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अन्ना हज़ारे फिर बैठेंगे रामलीला मैदान में?

वात्सल्य राय/बीबीसी  Updated Tue, 16 Aug 2016 01:47 PM IST
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 Is Anna Hazare will protest against in Ram leela Maidan
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पांच साल पहले 16 अगस्त को भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले अन्ना हज़ारे फिर राम लीला मैदान में धरने पर बैठने का मन बना रहे हैं। इसके लिए वो एक नया संगठन भी बना रहे हैं।

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ठीक पांच साल पहले 16 अगस्त को ही समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन शुरु किया था।

लोकपाल पारित हो चुका है, लेकिन सहमति के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार ने अभी तक लोकपाल का गठन नहीं किया है।

बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "हमारी जो मांगें थीं, वो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। अगर हमारा संगठन बना रहता तो शायद वो उम्मीद पूरी होती लेकिन हमारा संगठन टूट गया।"

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वो अब नए सिरे से लड़ाई के लिए कमर कस रहे हैं। अन्ना हज़ारे कहते हैं, "कई लोगों के दिमाग में राजनीति आ गई तो उन्होंने अपनी पार्टी बना ली। कुछ लोगों ने कोई और पार्टी ज्वाइन कर ली।

इसके कारण हमारे संगठन की शक्ति कम हो गई। हमने जो सपना देखा था वो पूरा नहीं हो रहा है। लेकिन एक नया संगठन खड़ा कर इस सपने को पूरा करने की कोशिश है।"

अन्ना की बातचीत से लगता है कि आंदोलन ने कई लोगों को फायदा पहुंचाया और जो मकसद था वो कहीं पीछे छूट गया।
 

 Is Anna Hazare will protest against in Ram leela Maidan

अन्ना कहते हैं, "किसी के दिल में क्या है ये हमें नहीं पता था। हम तो देश और समाज की भलाई के बारे में सोच रहे थे।"

उनका कहना है, "असल में हमारा रास्ता संघर्ष का रास्ता है। महात्मा गांधी ने बताया था कि पक्ष और पार्टी से देश को उज्ज्वल भविष्य नहीं मिलेगा। इस पर हमारा पक्का भरोसा है।

कुछ लोग हमारे संगठन में घुस कर अधिकारियों को ब्लैकमेल करने जैसे काम करने लगे। ये बात पता चलते ही हमने सारी कमेटियां बर्खास्त कर दीं।"

उनके मुताबिक अब जो नया संगठन बनाने की शुरुआत हुई है, उसमें शामिल होने वाले लोगों को 'शपथ लेने के लिए कह जा रहा है कि वो किसी राजनीतिक पार्टी में नहीं जाएंगे, चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपने आचार और विचार शुद्ध रखेंगे।'
लेकिन वो ज़ोर देकर कहते हैं कि उनका संगठन 'किसी पक्ष या पार्टी के विरोध में आंदोलन नहीं करेगा, सिस्टम को बदलना है।'

उनके मुताबिक़, "ये देश कानून के हिसाब से चल रहा है। लोकपाल का कानून बना लेकिन ये सरकार अभी लोकपाल पर अमल नहीं कर रही है। अगर ये सरकार इस पर अमल नहीं करती है तो हमें फिर से रामलीला मैदान पर बैठना पड़ेगा।"

 Is Anna Hazare will protest against in Ram leela Maidan

 भ्रष्टाचार का मुद्दा उनके पिछले आंदोलन का केंद्रीय बिंदु था, उस पर वर्तमान केंद्र सरकार की कार्रवाई से वो खुश नहीं हैं।

वो कहते हैं, "हमारे प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान काले धन को लेकर बड़े बड़े वादे किए थे। सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर काला धन देश में वापस लाने और हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपया जमा करने का वादा किया था। लेकिन आज तक कोई खास उपाय नहीं हुआ। उल्टा काला धन बढ़ रहा है।"

थोड़े नारज़गी भरे स्वर में वो कहते हैं, "जब चुनावी खर्च की बात आई तो सभी राजनीतिक पार्टियां एक हो गईं और 20,000 रुपये तक के डोनेशन का हिसाब न देने की बात कही। जब सबके लिए ऑडिट रखा है, तो इनके लिए क्यों नहीं है ऑडिट?"

वो आरोप लगाते हैं, "सारी राजनीतिक पार्टियां बड़े बड़े उद्योगपतियों से लाखों का डोनेशन 20-20 हज़ार के हिस्सों में लेती हैं। इस तरह से ब्लैक मनी को सफेद किया जा रहा है।"

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