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महाराष्ट्र: भूख हड़ताल पर नहीं बैठेंगे अन्ना हजारे, उद्धव सरकार के आश्वासन के बाद बदला फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: रोमा रागिनी
Updated Sun, 13 Feb 2022 06:44 PM IST
सार
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अब उद्धव सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर नहीं बैठेंगे। राज्य सरकार के आश्वासन के बाद अन्ना ने अपने पैतृक गांव में ग्राम सभा की।
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अन्ना हजारे भूख हड़ताल पर नहीं बैठेंगे
- फोटो : ANI
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विस्तार
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 14 फरवरी को प्रस्तावित भूख हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है। अन्ना हजारे महाराष्ट्र में सुपरमार्केट और किराने की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति के खिलाफ धरने पर बैठने वाले थे लेकिन राज्य सरकार के आश्वासन के बाद वे धरने पर नहीं बैठेंगे।
अन्ना हजारे के भूख हड़ताल की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले में पहले नागरिकों के विचारों को ध्यान में रखेगी। फिर शराब सुपरमार्केट और बाजार में बेचने के फैसले पर निर्णय करेगी।
हजारे के पैतृक गांव अहमदनगर जिले के रालेगन सिद्धि में रविवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया। अन्ना हजारे ने बताया कि 'मैंने ग्रामीणों से कहा कि अब राज्य सरकार कैबिनेट के फैसले को नागरिकों के सामने आपत्ति और सुझाव के लिए रखेगी। जनता की मंजूरी के बाद ही सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसलिए, मैंने कल की भूख हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है।'
हजारे का सवाल-सभी को नशे की लत लगाना चाहती है सरकार ?
रविवार को अपने गांव में हुई बैठक के दौरान हजारे ने कहा कि शराब बेचने के लिए बीयर बार, परमिट रूम और दुकानें बहुत हैं, फिर सरकार इसे सुपरमार्केट और किराना स्टोर में क्यों बेचना चाहती है?। हजारे ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार सभी को नशा की लत लगाना चाहती है।
वहीं उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान मैंने उनसे कहा था कि इस फैसले के कारण मेरा राज्य में रहने का मन नहीं है। जिसके बाद सरकार ने अपने फैसले पर फिर से विचार करना शुरू कर दिया। हजारे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और संत तुकाराम महाराज की स्थली महाराष्ट्र में शराब की संस्कृति नहीं है। सरकार के सुपर मार्केट में शराब बेचने से हमारी संस्कृति नष्ट हो जाएगी।
लोगों को तीन महीने देने की पैरवी की
गांधीवादी चिंतक हजारे ने बताया कि जब राज्य सरकार के अधिकारी उनसे मिलने आए तो उन्होंने उनसे कहा कि उन्हें शराब बेचने की पॉलिसी पर निर्णय लेने से पहले लोगों के विचारों को ध्यान में रखना चाहिए था। हमारे देश में लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं। इसलिए, नागरिकों से सुझाव और आपत्तियां मांगने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए था। वहीं लोगों को अपने विचार रखने के लिए तीन महीने का समय दिया जाना चाहिए।
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अन्ना हजारे के भूख हड़ताल की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले में पहले नागरिकों के विचारों को ध्यान में रखेगी। फिर शराब सुपरमार्केट और बाजार में बेचने के फैसले पर निर्णय करेगी।
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हजारे के पैतृक गांव अहमदनगर जिले के रालेगन सिद्धि में रविवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया। अन्ना हजारे ने बताया कि 'मैंने ग्रामीणों से कहा कि अब राज्य सरकार कैबिनेट के फैसले को नागरिकों के सामने आपत्ति और सुझाव के लिए रखेगी। जनता की मंजूरी के बाद ही सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसलिए, मैंने कल की भूख हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है।'
हजारे का सवाल-सभी को नशे की लत लगाना चाहती है सरकार ?
रविवार को अपने गांव में हुई बैठक के दौरान हजारे ने कहा कि शराब बेचने के लिए बीयर बार, परमिट रूम और दुकानें बहुत हैं, फिर सरकार इसे सुपरमार्केट और किराना स्टोर में क्यों बेचना चाहती है?। हजारे ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार सभी को नशा की लत लगाना चाहती है।
वहीं उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान मैंने उनसे कहा था कि इस फैसले के कारण मेरा राज्य में रहने का मन नहीं है। जिसके बाद सरकार ने अपने फैसले पर फिर से विचार करना शुरू कर दिया। हजारे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और संत तुकाराम महाराज की स्थली महाराष्ट्र में शराब की संस्कृति नहीं है। सरकार के सुपर मार्केट में शराब बेचने से हमारी संस्कृति नष्ट हो जाएगी।
लोगों को तीन महीने देने की पैरवी की
गांधीवादी चिंतक हजारे ने बताया कि जब राज्य सरकार के अधिकारी उनसे मिलने आए तो उन्होंने उनसे कहा कि उन्हें शराब बेचने की पॉलिसी पर निर्णय लेने से पहले लोगों के विचारों को ध्यान में रखना चाहिए था। हमारे देश में लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं। इसलिए, नागरिकों से सुझाव और आपत्तियां मांगने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए था। वहीं लोगों को अपने विचार रखने के लिए तीन महीने का समय दिया जाना चाहिए।