Seat Ka Samikaran: यहां अब तक नहीं जीते हैं भाजपा और राजद, ऐसा है डुमरांव सीट का चुनावी इतिहास
बिहार की विधानसभा सीटों से जुड़ी खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज बात डुमरांव सीट की करेंगे। इस सीट पर मौजूदा समय में भाकपा (माले) अजीत कुमार सिंह विधायक हैं।

विस्तार
बिहार में विधानसभा चुनाव का एलान हो गया है। सोमवार को दूसरे चरण के लिए भी नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने उम्मीदवारों का एलान भी शुरू कर दिया है तो एनडीए में भी यह तय हो गया है कि कौन-कहां से चुनाव लड़ेगा। इस सियासी हलचल के बीच अमर उजाला की खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज डुमरांव विधानसभा सीट की बात करेंगे।

कब है बिहार में चुनाव
बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। पहले चरण में 6 नवंबर को121 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं, दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर वोटिंग होगी। इस बार राज्य में कुल 7.43 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें लगभग 14 लाख नए मतदाता शामिल हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे।
- पहले चरण में मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर जिलों में चुनाव होगा।
- दूसरे चरण में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई जिलों में चुनाव होगा।
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अब जानें जिले के बारे में
बिहार के 38 जिलों में से एक जिला बक्सर भी है। बक्सर जिला दो अनुमंडल और 11 ब्लॉक में बंटा है। जिले में चार विधानसभा सीट हैं। इनमें ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव,राजपुर शामिल हैं। ‘सीट का समीकरण’ सीरीज में आज डुमरांव विधानसभा सीट की बात करेंगे। डुमरांव विधानसभा सीट से 1952 में पहली बार चुनाव हुआ था।
कब कौन-कौन जीता चुनाव
1952- कांग्रेस के हरिहर प्रसाद सिंह को जीत मिली।
1957- कांग्रेस के गंगा प्रसाद सिंह को जीत मिली।
1962- कांग्रेस के गंगा प्रसाद सिंह को दोबारा डुमरांव से जीत मिली।
1967- निर्दलीय उम्मदवार हरिहर प्रसाद सिंह को जीत मिली।
1972- कांग्रेस (ओ) के हरिहर प्रसाद सिंह को फिर से जीत मिली।
1977 - भाकपा के रामश्रय सिंह को जीत मिली।
1980 - कांग्रेस (आई) के राजा राम आर्या को जीत मिली।
1981- राजा राम आर्या के निधन के बाद यहां से वीएन भारती को जीत मिली।
1985- कांग्रेस के बंसत सिंह को जीत मिली।
1990 - जनता दल के बंसत सिंह को जीत मिली।
1995- जनता दल के बंसत सिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई।
2000- निर्दलीय उम्मीदवार ददन सिंह को जीत मिली।
फरवरी 2005- सपा के ददन सिंह को जीत मिली।
अक्तूबर 2005- इस बार ददन सिंह ने अखिल जन विकास दल के टिकट से चुनाव लड़ा और लगातार तीसरी जीत हासिल की।
2010- जदयू के डॉ दाउद अली को जीत मिली।
2015- जदयू के ददन यादव को जीत मिली।
2020- भाकपा ( माले) के अजीत कुमार सिंह को जीत मिली।
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