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Anita Anand: कनाडाई विदेश मंत्री की पीएम मोदी और जयशंकर के साथ बैठक, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 13 Oct 2025 03:37 PM IST
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सार
Anita Anand India Visit: कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने समकक्ष एस जयशंकर के साथ बैठक की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देगा।

अनीता आनंद, नरेंद्र मोदी
- फोटो : एक्स/अनीता आनंद
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विस्तार
कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने कहा कि उनका दौरा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को गति देगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने विदेश मंत्री आनंद का स्वागत किया और बताया कि उनका यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देगा।
इस साल मई में कनाडा की विदेश मंत्री बनने के बाद अनीता आनंद की यह पहली भारत यात्रा है। पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने जून में जी-7 सम्मेलन के दौरान अपने कनाडा दौरे की चर्चा की, जिसमें उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ 'बेहद उत्पादक' मुलाकात की थी।
ये भी पढ़ें: 'भारत-कनाडा के साथ व्यापारिक संबंध में दिखेगा बदलाव', अनीता आनंद के नई दिल्ली दौरे पर बोले विशेषज्ञ
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, कृषि और जन‑जन संबंधों में सहयोग को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। मोदी ने कार्नी को अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह आगे की बैठकों की उम्मीद करते हैं।
आनंद और जयशंकर की बैठक में क्या चर्चा हुई?
इससे पहले अनीता आनंद ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ बैठक की। बैठक में भारत के जयशंकर ने कहा, हमारी आज की बैठक 26 मई को हुई हमारी टेलीफोन पर बातचीत के बाद से लगातार रचनात्मक चर्चाओं का हिस्सा है। भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध पिछले दो महीनों में लगातार आगे बढ़े हैं। हम अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी तंत्रों को फिर से शुरू करने और उन्हें मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।
जयशंकर ने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कनानास्किस में प्रधानमंत्री कार्नी से मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत का दृष्टिकोण एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का है। आज सुबह आपने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उनसे व्यक्तिगत रूप से हमारे सहयोग के दृष्टिकोण के बारे में सुना और यह भी जाना कि उसे सबसे अच्छे तरीके से कैसे साकार किया जा सकता है।
जयशंकर ने कहा, हम दोनों पक्षों ने आज की बैठक के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया है, जिससे हमारे सहयोग को विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ावा मिलेगा, जिनमें व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान और तकनीक, सिविल न्यूक्लियर सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, महत्वपूर्ण खनिज और ऊर्जा शामिल हैं। मुझे खुशी है कि दोनों उच्चायुक्तों ने संबंधित राजधानियों में अपनी जिम्मेदारियां संभाल ली हैं और आज की बैठकों में भाग ले रहे हैं।
वहीं आनंद ने कहा, नमस्ते, इस सुबह हमें जो गर्मजोशी से स्वागत मिला, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हमें यह अवसर मिला कि हम आज यहां नई दिल्ली में आपके साथ कनाडा-भारत संबंधों को आगे बढ़ा सकें, इसके लिए हम बेहद आभारी हैं। सबसे पहले, मैं आपको उन बातचीत के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं, जो हमारे बीच 13 मई के बाद से हुई हैं, जब मैं कनाडा की विदेश मंत्री नियुक्त की गई थी। साथ ही, प्रधानमंत्री कार्नी को यह खुशी थी कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का कनानास्किस में हुए जी7 सम्मेलन में स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं के बीच एक सार्थक द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसने आज की हमारी चर्चा का मार्गदर्शन किया है। आज, हम भारत-कनाडा संयुक्त बयान पर चर्चा करेंगे, जिसमें ऐसे कई ऐसे मुद्दों को शामिल किया जाएगा जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और ऊंचा उठाने के काम को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
आनंद ने कहा, मैं सुरक्षा संवाद को लेकर कही गई आपकी बातों की सराहना करती हूं। जब हम महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जलवायु जैसे क्षेत्रों में अपने संबंधों को और आगे बढ़ा रहे हैं, तब भी यह संवाद जारी रहेगा। कुछ हफ्ते पहले हमारे अधिकारियों की यहां सुरक्षा और कानून प्रवर्तन को लेकर जो बैठक हुई थी, वह काफी सफल और उपयोगी रही और यह बातचीत आगे भी जारी रहेगी। हमारी दोनों सरकारें इन संवादों की अहमियत को लेकर सहमत हैं। उन्होंने आगे कहा, जब हम कनाडा की ओर देखते हैं, तो हमें एक पूरक अर्थव्यवस्था दिखाई देती है। एक और खुला समाज दिखाई देता है। विविधता और बहुलता दिखाई देती है। हम मानते हैं कि यही एक घनिष्ठ, टिकाऊ और दीर्घकालिक सहयोगी तंत्र की बुनियाद है।
उन्होंने कहा, हमारी दोनों सरकारें इस बात को महत्व देती हैं कि हमारे संबंधों को आगे और मजबूत किया जाए। इसलिए यह संयुक्त बयान हमारी फिर से जुड़ाव की साझा योजनाओं पर चर्चा करेगा। यह (संयुक्त बयान) कनाडा और भारत दोनों देशों के लोगों को यह जानकारी देगा कि हम इस संबंध को अभी और दीर्घकालिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारी साझा प्राथमिकताओं के संदर्भ में। धन्यवाद, एक बार फिर से आपका बहुत शुक्रिया। हमें इस बातचीत का इंतजार है।
ये भी पढ़ें: कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद पहुंचीं दिल्ली; व्यापार -सुरक्षा सहयोग पर बातचीत, कम होगा तनाव
आनंद का यह दौरा दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच 2023 में तब तनाव पैदा हुआ था, जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने आरोप लगाया था कि उसकी खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संभावित भूमिका थी।

इस साल मई में कनाडा की विदेश मंत्री बनने के बाद अनीता आनंद की यह पहली भारत यात्रा है। पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने जून में जी-7 सम्मेलन के दौरान अपने कनाडा दौरे की चर्चा की, जिसमें उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ 'बेहद उत्पादक' मुलाकात की थी।
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पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, कृषि और जन‑जन संबंधों में सहयोग को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। मोदी ने कार्नी को अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह आगे की बैठकों की उम्मीद करते हैं।
आनंद और जयशंकर की बैठक में क्या चर्चा हुई?
