Global Teacher Prize 2026: 1 मिलियन डॉलर का ग्लोबल टीचर प्राइज, भारत के तीन शिक्षक टॉप-50 शॉर्टलिस्ट में शामिल
Indian Teachers: भारत के तीन शिक्षकों ने अपने अनोखे और प्रभावशाली शिक्षण कार्य से देश का नाम रोशन किया है। उन्हें 1 मिलियन डॉलर के ग्लोबल टीचर प्राइज 2026 की टॉप-50 सूची में जगह मिली है।
विस्तार
ये तीन शिक्षक हैं:
- सुधांशु शेखर पांडा - मेरठ के एक स्कूल में शिक्षक हैं।
- महराज खुरशीद मलिक - जम्मू और कश्मीर के शिक्षक हैं।
- रूबल नागी - जो पूरे भारत में झुग्गियों और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के लिए काम कर रही हैं।
139 देशों से 5,000 से अधिक नामांकन
यूके स्थित वर्की फाउंडेशन द्वारा आयोजित GEMS एजुकेशन वर्ल्डवाइड प्रतियोगिता, जो संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के सहयोग से आयोजित की जाती है, को अपने 10वें संस्करण के लिए 139 देशों से 5,000 से अधिक नॉमिनेशन मिले।
ग्लोबल टीचर प्राइज के भारतीय मूल के संस्थापक सन्नी वर्की ने भारतीय नॉमिनी के बारे में कहा, "ग्लोबल टीचर प्राइज एक साधारण मिशन के साथ बनाया गया था: आप जैसे शिक्षकों पर रोशनी डालना – ऐसे शिक्षक जिनका समर्पण, रचनात्मकता और करुणा दुनिया के साथ साझा करने और जश्न मनाने लायक है।"
उन्होंने कहा, "शिक्षक दिमाग को आकार देते हैं, आत्मविश्वास जगाते हैं, और ऐसे दरवाजे खोलते हैं जिनके माध्यम से युवा लोग अपने और दूसरों के लिए उज्जवल भविष्य बनाते हैं। आपका काम क्लासरूम से कहीं आगे तक फैला हुआ है - यह जीवन को छूता है और दुनिया को आकार देता है।"
पांडा और मलिक के काम को मिली वैश्विक पहचान
मेरठ के के एल इंटरनेशनल स्कूल में इकोनॉमिक्स और ज्योग्राफी के टीचर पांडा को अलग-अलग बैकग्राउंड के छात्रों के साथ उनके काम के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग, आर्ट-इंटीग्रेटेड इंस्ट्रक्शन, शुरुआती टेक्नोलॉजी अपनाने और योग के माध्यम से उनके इनोवेटिव दृष्टिकोण ने लगातार उनके छात्रों में अच्छे परिणाम दिखाए हैं।
पांडा ने फुहार की भी स्थापना की, जो शिक्षा, जरूरी संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करके वंचित परिवारों का समर्थन करता है।
मलिक को कश्मीर के संघर्ष क्षेत्र में एक शिक्षक और सामुदायिक मेंटर के रूप में उनके काम के लिए चुना गया है, जिसके मूल में शांति निर्माण, भावनात्मक उपचार और कट्टरपंथ को खत्म करना है।
माइक्रोसॉफ्ट में करियर छोड़ने के बाद, मलिक ने लगभग एक दशक स्कूलों, धार्मिक संस्थानों, पुनर्वास केंद्रों और जेलों में पढ़ाने में बिताया है। उन्हें दो हस्तक्षेप मॉडल बनाने के लिए पहचाना गया है: इंसानियत करिकुलम, एक सहानुभूति-संचालित साल भर चलने वाला स्कूल कार्यक्रम, और सही रास्ता, क्षेत्र के लिए 23-दिवसीय पुनर्वास मॉडल।
फरवरी में दुबई में घोषित होगा विजेता
शॉर्टलिस्ट में तीसरी भारतीय नागी, रूबल नागी आर्ट फाउंडेशन (RNAF) की फाउंडर हैं - जिसे कम लागत वाले, आसानी से मिलने वाले लर्निंग मॉडल के लिए बनाया गया है, जो शिक्षा को सीधे जरूरतमंद इलाकों तक पहुंचाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। उनके मुख्य कार्यक्रमों में मिसाल मुंबई और मिसाल इंडिया शामिल हैं, जो पूरे भारत के 100 से ज़्यादा झुग्गियों और गांवों में कला, शिक्षा, स्वच्छता और सामुदायिक विकास को जोड़ते हैं।
प्राइज के आयोजकों ने एक बयान में कहा, "ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए अप्लाई करने वाले टीचर्स का मूल्यांकन उनकी टीचिंग प्रैक्टिस, स्थानीय चुनौतियों से निपटने के लिए वे कैसे नए तरीके अपनाते हैं, सीखने के अच्छे नतीजे कैसे हासिल करते हैं, क्लासरूम से बाहर समुदाय पर क्या असर डालते हैं, बच्चों को ग्लोबल नागरिक बनने में कैसे मदद करते हैं, टीचिंग पेशे को कैसे बेहतर बनाते हैं और बाहरी संस्थाओं से पहचान कैसे हासिल करते हैं, इन सब बातों पर किया जाता है।"
2026 का प्राइज टॉप 10 फाइनलिस्ट तक सीमित कर दिया जाएगा, जिसमें एक विजेता को प्रमुख व्यक्तियों की ग्लोबल टीचर प्राइज एकेडमी द्वारा चुना जाएगा और फरवरी में दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में इसकी घोषणा की जाएगी।