खाना खाते-खाते ही गुजर गए सतीश शाह, ‘भूतनाथ’ फेम निर्देशक ने बताया क्यों इंडस्ट्री से दूर हो गए थे एक्टर?
Vivek Sharma Shares Memories Related To Satish Shah: कॉमिक किरदारों को निभाने के लिए मशहूर रहे सतीश शाह ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। फिल्म ‘भूतनाथ’ के डायरेक्टर विवेक शर्मा उनके बारे में अमर उजाला के साथ कुछ खास बातें साझा कर रहे हैं।
विस्तार
आज अभिनेता सतीश शाह का निधन हो गया है। डायरेक्टर विवेक शर्मा उनके काफी करीबी रहे हैं। कई फिल्मों में दोनों ने साथ काम किया है। अमर उजाला डिजिटल को विवेक शर्मा ने सतीश शाह से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बताईं।
सतीश शाह ने हमेशा मुझे गाइड किया
सतीश शाह जी मेरे बड़े भाई और गुरु थे। हमारी हर दिन बात होती थी। वह बहुत गाइड करते थे। शनिवार सुबह ही हमारी बात हुई। अचानक किसी ने दिन में बताया कि उनका निधन हो गया। मुझे यकीन नहीं हुआ। मैंने रमेश को फोन किया, रमेश उनके बेटे जैसा है। कम लाेगों को मालूम नहीं है कि सतीश जी की कोई संतान नहीं है। रमेश ने ही मुझे बताया कि वह खाना खाते-खाते ही डाइनिंग टेबल पर गुजर गए, बाद में हॉस्पिटल में उन्हें मृत घोषित कर दिया। मुझे यह बात सुनकर बहुत दुख हुआ।
अब अखर रही है ना मिलने की बात
छह दिन पहले ही सतीश जी ने मुझे सेल्फी क्लिक करके भेजी थी। मुझे कह रहे थे कि वजन कम कर लिया है। मुझे बोले कि अब और हैंडसम हो गया हूं। मैंने कहा कि आप पहले से हैंडसम थे। मैंने उनसे कहा कि नवंबर से हम साथ काम करेंगे। मुझे बहुत डांट रहे थे कि मिलने नहीं आते हो। मैंने कहा कि आपकी किडनी प्रॉब्लम ठीक हो जाए, आपको इंफेक्शन नहीं होना चाहिए। आप ठीक हो जाइए, तो जरूर मिलने आऊंगा। दरअसल, डॉक्टर ने उनसे मिलने से मना किया। यह बात मुझे अब बहुत अखर रही है।
शाहरुख खान करते थे तारीफ
मैंने शाहरुख खान की फिल्म ‘दिल है हिंदुस्तानी’ और ‘मैं हूं ना’ में काम किया। इन फिल्माें में सतीश जी भी थे। आगे चलकर उन्होंने मेरी फिल्म ‘भूतनाथ’ और ‘कल किसने देखा’ की। हम लोगों का बहुत अच्छा बॉन्ड था। मेरी बहुत तारीफ करते थे। मेरा उनके साथ परिवार जैसा रिश्ता था। शाहरुख खान भी सतीश जी के कायल थे, उनकी बहुत तारीफ करते थे। ‘मैं हूं ना’ में प्रोफेसर माधव के किरदार में सतीश शाह ही थूक उड़ाने वाला सीन कर सकते थे, इसलिए उनको कास्ट किया गया था। मुंह में पानी भरकर क्लास रूम में थूक उड़ाने वाला सीन सिर्फ और सिर्फ सतीश जी ही कर सकते थे। वह सीन काफी पॉपुलर हुआ था।
कई लोगों की मदद की
बहुत कम लोग जानते हैं कि सतीश शाह जी बहुत दयालु थे। उन्होंने कई कलाकारों की मदद की है। वह कई एक्टर्स को स्ट्रगल के दौर में अपने घर में आसरा देते थे। दीप्ति नवल जी भी कुछ समय उनके घर में रहीं। वह उनके कई किस्से बता देंगी। सतीश जी ने कभी अपनी दरियादिली के किस्से किसी को नहीं बताए। वह नसीरुद्दीन शाह को बहुत प्यार करते थे। जब नसीर साहब कुछ ट्विटर पर लिख देते थे और ट्रोल होते थे तो सतीश जी अकेले ही उन्हें सपोर्ट करते थे। हॉस्पिटल में उनसे मिलने ज्यादातर नसीर साहब ही आते थे। रुपाली गांगुली के वह काफी करीबी हैं, दोनों परिवार के जैसे हैं।
इस वजह से फिल्मों से बनाई दूरी
एक दिन उन्होंने मुझे कॉल किया और कहा कि ओटीटी पर काम करने के लिए कितना पैसा मांगना चाहिए। मैंने कहा कि आप सीनियर एक्टर हैं, आप कितना भी मांग लीजिए। वैसे उन्होंने फिल्मों से दूरी एक खास कारण से बनाई। सतीश जी ने बताया कि प्रोड्यूसर उन्हें नए एक्टर्स के मुकाबले अच्छे से ट्रीट नहीं करते हैं। नए एक्टर्स को बड़ी गाड़ी देते हैं और उन्हें नॉर्मल गाड़ी देते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि वह मेरी फिल्म में जरूर काम करेंगे। उनके जाने का मुझे बहुत दुख है।