Health Budget 2022: नागरिकों की मानसिक मजबूती और डिजिटल डाटा जुटाने पर जोर, आधार की तरह मिलेगी ‘स्वास्थ्य यूनिक आईडी’
बजट में डिजिटल तकनीक को स्वास्थ्य से जोड़ कर हर नागरिक के लिए आधार की तरह स्वास्थ्य यूनिक आईडी बनाने की घोषणा भी हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार स्वास्थ्य बजट में 14.13 प्रतिशत वृद्धि की गई। हालांकि कुछ क्षेत्रों में कटौती भी की गई।
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कोरोना महामारी में लगातार दूसरे साल सरकार ने आम बजट में सेहत पर जोर दिया। कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए लोगों को दिमागी तौर पर मजबूत बनाने के लिए विशेष कदम उठाए गए।
पिछली बार की तरह कोविड टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का आवंटन नहीं हुआ। अधिकतर वयस्कों का टीकाकरण पूरा होना इसकी वजह मानी जा रही है। पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना के लिए भी नया बजट नहीं मिला। पिछले वर्ष इसे मिलाकर स्वास्थ्य के लिए 2.24 लाख करोड़ रुपये का बजट मिला था। बजट में बताया गया कि महामारी के बीच नागरिकों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता की कमी महसूस हुई है।
बजट में डिजिटल तकनीक को स्वास्थ्य से जोड़ कर हर नागरिक के लिए आधार की तरह स्वास्थ्य यूनिक आईडी बनाने की घोषणा भी हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार स्वास्थ्य बजट में 14.13 प्रतिशत वृद्धि की गई। हालांकि कुछ क्षेत्रों में कटौती भी की गई।
इसीलिए लोगों को घर बैठे मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी। यह काम राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से होगा, जिसके 23 केंद्र देश में बनेंगे। बेंगलुरु स्थित निम्हांस इसकी नोडल एजेंसी होगा और आईआईआईटी तकनीकी सहयोग देगा। 35,153 करोड़ रुपये से मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 शुरू की गई है। दो लाख आंगनबाड़ी को सक्षम आंगनबाड़ी में बदला जाएगा।
स्वास्थ्य बजट
- 71268.77 करोड़ रुपये 2021-22 में था
- 82920.65 करोड़ रुपये संशोधन के बाद हुआ
- 83,000 करोड़ वर्ष 2022-2023 के लिए
20 हजार करोड़ पोषण व सक्षम आंगनबाड़ी के लिए
- पहली बार पोषण व आंगनबाड़ी स्तर पर सुधार करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होगा।
- 112 जिलों में चल रहा मिशन पोषण 2.0 पूरे देश में चलेगा।
- सरकार ने पिछले वर्ष कोरोना टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा था। उसे पोषण, पोषण 2.0 और सक्षम आंगनबाड़ी योजनाओं में शामिल किया गया।
- मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजना पर सरकार क्रमश: 1,472 और 3,184 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
कोरोना योद्धाओं की सम्मान निधि घटाई
कोरोना योद्धाओं की सम्मान निधि के बजट में कटौती हुई है। पिछले वर्ष यह 813.60 करोड़ रुपये था जो इस बार 226 करोड़ रुपये रह गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत कोरोना योद्धा के निधन पर उनके परिजनों को 50 लाख रुपये तक की सम्मान निधि दी जाती है। इस बार फ्रंटलाइन वर्कर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों के टीकाकरण को लेकर भी बजट नहीं दिया है। 2020 में यह बजट 136 करोड़ रुपये था।
यह बदलाव अहम
- पिछले साल कोविड इमरजेंसी फंड के जरिए केंद्र ने राज्यों को 2,207.52 करोड़ रुपये दिए। इस बार बजट में इसे शामिल नहीं किया है।
- महामारी से जुड़ी तैयारियों में 638 करोड़ रुपये पिछले साल खर्च हुए थे। इस बार बजट में इन्हें शामिल नहीं किया गया।
मेडिकल कॉलेज विस्तार व हर राज्य में एम्स के लिए 3000 करोड़ बढ़ाये
मेडिकल कॉलेज के विस्तार और हर राज्य में एक एम्स बनाने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का बजट बढ़ाया गया है। पिछले वर्ष इस प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लिए सात हजार करोड़ रहा बजट इस बार बढ़ाकर 10 हजार करोड़ किया गया है।
आयुष्मान भारत का नहीं बढ़ा बजट
आयुष्मान भारत के बजट में बढ़ोतरी नहीं हुई है। 2021 में यह 6,400 करोड़ था, 2022-23 के लिए इसे 6,412 रखा गया है। वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने संशोधित बजट में पिछले वर्ष 3,199 रुपये खर्च किए थे।