MEA: ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मुक्त व्यापार समझौते पर जताई प्रतिबद्धता; विदेश मंत्री जयशंकर से मिले चीनी राजदूत
ऑस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त निकोलस मैककैफ्रे ने भारत से मुक्त व्यापार समझौते पर प्रतिबद्धता जताई है। उधर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से चीनी राजदूत शू फीहोंग से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति पर चर्चा की गई।

विस्तार
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। ऑस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त निकोलस मैककैफ्रे ने इस बारे में जानकारी दी है। कोलकाता में भारतीय उद्योग संगठन द्वारा आयोजित एक संवाद के दौरान मैककैफ्रे ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ष 2022 में आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) पर हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया का अगला लक्ष्य इस समझौते की सीमाओं को और भी बढ़ाना है। मैककैफ्रे ने कहा कि अब भारत में लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं और अब मुक्त व्यापार समझौते को लेकर ऑस्ट्रेलिया की भारतीय अधिकारियों से बातचीत चल रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बीते एक दशक में दोनों देशों के बीच 26 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ है।

चीनी राजदूत ने भारत के विदेश मंत्री से की मुलाकात
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष शू फीहोंग से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और एक दूसरे के हितों की प्रगति पर चर्चा की गई। इसके अलाया एस जयशंकर ने न्यूजीलैंड और श्रीलंका के राजदूतों से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा ‘आज शाम को चीन के राजदूत शी फीहोंग से मुलाकात की। उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों और एक दूसरे के हितों की प्रगति पर चर्चा की गई। उनके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।’ बता दें कि चीन ने 18 महीनों के बाद भारत में अपने राजदूत को नियुक्त किया है।
चीन-भारत के संबंधों की प्रगति पर काम करने को उत्सुक हूं- फीहोंग
एस जयशंकर से मुलाकात के बाद शू फीहोंग ने कहा कि वे चीन और भारत के संबंधों को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। फीहोंग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा ‘ भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हम दोनों के बीच चीन आर भारत के संबंधों और सामान्य हितों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।’