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जुबीन गर्ग मौत मामला: असम के मुख्य चुनाव आयुक्त भास्कर ज्योति का इस्तीफा, RTI दायर होने के बाद लिया फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी।
Published by: निर्मल कांत
Updated Thu, 06 Nov 2025 04:49 PM IST
सार
असम के मुख्य सूचना आयुक्त भास्कर ज्योति महंत ने अपने भाई श्यामकानू महंत के खिलाफ आरटीआई दायर होने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया है। श्यामकानू इस समय गायक जुबीन गर्ग की मौत के मामले में गिरफ्तार हैं। महंत ने कहा कि निष्पक्षता बनाए रखने और जनता के मन में संदेह न रहे, इसलिए उन्होंने नैतिकता के आधार पर यह फैसला लिया।
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जुबीन गर्ग
- फोटो : इंस्टाग्राम
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विस्तार
असम के मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) भास्कर ज्योति महंत ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका यह फैसला उस वक्त आया, जब एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन दाखिल किया गया, जिसमें उनके छोटे भाई श्यामकानू महंत को सरकारी फंड आवंटन से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। श्यामकानू इस समय गायक जुबिन गर्ग की मौत के मामले में गिरफ्तार हैं। भास्कर ज्योति महंत असम पुलिस के डीजीपी रह चुके हैं। उन्होंने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखकर अपने इस्तीफे की घोषणा की और कहा कि उन्होंने इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है।
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उन्होंने लिखा, आप सब जानते हैं कि मेरे भाई श्यामकानू महंत का नाम हाल ही में लोकप्रिय कलाकार जुबीन गर्ग की मौत से जोड़ा गया है। इस संदर्भ में मेरी अंतररात्मा कह रही थी कि अगर कोई मेरे भाई से जुड़ी जानकारी मांगे, तो मुझे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि लोगों के मन में किसी तरह का शक न रहे।
महंत ने बताया कि उन्होंने अपने इस फैसले की जानकारी पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय को दे दी थी। उन्होंने पांच अप्रैल 2023 को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) का कार्यभार संभाला था, जो असम पुलिस के महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्ति के बाद मिला था।
जुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत
प्रसिद्ध गायक-गीतकार जुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैराकी के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह 'नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल' (एनईआईएफ) के चौथे संस्करण में शामिल होने के लिए सिंगापुर गए थे।
श्यामकानू महंता इस फेस्टिवल के मुख्य आयोजक थे। उनको छह अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया था कि गर्ग की कथित तौर पर हत्या की गई थी और मामले की जांच जारी है।
आरटीआई के बाद इस्तीफा
महंत ने फेसबुक पर बताया कि हाल ही में एक व्यक्ति ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन दिया है, जिसमें उसने सरकार की ओर से विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों को दिए गए फंड की जानकारी मांगी है, जिसमें श्यामकानू से जुड़ी जानकारी भी शामिल है। उन्होंने लिखा, आवेदक ने मुझे व्यक्तिगत रूप से पत्र भेजकर कहा कि उसे मेरी ईमानदारी और पारदर्शिता पर पूरा भरोसा है। लेकिन चूंकि जानकारी में मेरे भाई का नाम भी शामिल है, इसलिए मुझे निष्पक्ष भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह पहले से ही इस पर विचार कर रहे थे, इसलिए उन्होंने बिना देरी किए राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने लिखा, जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें इस पर कोई संदेह नहीं कि अगर मैं पद पर रहता तो भी जानकारी पूरी तरह सही दी जाती। लेकिन लोगों के मन में किसी तरह का संदेह न रहे, इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया।
मामले में गिरफ्तारियां और जांच
एनईआईएफ के मुख्य आयोजक श्यामकानू महंता, गायक के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, और दो सदस्यों शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंत को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, जुबीन गर्ग के चचेरे भाई और असम पुलिस के डीएसपी संदीपन गर्ग को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ये भी पढ़ें: 'चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली की जांच की मांग के लिए राष्ट्रीय आंदोलन की जरूरत...', गौरव गोगोई का बयान
