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मिशन गगनयान: जानवर नहीं बल्कि मानव रोबोट को अंतरिक्ष भेजेगा इसरो

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Sneha Baluni Updated Fri, 18 Jan 2019 09:25 AM IST
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Gaganyaan Mission: ISRO will have a humanoid not animal in space tests
इसरो अध्यक्ष के सिवान - फोटो : ANI
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गगनयान परियोजना के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) टेस्ट के लिए किसी जानवर को नहीं बल्कि ह्यूमोनॉयड यानी मानव रोबोट को अंतरिक्ष में भेजेगी। इसरो मानव को भेजने से पहले दो बार इस तरह के प्रयोग करेगी। इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा, 'ह्यूमोनॉयड लगभग पूरा हो चुका है। यह मिशन मानव को भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की हमारी क्षमता से परे एक उद्देश्य की पूर्ति करेगा।' 



उन्होंने कहा, 'हमारा रोबोट वह सब करने में सक्षम होगा जो एक मानव कर सकता है। हालांकि उनकी तरह बड़े पैमाने पर नहीं। हम उन्हें यह दिखाना चाहते हैं कि पहली फ्लाइट भी खाली नहीं जाएगी और हम उसका अधिकतम उपयोग करेंगे। हम अपने ह्यूमोनॉयड के मॉडल का उपयोग करेंगे।' इसरो को विभिन्न शोध संस्थानों से 40 प्रस्ताव मिले हैं। वह विशेषज्ञों की मदद से फाइनल चुनाव करेगी। 
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सिवान का कहना है कि गगनयान का डिजायन अगले हफ्ते तक बनकर तैयार हो जाएगा। केंद्र ने इस परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। सिवान ने कहा कि हमने एक या उससे ज्यादा सब-सिस्टम पर ध्यान केंद्रीत करने के लिए 11 संकल्पना समीक्षा समितियां बनाई हैं। सभी ने अपना रिव्यू पूरा कर लिया है और हम पहले ही एक एकीकृत समिति की बैठक कर चुके हैं। अगले हफ्ते तक इसका डिजायन फाइनल हो जाएगा।  

इससे पहले 11 जनवरी को इसरो अध्यक्ष के. सिवान ने गगनयान मिशन को लेकर प्रेसवार्ता की थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि इस मिशन पर काम जारी है और यह इसरो के लिए एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट है। इसरो प्रमुख सिवान ने कहा था कि दो मानवरहित स्पेस मिशन का लक्ष्य दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 रखा गया है। इसके अलावा अंतरिक्ष के मानव मिशन के लिए दिसंबर 2021 का समय निर्धारित किया गया है।

इसरो अध्यक्ष ने बताया था कि बजट पास होने के बाद क्रू की ट्रेनिंग पर काम शुरू हो चुका है। इसमें जरूरत पड़ने पर विदेशी ट्रेनिंग को भी शामिल किया जा सकता है। क्रू मेंबर का चुनाव इसरो और आईएएफ द्वारा संयुक्त तौर पर किया जा रहा है। जिसके बाद उन्हें दो से तीन सालों तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मिशन के लिए राकेश शर्मा का भी परामर्श लिया जाएगा। राकेश शर्मा भारत के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

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