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गर्व के क्षण : फ्लाइंग ऑफिसर बनने पर वायुसेना प्रमुख ने अपनी वर्दी से निकालकर दिया नायाब तोहफा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: Avdhesh Kumar
Updated Sun, 16 Jun 2019 05:50 AM IST
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फ्लाइंग ऑफिसर नवीन रेड्डी के साथ भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ
- फोटो : IAF
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भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बने जी नवीन कुमार रेड्डी शनिवार 15 जून 2019 का दिन शायद कभी नहीं भूल पाएंगे। यह दिन उनके जीवन के खास दिनों में से एक होगा, और हो भी क्यों न जब भारतीय वायुसेना प्रमुख उन्हें इस तरह का नायाब तोहफा बफ्लाइंग ऑफिसर बनने पर दें।
दरअसल हैदराबाद के पास डुंडीगल की वायुसेना अकादमी से बेहद मुश्किल ट्रेनिंग पासकर जी नवीन कुमार रेड्डी भारतीय वायुसेना में शामिल होकर फ्लाइंग ऑफिसर बने। उन्हें इस मौके पर भारतीय वायुसेना के प्रमुख ने अपनी वर्दी से अपने विंग्स निकालकर जी नवीन कुमार रेड्डी के सीने पर सजाए। यह पल न सिर्फ फ्लाइंग ऑफिसर नवीन कुमार रेड्डी के लिए खास था बल्कि सेना में सूबेदार उनके पिता और मां के लिए भी बेटे पर गर्व करने का पल रहा।
बता दें कि विंग्स किसी कैडेट को तब मिलते हैं जब वो वायुसेना में कमीशन पाता है. इसे वर्दी के सामने पहना जाता है। उन्होंने अपने विंग्स युवा अधिकारी को पहनाते हुए कहा कि मैं सितंबर में अपनी वर्दी उतार रहा हूं तो मेरे विंग्स एक युवक के लिए दे रहा हूं ताकि वो फ्लाइंग की चुनौतियों और कसौटियों पर खरा उतर सके।"
गौरतलब है कि भरतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोवा सितंबर में रिटायर हो रहे हैं। फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी ने वायुसेना अकादमी के इस बैच में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर रहे। मालूम हो कि ये सम्मान उस कैडेट को मिलता है जो पूरी ट्रेनिंग के दौरान हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। इसमें राष्ट्रपति की तरफ से सम्मान पट्टिका के साथ वायुसेना प्रमुख के हाथों एक तलवार मिलती है।
फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी के पिता जी पुल्ला रेड्डी भारतीय सेना में सूबेदार रैंक के पद पर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी हमेशा से ये तमन्ना थी कि उनका बेटा भारतीय सेना में अफसर बने। यही कारण रहा कि उन्होने अपने बेटे को आंध्रप्रदेश के विजियानगरम जिले के कोरूकोंडा सैनिक स्कूल में भर्ती कराया।

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दरअसल हैदराबाद के पास डुंडीगल की वायुसेना अकादमी से बेहद मुश्किल ट्रेनिंग पासकर जी नवीन कुमार रेड्डी भारतीय वायुसेना में शामिल होकर फ्लाइंग ऑफिसर बने। उन्हें इस मौके पर भारतीय वायुसेना के प्रमुख ने अपनी वर्दी से अपने विंग्स निकालकर जी नवीन कुमार रेड्डी के सीने पर सजाए। यह पल न सिर्फ फ्लाइंग ऑफिसर नवीन कुमार रेड्डी के लिए खास था बल्कि सेना में सूबेदार उनके पिता और मां के लिए भी बेटे पर गर्व करने का पल रहा।
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बता दें कि विंग्स किसी कैडेट को तब मिलते हैं जब वो वायुसेना में कमीशन पाता है. इसे वर्दी के सामने पहना जाता है। उन्होंने अपने विंग्स युवा अधिकारी को पहनाते हुए कहा कि मैं सितंबर में अपनी वर्दी उतार रहा हूं तो मेरे विंग्स एक युवक के लिए दे रहा हूं ताकि वो फ्लाइंग की चुनौतियों और कसौटियों पर खरा उतर सके।"
गौरतलब है कि भरतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोवा सितंबर में रिटायर हो रहे हैं। फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी ने वायुसेना अकादमी के इस बैच में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर रहे। मालूम हो कि ये सम्मान उस कैडेट को मिलता है जो पूरी ट्रेनिंग के दौरान हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। इसमें राष्ट्रपति की तरफ से सम्मान पट्टिका के साथ वायुसेना प्रमुख के हाथों एक तलवार मिलती है।
फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी के पिता जी पुल्ला रेड्डी भारतीय सेना में सूबेदार रैंक के पद पर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी हमेशा से ये तमन्ना थी कि उनका बेटा भारतीय सेना में अफसर बने। यही कारण रहा कि उन्होने अपने बेटे को आंध्रप्रदेश के विजियानगरम जिले के कोरूकोंडा सैनिक स्कूल में भर्ती कराया।