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बिहार: मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में ओवैसी ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, उठाए गंभीर सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: राहुल कुमार
Updated Sun, 29 Jun 2025 08:25 AM IST
सार
बिहार में चल रहे मतदाता सूची के "विशेष गहन पुनरीक्षण" पर विपक्ष जमकर वबाल कर रहा है। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। इसी बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के "विशेष गहन पुनरीक्षण" (Special Intensive Revision- SRI) पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को एक पत्र भेजते हुए इस प्रक्रिया को लेकर कई अहम सवाल उठाए हैं और मांग की है कि आयोग उनके द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर स्पष्ट और विस्तृत जवाब दे। ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया अव्यवस्थित, अवैज्ञानिक और नागरिक अधिकारों को प्रभावित करने वाली है। उन्होंने कहा, हमारा अनुरोध है कि चुनाव आयोग हमारे लिखित प्रतिवेदन में उठाए गए सभी सवालों का जवाब दे।
ओवैसी ने उठाए ये 6 मुख्य सवाल:
1- 2024 के लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में क्या अवैध विदेशी प्रवासी शामिल थे?
2- जब बिहार में 29 अक्टूबर 2024 से 6 जनवरी 2025 के बीच विशेष सारांश पुनरीक्षण हुआ, तो एसआरआई की आवश्यकता क्यों पड़ी?
3- पिछली बार एसआरआई तब हुआ था जब चुनावों में समय था। इस बार सिर्फ एक महीने में पूरी प्रक्रिया पूरी करने की मांग क्यों की जा रही है? बीएलओ को प्रशिक्षण तक नहीं मिला है।
4- बीएलओ को असीमित अधिकार देने से मतदाताओं के अधिकारों और आजीविका दोनों पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
5- 1987 से पहले जन्मे नागरिकों को जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज दिखाने होंगे। 1987 से 2004 के बीच जन्मे नागरिकों से जन्म प्रमाणपत्र या उनके माता-पिता के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। 11 दस्तावेजों की सूची कैसे निर्धारित की गई?
6- सीमांचल जैसे बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों में हजारों लोग अपने घर और दस्तावेज हर साल खो देते हैं। वहां के लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज होने की क्या गारंटी है?
ओवैसी ने पूछा कि इन मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा क्यों नहीं की गई? उन्होंने कहा, आपने 1987 को आधार वर्ष क्यों बनाया? यह 38 साल पुराना है। चुनाव आयोग के पास क्या डाटा है? हमने औपचारिक रूप से पत्र भेजा है और उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग जवाब देगा।”
ये भी पढ़ें: कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामला: अपने ही सांसद-विधायक पर बरसीं महुआ मोइत्रा; कहा- ऐसी सोच वाले हर पार्टी में
बिहार में एनडीए के खिलाफ ओवैसी का रुख
ओवैसी ने इस मौके पर बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए को सत्ता में लौटने से रोकना चाहती है और इसके लिए विपक्षी दलों को एकजुट होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, हमारे राज्य अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के कुछ नेताओं से बातचीत की है और साफ़ कह दिया है कि हम नहीं चाहते कि बीजेपी या एनडीए दोबारा बिहार में सत्ता में आए। यह अब विपक्षी दलों पर निर्भर करता है कि वे इस दिशा में कदम उठाएं।
ओवैसी ने यह भी संकेत दिया कि यदि महागठबंधन की ओर से समन्वय नहीं हुआ तो एआईएमआईएम अकेले भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, सीमांचल और सीमांचल के बाहर भी हम चुनाव लड़ेंगे। सही समय आने दीजिए, कितनी सीटों पर लड़ेंगे, अभी कहना जल्दबाजी होगा।
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ओवैसी ने उठाए ये 6 मुख्य सवाल:
1- 2024 के लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में क्या अवैध विदेशी प्रवासी शामिल थे?
2- जब बिहार में 29 अक्टूबर 2024 से 6 जनवरी 2025 के बीच विशेष सारांश पुनरीक्षण हुआ, तो एसआरआई की आवश्यकता क्यों पड़ी?
3- पिछली बार एसआरआई तब हुआ था जब चुनावों में समय था। इस बार सिर्फ एक महीने में पूरी प्रक्रिया पूरी करने की मांग क्यों की जा रही है? बीएलओ को प्रशिक्षण तक नहीं मिला है।
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4- बीएलओ को असीमित अधिकार देने से मतदाताओं के अधिकारों और आजीविका दोनों पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
5- 1987 से पहले जन्मे नागरिकों को जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज दिखाने होंगे। 1987 से 2004 के बीच जन्मे नागरिकों से जन्म प्रमाणपत्र या उनके माता-पिता के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। 11 दस्तावेजों की सूची कैसे निर्धारित की गई?
6- सीमांचल जैसे बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों में हजारों लोग अपने घर और दस्तावेज हर साल खो देते हैं। वहां के लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज होने की क्या गारंटी है?
ओवैसी ने पूछा कि इन मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा क्यों नहीं की गई? उन्होंने कहा, आपने 1987 को आधार वर्ष क्यों बनाया? यह 38 साल पुराना है। चुनाव आयोग के पास क्या डाटा है? हमने औपचारिक रूप से पत्र भेजा है और उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग जवाब देगा।”
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बिहार में एनडीए के खिलाफ ओवैसी का रुख
ओवैसी ने इस मौके पर बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए को सत्ता में लौटने से रोकना चाहती है और इसके लिए विपक्षी दलों को एकजुट होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, हमारे राज्य अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के कुछ नेताओं से बातचीत की है और साफ़ कह दिया है कि हम नहीं चाहते कि बीजेपी या एनडीए दोबारा बिहार में सत्ता में आए। यह अब विपक्षी दलों पर निर्भर करता है कि वे इस दिशा में कदम उठाएं।
ओवैसी ने यह भी संकेत दिया कि यदि महागठबंधन की ओर से समन्वय नहीं हुआ तो एआईएमआईएम अकेले भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, सीमांचल और सीमांचल के बाहर भी हम चुनाव लड़ेंगे। सही समय आने दीजिए, कितनी सीटों पर लड़ेंगे, अभी कहना जल्दबाजी होगा।
Bihar: Owaisi wrote a letter to Election Commission in protest against revision of the voter list, raised serious questions