ल्डलाइन रिपोर्ट के मुताबिक, 18 महीनों में बकाया 23% बढ़ा। अब लोग दैनिक खरीदारी के लिए भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे।
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credit card
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
देश में क्रेडिट कार्डधारकों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच खर्च में भी तेजी देखी जा रही है। क्रेडिट कार्ड से हर महीने खर्च 2.20 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। खास बात है कि क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च सिर्फ यात्रा और उच्च-मूल्य वाली ई-कॉमर्स खरीदारी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोग अब खाने-पीने के सामान, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और कम मूल्य वाले उत्पाद खरीदने में भी इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं।
वर्ल्डलाइन की बुधवार को जारी इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी, 2024 से जून, 2025 के बीच यानी 18 महीनों में क्रेडिट कार्ड बकाये में 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड के बढ़ते उपयोग के बाद भी प्रति लेनदेन औसत टिकट साइज में 6 फीसदी की गिरावट आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जून, 2025 तक क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन लेनदेन संख्या के लिहाज से 36 फीसदी बढ़कर 1.32 अरब पहुंच गया है। वहीं, खर्च 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7.02 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। हालांकि, डेबिट कार्ड से होने वाले लेनदेन की संख्या 28 फीसदी घटकर 17.4 करोड़ रह गई है।
नेटबैंकिंग : 717.4 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन
नेटबैंकिंग से 2025 की पहली छमाही में 717.4 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए। यह 2024 की पहली छमाही से 30 फीसदी अधिक है। हालांकि, नेटबैंकिंग लेनदेन की संख्या एक फीसदी घटकर 2.22 अरब रही।
2025 की पहली छमाही में मोबाइल से 209.7 लाख करोड़ रुपये के 98.9 अरब लेनदेन हुए। संख्या के लिहाज से लेनदेन में 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, औसत टिकट साइज 10 फीसदी घटकर 2,120 रुपये रह गया। फास्टैग से भुगतान की संख्या सालाना आधार पर 16 फीसदी बढ़कर 2.32 अरब पहुंच गई। मूल्य के लिहाज से भुगतान 18 फीसदी बढ़कर 405 अरब रुपये पहुंच गया।
शीर्ष-पांच जारीकर्ता बैंक
क्रेडिट कार्ड : एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और आरबीएल बैंक।
डेबिट कार्ड : एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया।
यूपीआई : लेनदेन में 35 फीसदी की तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक, 18 माह में यूपीआई लेनदेन की संख्या में 50.82 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। जनवरी, 2024 में कुल 12.2 अरब यूपीआई लेनदेन हुए थे, जिनकी संख्या जून, 2025 तक बढ़कर 18.4 अरब पहुंच गई।
वर्ल्डलाइन की बुधवार को जारी इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी, 2024 से जून, 2025 के बीच यानी 18 महीनों में क्रेडिट कार्ड बकाये में 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड के बढ़ते उपयोग के बाद भी प्रति लेनदेन औसत टिकट साइज में 6 फीसदी की गिरावट आई है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, जून, 2025 तक क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन लेनदेन संख्या के लिहाज से 36 फीसदी बढ़कर 1.32 अरब पहुंच गया है। वहीं, खर्च 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7.02 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। हालांकि, डेबिट कार्ड से होने वाले लेनदेन की संख्या 28 फीसदी घटकर 17.4 करोड़ रह गई है।
नेटबैंकिंग : 717.4 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन
नेटबैंकिंग से 2025 की पहली छमाही में 717.4 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए। यह 2024 की पहली छमाही से 30 फीसदी अधिक है। हालांकि, नेटबैंकिंग लेनदेन की संख्या एक फीसदी घटकर 2.22 अरब रही।
- औसत लेनदेन का आकार बढ़कर 3,13,954 रुपये पहुंच गया, जो सभी भुगतान माध्यमों में सर्वाधिक है। एक साल पहले की समान अवधि में औसत लेनदेन आकार 2,39,421 रुपये था।
- आंकड़े बताते हैं कि नेटबैंकिंग अब भी वित्तीय व्यवस्था की रीढ़ है। कॉरपोरेशन, कोषागार और सरकारी एजेंसियां टैक्स भुगतान, जीएसटी एवं बड़े आकार के लेनदेन के लिए नेटबैंकिंग पर निर्भर हैं।
2025 की पहली छमाही में मोबाइल से 209.7 लाख करोड़ रुपये के 98.9 अरब लेनदेन हुए। संख्या के लिहाज से लेनदेन में 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, औसत टिकट साइज 10 फीसदी घटकर 2,120 रुपये रह गया। फास्टैग से भुगतान की संख्या सालाना आधार पर 16 फीसदी बढ़कर 2.32 अरब पहुंच गई। मूल्य के लिहाज से भुगतान 18 फीसदी बढ़कर 405 अरब रुपये पहुंच गया।
शीर्ष-पांच जारीकर्ता बैंक
क्रेडिट कार्ड : एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और आरबीएल बैंक।
डेबिट कार्ड : एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया।
यूपीआई : लेनदेन में 35 फीसदी की तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक, 18 माह में यूपीआई लेनदेन की संख्या में 50.82 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। जनवरी, 2024 में कुल 12.2 अरब यूपीआई लेनदेन हुए थे, जिनकी संख्या जून, 2025 तक बढ़कर 18.4 अरब पहुंच गई।
- 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में कुल 143.34 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई लेनदेन हुए, जो सालाना आधार पर 23 फीसदी अधिक है। वहीं, यूपीआई लेनदेन की संख्या 35 फीसदी बढ़कर 106.36 अरब पहुंच गई।
- हालांकि, यूपीआई लेनदेन का औसत टिकट साइज 2024 की पहली छमाही के 1,478 रुपये से 9 फीसदी घटकर 1,348 रुपये रह गया। टिकट साइज का मतलब हर ग्राहक की ओर से किए औसत भुगतान से है।
- वर्ल्डलाइन इंडिया के सीईओ रमेश नरसिम्हन ने बताया, औसत टिकट साइज में गिरावट का मतलब कोई कमजोरी नहीं, बल्कि यूपीआई की शक्ति है। किराना, डिलीवरी प्लेटफॉर्म, मोबिलिटी सेवाओं और यूटिलिटी पर कम खर्च यह दर्शाता है कि क्यूआर कोड डिफॉल्ट भुगतान मोड के रूप में सामान्य हो गए हैं।