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CJI Gavai: 'संविधान सर्वोच्च, लोकतंत्र के तीनों अंग इसके अधीन', अमरावती में अभिनंदन समारोह में बोले चीफ जस्टिस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अमरावती Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Wed, 25 Jun 2025 11:50 PM IST
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सार

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च है। लोकतंत्र के तीनों अंग इसके अधीन काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा इस बात पर चर्चा होती है कि लोकतंत्र का कौन सा अंग सर्वोच्च है- कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका। उन्होंने कहा कि मेरे पास भारत का संविधान सर्वोपरि है। 

CJI BR Gavai says Constitution supreme all three organs of democracy are under it
बीआर गवई, सीजेआई - फोटो : ANI
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विस्तार
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मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बुधवार को कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च है। लोकतंत्र के तीनों अंग इसके अधीन काम करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि संसद सर्वोच्च है, लेकिन उनके विचार में संविधान सर्वोपरि है। 

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पिछले महीने न्यायमूर्ति गवई ने 52वें सीजेआई के रूप में शपथ ली थी। सीजेआई बनने के बाद वह अपने गृहनगर पूर्वी महाराष्ट्र में अमरावती पहुंचे थे, जहां उनका अभिनंदन किया गया। इस समारोह को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा कि हमेशा इस बात पर चर्चा होती है कि लोकतंत्र का कौन सा अंग सर्वोच्च है- कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका। उन्होंने कहा, 'जबकि कई लोग कहते हैं और मानते हैं कि संसद सर्वोच्च है, मेरे अनुसार, भारत का संविधान सर्वोच्च है। लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के तहत काम करते हैं।'
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संसद संविधान की मूल संरचना को नहीं बदल सकती
सीजेआई गवई ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि संसद संविधान में बदलाव कर सकती है, लेकिन संविधान की मूल संरचना को नहीं बदल सकती। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ आदेश पारित करने मात्र से कोई न्यायाधीश स्वतंत्र नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, 'न्यायाधीश को हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा एक कर्तव्य है, और हम नागरिकों के अधिकारों और सांविधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के संरक्षक हैं। हमारे पास केवल शक्ति नहीं है, बल्कि हम पर एक कर्तव्य भी डाला गया है।'

सीजेआई ने आगे कहा कि एक न्यायाधीश को इस बात से निर्देशित नहीं होना चाहिए कि लोग उनके फैसले के बारे में क्या कहेंगे या क्या महसूस करेंगे। उन्होंने कहा, 'हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा। लोग क्या कहेंगे, यह हमारी निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकता।'

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सीजेआई ने बुलडोजर न्याय के खिलाफ फैसले का जिक्र किया
सीजेआई ने जोर देकर कहा कि उन्होंने हमेशा अपने फैसलों और काम को बोलने दिया और हमेशा संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के साथ खड़े रहे। अपने भाषण के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने अपने कुछ फैसलों का हवाला दिया। 'बुलडोजर न्याय' के खिलाफ अपने फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आश्रय का अधिकार सर्वोच्च है।

सीजेआई गवई ने अपने बचपन के दिनों को याद किया
इस अवसर पर सीजेआई गवई ने अपने बचपन के दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि वह आर्किटेक्ट बनना चाहते थे, जबकि उनके पिता चाहते थे कि वह वकील बनें। गवई ने कहा, 'मेरे पिता वकील बनना चाहते थे, लेकिन वह वकील नहीं बन पाए, क्योंकि उस समय उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा होने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया था।'

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