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कॉल ड्रॉप पर ट्राई सख्त, मोबाइल ऑपरेटरों पर 10 करोड़ तक जुर्माने की तैयारी
टीम डिजिटल/ अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 09 Jun 2016 03:24 PM IST
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- फोटो : file photo
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सरकार से कॉल ड्रॉप पर लगाम लगाने के लिए नियम और कड़े करने की मांग की है। ट्राई ने सरकार से अपील की है कि उसे कानून में संशोधन कर कॉल ड्रॉप को लेकर बने नियमों का उल्लघंन करने वाले मोबाइल ऑपरेटरों पर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने और कंपनी के कर्मचारियों को दो साल जेल की सजा का अधिकार दिया जाए।
ट्राई ने दूरसंचार विभाग को सुझाव दिया है कि ट्राई अधिनियम 1997 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन किया जाना चाहिए, जिससे इस क्षेत्र में प्रभावी नियमन किया जा सके। कुछ समय पहले ट्राई ने हर एक कॉल ड्रॉप पर उपभोक्ताओं को एक रुपए प्रति कॉल तथा एक दिन में अधिकतम तीन रुपए तक जुर्माना दिए जाने का आदेश दिया था। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने ट्राई के इस आदेश को रद्द कर दिया था। ट्राई ने कहा कि न्यायालय के आदेश की व्यापक समीक्षा के बाद उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए नियमों में अधिक स्पष्टता की जरूरत महसूस की गई है।
दूरसंचार विभाग को भेजे पत्र में ट्राई ने कहा, "यदि सेवाप्रदाता कानून या लाइसेंस के नियम और शर्तों के तहत किसी निर्देश, आदेश या नियमनों का उल्लंघन करता है तो उस पर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए।"
अब तक ट्राई के पास किसी भी उल्लंघन पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का अधिकार है। अगर यह उल्लंघन ऐसे ही जारी रहता है तो वह आगे ओर दो लाख रुपए का जुर्माना लगा सकता है।
मौजूदा कानून के मुताबिक उपभोक्ता और दूरसंचार ऑपरेटर के बीच विवाद में, उपभोक्ता अदालत में नहीं जा सकता, क्योंकि उच्चतम न्यायालय के 2009 के फैसले में उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ऐसी किसी भी राहत पर रोक लगा दी है।
ट्राई ने दूरसंचार विभाग को सुझाव दिया है कि ट्राई अधिनियम 1997 के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन किया जाना चाहिए, जिससे इस क्षेत्र में प्रभावी नियमन किया जा सके। कुछ समय पहले ट्राई ने हर एक कॉल ड्रॉप पर उपभोक्ताओं को एक रुपए प्रति कॉल तथा एक दिन में अधिकतम तीन रुपए तक जुर्माना दिए जाने का आदेश दिया था। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने ट्राई के इस आदेश को रद्द कर दिया था। ट्राई ने कहा कि न्यायालय के आदेश की व्यापक समीक्षा के बाद उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए नियमों में अधिक स्पष्टता की जरूरत महसूस की गई है।
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दूरसंचार विभाग को भेजे पत्र में ट्राई ने कहा, "यदि सेवाप्रदाता कानून या लाइसेंस के नियम और शर्तों के तहत किसी निर्देश, आदेश या नियमनों का उल्लंघन करता है तो उस पर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए।"
अब तक ट्राई के पास किसी भी उल्लंघन पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का अधिकार है। अगर यह उल्लंघन ऐसे ही जारी रहता है तो वह आगे ओर दो लाख रुपए का जुर्माना लगा सकता है।
मौजूदा कानून के मुताबिक उपभोक्ता और दूरसंचार ऑपरेटर के बीच विवाद में, उपभोक्ता अदालत में नहीं जा सकता, क्योंकि उच्चतम न्यायालय के 2009 के फैसले में उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ऐसी किसी भी राहत पर रोक लगा दी है।