गायक के दो पीएसओ नंदेश्वर बोरा और प्रवीण बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया, क्योंकि पुलिस ने उनके खातों से 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का पता लगाया। सभी सात आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया किया है।
एसआईटी और न्यायिक आयोग कर रहे मामले की जांच
असम पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के तहत गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले की जांच कर रही है। राज्य में अब तक 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। इसके बाद, असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज सुमित्र सैकिया की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है, जो जुबीन गर्ग की मौत की जांच करेगा। इस बीच, सिंगापुर पुलिस भी स्वतंत्र रूप से इस रहस्यमय मौत की जांच कर रही है।
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उन्होंने लिखा, आप सब जानते हैं कि मेरे भाई श्यामकानू महंत का नाम हाल ही में लोकप्रिय कलाकार जुबीन गर्ग की मौत से जोड़ा गया है। इस संदर्भ में मेरी अंतररात्मा कह रही थी कि अगर कोई मेरे भाई से जुड़ी जानकारी मांगे, तो मुझे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि लोगों के मन में किसी तरह का शक न रहे।
महंत ने बताया कि उन्होंने अपने इस फैसले की जानकारी पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय को दे दी थी। उन्होंने पांच अप्रैल 2023 को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) का कार्यभार संभाला था, जो असम पुलिस के महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्ति के बाद मिला था।
जुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत
प्रसिद्ध गायक-गीतकार जुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैराकी के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह 'नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल' (एनईआईएफ) के चौथे संस्करण में शामिल होने के लिए सिंगापुर गए थे।
श्यामकानू महंता इस फेस्टिवल के मुख्य आयोजक थे। उनको छह अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया था कि गर्ग की कथित तौर पर हत्या की गई थी और मामले की जांच जारी है।
आरटीआई के बाद इस्तीफा
महंत ने फेसबुक पर बताया कि हाल ही में एक व्यक्ति ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन दिया है, जिसमें उसने सरकार की ओर से विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों को दिए गए फंड की जानकारी मांगी है, जिसमें श्यामकानू से जुड़ी जानकारी भी शामिल है। उन्होंने लिखा, आवेदक ने मुझे व्यक्तिगत रूप से पत्र भेजकर कहा कि उसे मेरी ईमानदारी और पारदर्शिता पर पूरा भरोसा है। लेकिन चूंकि जानकारी में मेरे भाई का नाम भी शामिल है, इसलिए मुझे निष्पक्ष भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह पहले से ही इस पर विचार कर रहे थे, इसलिए उन्होंने बिना देरी किए राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने लिखा, जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें इस पर कोई संदेह नहीं कि अगर मैं पद पर रहता तो भी जानकारी पूरी तरह सही दी जाती। लेकिन लोगों के मन में किसी तरह का संदेह न रहे, इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया।
मामले में गिरफ्तारियां और जांच
एनईआईएफ के मुख्य आयोजक श्यामकानू महंता, गायक के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, और दो सदस्यों शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंत को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, जुबीन गर्ग के चचेरे भाई और असम पुलिस के डीएसपी संदीपन गर्ग को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
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गायक के दो पीएसओ नंदेश्वर बोरा और प्रवीण बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया, क्योंकि पुलिस ने उनके खातों से 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का पता लगाया। सभी सात आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया किया है।
एसआईटी और न्यायिक आयोग कर रहे मामले की जांच
असम पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के तहत गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले की जांच कर रही है। राज्य में अब तक 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। इसके बाद, असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज सुमित्र सैकिया की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है, जो जुबीन गर्ग की मौत की जांच करेगा। इस बीच, सिंगापुर पुलिस भी स्वतंत्र रूप से इस रहस्यमय मौत की जांच कर रही है।
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