पी चिदंबरम ही नहीं उनके पूरे परिवार पर बढ़ रहा है जांच एजेंसियों का घेरा
14 देशों में पी. चिदंबरम परिवार के पास कितनी संपत्ति है, यह अभी तक रहस्य है। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद ही बताया जा सकेगा कि पूरा आंकड़ा कितने सौ करोड़ का है? फिलहाल जांच एजेंसियों के दायरे में चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम ही नहीं बल्कि पत्नी नलिनी चिदंबरम और परिवार के करीबी भी निशाने पर हैं। राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पहले ही एनडीटीवी को लेकर ट्वीट कर चुके हैं कि तिहाड़ जेल में वह भी चिदंबरम परिवार का साथ देगा। देश की शीर्ष जांच एजेंसी से जुड़े अफसर की मानें, तो स्वामी ने कुछ गलत नहीं कहा है।
सोमवार को परेशान दिखे चिदंबरम
जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि चिदंबरम परिवार ने बड़े ही जटिल आर्थिक लेनदेन के जरिए देश-विदेश में संपत्ति खड़ी की है। पैसा-कंपनी-शेयर और शेयर ट्रांसफर का रुट कई सवाल खड़े कर रहा है। पूछताछ में तथ्यों के सामने आने के बाद इसमें कई कड़ियां और जुडने की संभावना है। माना जा रहा है कि देश के मझोले और बड़े स्तर के कुछ कारोबारी भी लपेटे में आ सकते हैं। फिलहाल 22 अगस्त से लगातार पी. चिदंबरम से पूछताछ चल रही है। समय-समय पर सीबीआई के अधिकारी उनसे सवालों का जवाब ले रहे हैं। चिदंबरम अब कुछ नर्वस भी हो रहे हैं। सोमवार को जब चिदंबरम की मुलाकात अपने वकीलों से हुई, तो वह पहले की तुलना में परेशान नजर आए।
हालांकि पी चिदंबरम के वकीलों में एक बड़े वकील को पूर्व गृहमंत्री के 26 अगस्त को सीबीआई की रिमांड से मुक्ति मिलने की संभावना कम नजर आ रही थी। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई की विशेष अदालत प्रो-इनवेस्टिगेटिव एजेंसी रुख लेकर चलती है।
कौन सा पेंच बढ़ा रहा चिदंबरम की मुश्किल
पूर्व गृहमंत्री की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने वाला हाईकोर्ट का आदेश लगातार पी. चिदंबरम की परेशानी बढ़ा रहा है। सीबीआई की विशेष अदालत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता लगातार जांच एजेंसी का पक्ष रखते हुए जांच की जरूरत पर जोर दे रहे हैं। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील बीएनपी पाठक का कहना है कि सीबीआई की विशेष अदालत में जांच एजेंसी का यह पक्ष काफी माना जाता है। विशेष अदालत जांच एजेंसी को कदाचार के मामले में जांच करने से आम तौर पर नहीं रोकती है।
पाठक के अनुसार पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है। एजेंसी की तरफ दी गई जानकारी के आधार पर हाईकोर्ट ने चिदंबरम को पूरे कदाचार के षडयंत्र का किंग पिन बताया है। इसमें मंत्री पद पर रहकर पुत्र कार्ति को लाभ पहुंचाने की बात कही गई है। इस आरोप पर कार्ति चिदंबरम भी जमानत पर हैं। इसलिए चिदंबरम के सामने यह पक्ष बड़ी पेचीदगी खड़ी कर रहा है।