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Patel Jayanti Essay: एकता के शिल्पकार थे सरदार वल्लभभाई पटेल, पढ़ें भारत के लौह पुरुष पर प्रेरणादायक निबंध

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: आकाश कुमार Updated Thu, 30 Oct 2025 08:41 PM IST
सार

National Unity Day 2025: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती 31 अक्तूबर 2025 को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाएगी। लौह पुरुष पटेल ने 550 रियासतों को एकजुट कर भारत की नींव मजबूत की। इस दिन देशभर में रन फॉर यूनिटी और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
 

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Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2025: Essay on Iron Man of India and National Unity Day
लौह पुरुष सरदार पटेल जयंती - फोटो : Amar ujala
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विस्तार
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Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2025: भारत के इतिहास में यदि किसी व्यक्ति को "एकता का प्रतीक" कहा जाए, तो वह निस्संदेह सरदार वल्लभभाई पटेल हैं। उन्हें उनके अद्भुत नेतृत्व, दृढ़ निश्चय और अटूट राष्ट्रभक्ति के कारण "लौह पुरुष" (Iron Man of India) के नाम से जाना जाता है। देश के एकीकरण में उनका योगदान अतुलनीय रहा है।



इस वर्ष पूरा भारत 31 अक्तूबर 2025 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मनाने जा रहा है। उनकी स्मृति में हर साल यह दिन राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस हमें एकता, अखंडता और राष्ट्रभक्ति के मूल्यों को पुनः स्मरण करने का अवसर देता है।

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राष्ट्रीय एकता दिवस और "रन फॉर यूनिटी"

इस विशेष अवसर पर पूरे देश में “रन फॉर यूनिटी” (Run for Unity) कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में भाषण, वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिनका उद्देश्य सरदार पटेल के योगदान और विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।

यदि आप भी इस अवसर पर निबंध लिखने की तैयारी कर रहे हैं, तो यहां हम आपके लिए एक प्रभावशाली और सुव्यवस्थित निबंध का प्रारूप लेकर आए हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी (Sardar Vallabhbhai Patel Biography in Hindi)

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्तूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम झवेरभाई पटेल और माता का नाम लाडबाई था। बचपन से ही वे परिश्रमी, ईमानदार और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति थे।

उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में प्राप्त की और आगे चलकर इंग्लैंड जाकर कानून की पढ़ाई पूरी की। वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने अहमदाबाद में वकालत का अभ्यास शुरू किया।

सरदार की उपाधि कैसे मिली?

सरदार पटेल महात्मा गांधी के विचारों से गहराई से प्रभावित थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और खेड़ा सत्याग्रह, नागपुर ध्वज आंदोलन, और विशेष रूप से बारडोली सत्याग्रह का सफल नेतृत्व किया।

बारडोली आंदोलन के दौरान किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनके अडिग नेतृत्व और संघर्ष को देखकर वहां की जनता ने उन्हें “सरदार” की उपाधि दी। यही उपाधि आगे चलकर उनकी पहचान बन गई।

सरदार पटेल का योगदान और भारत का एकीकरण

जब 1947 में भारत आजाद हुआ, तब देश 550 से अधिक रियासतों में बंटा हुआ था। इन रियासतों को भारत संघ में शामिल करना एक असंभव कार्य माना जा रहा था। लेकिन सरदार पटेल ने अपने राजनीतिक कौशल, कूटनीति और दृढ़ संकल्प के बल पर यह कार्य पूरा किया।

भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री के रूप में उन्होंने उन रियासतों को एक सूत्र में पिरोया, जो आज भारत की एकता और अखंडता की नींव हैं। उनका यह कार्य हमेशा भारतीय इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।

सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर निबंध कैसे लिखें?

यदि आप स्कूल या कॉलेज में सरदार पटेल जयंती पर निबंध लिख रहे हैं, तो निबंध की शुरुआत उनके किसी प्रेरणादायक उद्धरण से करें, जैसे -

"मेरी एकता ही मेरी ताकत है और मेरी ताकत ही मेरा राष्ट्र है।"

इसके बाद उनके जीवन, विचार, कार्य और भारत के एकीकरण में योगदान का क्रमबद्ध उल्लेख करें। भाषा सरल, प्रभावशाली और प्रेरणादायक रखें। अंत में निष्कर्ष में लिखें कि सरदार पटेल की सोच और समर्पण आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

सरदार पटेल के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य 

  • सरदार पटेल का पूरा नाम वल्लभभाई झावरभाई पटेल था।
  • उन्हें “सरदार” की उपाधि 1928 में बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद मिली।
  • वे भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री बने।
  • उन्होंने भारतीय सिविल सर्विस (ICS) को “Indian Administrative Service (IAS)” के रूप में नया रूप दिया।
  • 2018 में उनके सम्मान में बनी Statue of Unity दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जिसकी माप 182 मीटर है।
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