Anna Hazare: 'सत्ता पाने के लिए आप ने अन्ना हजारे का इस्तेमाल किया', कानून मंत्री ने केजरीवाल पर लगाए आरोप
रिजिजू ने सोशल मीडिया पर अन्ना हजारे के एक इंटरव्यू का एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में अन्ना हजारे ने दिल्ली शराब नीति की आलोचना की थी।
विस्तार
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी ने सत्ता पाने के लिए अन्ना हजारे का इस्तेमाल किया। दिल्ली शराब नीति मामले में आज अरविंद केजरीवाल सीबीआई के सामने पेश हुए। इसी बीच कानून मंत्री ने केजरीवाल की पार्टी पर यह आरोप लगाया है। किरेन रिजिजू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अब जब वह सत्ता पा चुके हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि वह अब अन्नाजी की बात भी नहीं सुनेंगे।
कानून मंत्री ने लगाए ये आरोप
रिजिजू ने कहा कि भ्रष्टाचार सिर्फ अन्नाजी और लोगों को बेवकूफ बनाने का बहाना था। अन्नाजी का सिर्फ सत्ता पाने के लिए इस्तेमाल किया गया और भ्रष्टाचार के नाम पर संसाधनों को लूटा गया। रिजिजू ने सोशल मीडिया पर अन्ना हजारे के एक इंटरव्यू का एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में अन्ना हजारे ने दिल्ली शराब नीति की आलोचना की थी।
बता दें कि पांच अप्रैल 2011 को भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे ने दिल्ली में आमरण अनशन किया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे की इस मुहिम में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, मनीष सिसोदिया आदि का भी साथ मिला। अन्ना हजारे की मांग थी कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सशक्त लोकपाल कानून लाया जाए। इसी आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया व अन्य के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन किया और आज आप, राष्ट्रीय पार्टी है और दिल्ली और पंजाब में इस पार्टी की सरकार है।
Corruption has never been an issue for Shri Kejriwal, he's only for power.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) April 15, 2023
क्षमा करें अन्ना जी 🙏 आपको नहीं पता था कि आपने देश के लिए इतना बड़ा बोझ सौंप दिया है। pic.twitter.com/B801WJWgT1
शराब नीति को लेकर घिरी आप सरकार
बता दें कि आरोप है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति बनाने में नियमों का उल्लंघन किया गया और टेंडर प्रक्रिया में भी खामी रही। नई शराब नीति में जीएनसीटीडी एक्ट 1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 के उल्लंघन का आरोप है। नई नीति में शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ किए गए।