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सरदार पटेल जयंती: दिल्ली में मूर्ति से लेकर केरल के संग्रहालय तक, सड़कों-इमारतों में 'लौह पुरुष' की विरासत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Fri, 31 Oct 2025 10:17 AM IST
सार

आज देश की महान विभूति सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है। उनकी विरासत आज भी देशभर में सड़कों, इमारतों और संस्थानों के नाम में जीवित है। दिल्ली में उनके सम्मान में पटेल चौक और प्रमुख सड़कें हैं, साथ ही उनके नाम पर शिक्षण संस्थान और संग्रहालय भी हैं। गुजरात के केवड़िया में उनको समर्पित 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है। केरल और पटना में भी उनके नाम पर संग्रहालय, सड़कें और सरकारी भवन हैं।

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From statue in Delhi to museum in Kerala, Patel's legacy etched in streets, buildings across India
सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा - फोटो : इंस्टाग्राम/स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
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विस्तार
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स्वाधीनता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत की झलक आज भी देशभर की कई सड़कों, सार्वजनिक इमारतों और संस्थानों के नाम में देखने को मिलती है। इनमें दिल्ली में संसद भवन के पास एक चौराहा भी शामिल है, जहां पर उनकी प्रतिष्ठित कांस्य मूर्ति स्थापित है। इस मूर्ति का अनावरण साल 1963 में तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था। इसके अलावा, केरल का एक पुलिस संग्रहालय भी उनके नाम पर है।  


आज देश के पहल उप प्रधानमंत्री व गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती है। हर साल 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन 1875 में उनका जन्म गुजरात के करमसद में हुआ था। उन्हें प्यार से भारत का लोहपुरुष कहा जाता है। पटेल का निधन 15 दिसंबर 1950 को हुआ था। पटेल के निधन के तुरंत बाद सम्मान में कई सार्वजनिक स्थानों, पार्कों और सड़कों का नाम उनके नाम पर रखा गया। दिल्ली में पार्लियामेंट स्ट्रीट और अशोका रोड के चौराहे पर उनकी एक शानदार मूर्ति स्थापित की गई, जिसे अब 'पटेल चौक' कहा जाता है। इसके पास के दिल्ली मेट्रो स्टेशन का नाम इसी नाम पर रखा गया है।   
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'सिविक पत्रिका' के अक्तूबर 1963 में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, तत्कालीन राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने 18 सितंबर 1963 को इसका अनावरण किया था और यह चौराहा 'सरदार स्क्वायर' के नाम से जाना जाने लगा। मूर्ति पर लिखा है- 'सरदार वल्लभभाई पटेल- भारत की एकता के शिल्पकार'। ये शब्द देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लिखवाए थे। यह मूर्ति तीन टन वजनी और 13 फीट ऊंची है। यह मूर्ति सीधे पर नहीं रखी गई है, बल्कि इसे एक 18 फीट ऊंचे स्टैंड पर रखा गया है। अनावरण समारोह की एक पुरानी तस्वीर इंटरनेट पर उपलब्ध है, जिसमें राधाकृष्णन भाषण दे रहे हैं और नेहरू उनके पास बैठे हैं।

पुरानी सरकारी इमारत का नाम 'सरदार पटेल भवन'
एक सरकारी अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि 150वीं जयंती के अवसर पर मूर्ति की मरम्मत की गई, सड़क किनारे खंभों को रंगबिरंगी लाइट और फूलों से सजाया गया। पटेल चौक के सामने एक पुरानी सरकारी इमारत का नाम 'सरदार पटेल भवन' है। दिल्ली में एक प्रमुख सड़क है जो मदर टेरेसा क्रेसेंट से धौला कुआं इलाके तक जाती है, जिसे सरदार पटेल मार्ग नाम दिया गया है ताकि सरदार वल्लभभाई पटेल का सम्मान किया जा सके। यानी, इस सड़क का नाम पटेल की विरासत और योगदान को याद रखने के लिए रखा गया। ब्रिटिश शासन के दौरान इसे किचनर रोड कहा जाता था, जिसे स्वतंत्रता के बाद नया नाम दिया गया।

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सरदार पटेल के नाम पर शिक्षण संस्थान
दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट और लोदी एस्टेट में सरदार पटेल विद्यालय (जिसे गुजरात एजुकेशन सोसाइटी ने 1958 में स्थापित किया) और सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक ट्रस्ट लाइब्रेरी (जो ब्रिटिश कालीन इमारत में स्थित है) पटेल की गौरवमय विरासत की याद दिलाते हैं।

गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड
गुरुवार को गुजरात के केवड़िया के एकता नगर में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड आयोजित की गई, जहां 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी खड़ा है, ताकि इस नेता की 150वीं जयंती को चिह्नित किया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्तूबर 2018 को दुनिया की इस सबसे ऊंची मूर्ति का उद्घाटन किया था, ताकि एकता और देशभक्ति के संदेश को फैलाया जा सके। 

पटेल के नाम पर पर्यटक स्थल और हवाई अड्डा
सरकार के मुताबिक, पटेल ने 1947 में स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रीय का एकीकरण करने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। उन्हें 560 से अधिक रियासतों को भारत संघ में शामिल करने का काम सौंपा गया था, जो भारत की लगभग 40 फीसदी भूमि और जनसंख्या को कवर करती थीं। आज पटेल के जन्मस्थान में उनके और उनके भाई विथलभाई पटेल को समर्पित एक स्मारक खड़ा है, जबकि अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक एक पर्यटन स्थल है, जिसका हवाई अड्डा भी उनके नाम पर है।

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केरल में सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस संग्रहालय
केरल के सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस संग्रहालय में 'लौह पुरुष' की विरासत को मनाया जाता है। कोल्लम में स्थित पुलिस संग्रहालय भारत के कानून प्रवर्तन के विकास और विरासत को दर्शाने वाला एक अनूठा संग्रहालय है। यह देश का एकमात्र ऐसा संग्रहालय है जो पुलिस बल के इतिहास और विकास की संपूर्ण झलक देता है।

पटना की प्रमुख सड़क का नाम सरदार पटेल मार्ग
फिल्म और पुस्तकों में पटेल को सम्मान दिया गया है। लेकिन मजबूत शारीरिक बनावट के कारण उनकी मूर्तियां खासतौर पर सड़कों पर दिखाई देती हैं। पटना में बिहार पुलिस मुख्यालय का नाम सरदार पटेल भवन रखा गया, जबकि बिहार की राजधानी के सरकारी बंगला क्षेत्र में एक प्रमुख सड़क को स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल मार्ग नाम दिया गया,  जिसे ब्रिटिश काल में मैंगल्स रोड कहा जाता था। पटना हवाई अड्डे के पास एक गोल चौराहे पर पटेल की मूर्ति का 1992 में तत्कालीन बिहार मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अनावरण किया था। 




 

विभिन्न कार्यक्रम

1-15 नवंबर 2025: भारत पर्व 2025
भारत पर्व के विषय में: भारत पर्व हर वर्ष आयोजित होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है; जो भारत की विभिन्न सांस्कृतिक विरासत, खाद्य परंपरा एवं कलात्मक कौशल्य को दर्शाता है तथा राष्ट्रीय एकता व सामूहिक गौरव का संदेश देता है। इस वर्ष यह कार्यक्रम सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के साथ सुसंगत है और इस बार का भारत पर्व भारत की विविधता, एकता व शक्ति का उत्सव मनाने वाले एक भव्य उत्सव-समारोह के रूप में एक आइकॉनिक पर्यटन स्थल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में मनाया जाएगा।

विभिन्न राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार के जन प्रतिनिधि, साथ ही विख्यात कलाकार, कारीगर तथा विशेष अतिथि इस 15 दिवसीय उत्सव के विभिन्न दिनों में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।

मुख्य आकर्षण
•    प्रतिदिन शाम को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में डैम व्यू पॉइंट 1, वैली ऑफ फ्लॉवर के पास बनाए गए सांस्कृतिक मंच पर दो अलग-अलग राज्यों की जोड़ी में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, जो उन राज्यों की अनूठी परंपरा व कला फॉर्म्स को प्रदर्शित करेंगी। 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जयंती उत्सव के लिए विशेष प्रस्तुति आयोजित होगी।
•    स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में जंगल सफारी के पास विभिन्न राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के व्यंजन परोसने वाले 45 फूड स्टॉल तथा एक लाइव स्टूडियो किचन का आयोजन।
•    स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में जंगल सफारी के पास 55 हस्तकला स्टॉल, जो भारत के विभिन्न राज्यों की विविधतापूर्ण एवं नवीन हस्तकला प्रदर्शित करेंगे।
•    स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में जंगल सफारी के पास भारत दर्शन पैवेलियन में विभिन्न राज्यों के पैवेलियन बनाए गए हैं, जो उनके प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों तथा सांस्कृतिक विशेषताओं को प्रदर्शित करेंगे।
 
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