इससे पहले अनीता आनंद ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ बैठक की। बैठक में भारत के जयशंकर ने कहा, हमारी आज की बैठक 26 मई को हुई हमारी टेलीफोन पर बातचीत के बाद से लगातार रचनात्मक चर्चाओं का हिस्सा है। भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध पिछले दो महीनों में लगातार आगे बढ़े हैं। हम अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी तंत्रों को फिर से शुरू करने और उन्हें मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।
जयशंकर ने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कनानास्किस में प्रधानमंत्री कार्नी से मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत का दृष्टिकोण एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का है। आज सुबह आपने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उनसे व्यक्तिगत रूप से हमारे सहयोग के दृष्टिकोण के बारे में सुना और यह भी जाना कि उसे सबसे अच्छे तरीके से कैसे साकार किया जा सकता है।
जयशंकर ने कहा, हम दोनों पक्षों ने आज की बैठक के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया है, जिससे हमारे सहयोग को विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ावा मिलेगा, जिनमें व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान और तकनीक, सिविल न्यूक्लियर सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, महत्वपूर्ण खनिज और ऊर्जा शामिल हैं। मुझे खुशी है कि दोनों उच्चायुक्तों ने संबंधित राजधानियों में अपनी जिम्मेदारियां संभाल ली हैं और आज की बैठकों में भाग ले रहे हैं।
वहीं आनंद ने कहा, नमस्ते, इस सुबह हमें जो गर्मजोशी से स्वागत मिला, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हमें यह अवसर मिला कि हम आज यहां नई दिल्ली में आपके साथ कनाडा-भारत संबंधों को आगे बढ़ा सकें, इसके लिए हम बेहद आभारी हैं। सबसे पहले, मैं आपको उन बातचीत के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं, जो हमारे बीच 13 मई के बाद से हुई हैं, जब मैं कनाडा की विदेश मंत्री नियुक्त की गई थी। साथ ही, प्रधानमंत्री कार्नी को यह खुशी थी कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का कनानास्किस में हुए जी7 सम्मेलन में स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं के बीच एक सार्थक द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसने आज की हमारी चर्चा का मार्गदर्शन किया है। आज, हम भारत-कनाडा संयुक्त बयान पर चर्चा करेंगे, जिसमें ऐसे कई ऐसे मुद्दों को शामिल किया जाएगा जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और ऊंचा उठाने के काम को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
आनंद ने कहा, मैं सुरक्षा संवाद को लेकर कही गई आपकी बातों की सराहना करती हूं। जब हम महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जलवायु जैसे क्षेत्रों में अपने संबंधों को और आगे बढ़ा रहे हैं, तब भी यह संवाद जारी रहेगा। कुछ हफ्ते पहले हमारे अधिकारियों की यहां सुरक्षा और कानून प्रवर्तन को लेकर जो बैठक हुई थी, वह काफी सफल और उपयोगी रही और यह बातचीत आगे भी जारी रहेगी। हमारी दोनों सरकारें इन संवादों की अहमियत को लेकर सहमत हैं। उन्होंने आगे कहा, जब हम कनाडा की ओर देखते हैं, तो हमें एक पूरक अर्थव्यवस्था दिखाई देती है। एक और खुला समाज दिखाई देता है। विविधता और बहुलता दिखाई देती है। हम मानते हैं कि यही एक घनिष्ठ, टिकाऊ और दीर्घकालिक सहयोगी तंत्र की बुनियाद है।
उन्होंने कहा, हमारी दोनों सरकारें इस बात को महत्व देती हैं कि हमारे संबंधों को आगे और मजबूत किया जाए। इसलिए यह संयुक्त बयान हमारी फिर से जुड़ाव की साझा योजनाओं पर चर्चा करेगा। यह (संयुक्त बयान) कनाडा और भारत दोनों देशों के लोगों को यह जानकारी देगा कि हम इस संबंध को अभी और दीर्घकालिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारी साझा प्राथमिकताओं के संदर्भ में। धन्यवाद, एक बार फिर से आपका बहुत शुक्रिया। हमें इस बातचीत का इंतजार है।
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आनंद का यह दौरा दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच 2023 में तब तनाव पैदा हुआ था, जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने आरोप लगाया था कि उसकी खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संभावित भूमिका थी।
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