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UGC Guideline: यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को जारी किए रैगिंग के विरुद्ध अहम दिशा-निर्देश

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: सुभाष कुमार Updated Tue, 04 Oct 2022 06:25 PM IST
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सार

यूजीसी सचिव रजनीश जैन विश्वविद्यालयों को लिखे पत्र में कहा कि रैगिंग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने और परेशानी के कारणों की पहचान करने के लिए छात्रों के साथ नियमित बातचीत और परामर्श आयोजित किया जाना चाहिए।

UGC suggests measures to universities to deal with ragging in their campuses
यूजीसी - फोटो : पीटीआई

विस्तार
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों को उनके परिसरों में रैगिंग के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों को लेकर निर्देश जारी किया है। जारी किए गए दिशा-निर्देशों में रैगिंग विरोधी समिति का गठन, छात्रों के साथ नियमित बातचीत और परामर्श, और छात्रावासों में औचक निरीक्षण इन निर्देशों में शामिल हैं।

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यूजीसी सचिव रजनीश जैन विश्वविद्यालयों को लिखे पत्र में कहा कि रैगिंग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने और परेशानी के कारणों की पहचान करने के लिए छात्रों के साथ नियमित बातचीत और परामर्श आयोजित किया जाना चाहिए। यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने छात्रावास, छात्रों के आवास, कैंटीन, विश्राम-सह-मनोरंजन कक्ष, शौचालय, बस स्टैंड और किसी भी अन्य उपाय जो रैगिंग को रोकने / रोकने में अच्छी तरह से सहायक हो सकते हैं, के औचक निरीक्षण करने का सुझाव दिया है। 
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निर्देश में कहा गया है कि रैगिंग रोधी समिति का गठन, रैगिंग रोधी दस्ता, रैगिंग रोधी प्रकोष्ठ की स्थापना एवं इन उपायों का विभिन्न मीडिया के माध्यम से पर्याप्त प्रचार-प्रसार, संस्था के विवरणिका एवं सूचना पुस्तिका एवं ब्रोशर में रैगिंग विरोधी चेतावनी का स्पष्ट उल्लेख सुनिश्चित किया जायेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अपने परामर्श में सूचीबद्ध उपायों में रैगिंग के मामले में प्रवेशित छात्रों को विस्तृत मार्गदर्शन देने वाले ई-प्रवेश पुस्तिका या ब्रोशर, और संस्थानों के ई-पत्रक तैयार करना शामिल है।

यूजीसी ने कहा है कि महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, रैगिंग विरोधी समिति से संबंधित नोडल अधिकारियों के पूरे पते और संपर्क विवरण के साथ संस्थानों की वेबसाइटों का को पब्लिश करना, और इस विचार को फैलाने के लिए एंटी-रैगिंग कार्यशालाएं, सेमिनार और अन्य रचनात्मक कार्यक्रम भी होने चाहिए।

जैन ने कहा कि यूजीसी के नियमों का उल्लंघन या इन नियमों के अनुसार रैगिंग को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में संस्थान की विफलता या रैगिंग की घटनाओं के अपराधियों को उचित रूप से दंडित करने में विफलता, यूजीसी अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई को आकर्षित करेगी।

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