Karnataka: कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने आरएसएस पर फिर साधा निशाना, बोले- संघ के हाथों की कठपुतली है भाजपा
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने आरएसएस को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह न तो रजिस्टर्ड है, न ही पारदर्शी, फिर भी हर साल सैकड़ों करोड़ की फंडिंग मिलती है। उन्होंने मांग की कि सरकारी संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगे, क्योंकि इसकी विचारधारा संविधान के खिलाफ है।

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कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कई सारे गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए पूछा कि आरएसएस दुनिया का सबसे गुप्त संगठन है, जो न तो रजिस्टर्ड है और न ही पारदर्शिता दिखाता है, फिर भी इसे हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये कहा से मिलते हैं? खरगे ने कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य की सभी सरकारी इमारतों और संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उनका कहना है कि आरएसएस की सोच संविधान और भारत की एकता के खिलाफ है।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रियांक खरगे ने सवाल किया कि आरएसएस ने 100 साल में देश के लिए क्या योगदान दिया है? क्या कारण है कि इसका प्रमुख इतना सुरक्षा घिरा लेकर चलता है? अगर यह NGO है तो पंजीकरण दस्तावेज क्यों नहीं दिखाए जाते? 300 से 400 करोड़ रुपये कहां से और कैसे आ रहे हैं?
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भाजपा आरएसएस की कठपुतली- खरगे
कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने यह भी कहा कि भाजपा, आरएसएस की कठपुतली है। अगर आरएसएस नहीं रहेगा तो भाजपा भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वे हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ हैं क्योंकि यह समानता में विश्वास नहीं करती और संविधान की जगह ‘मनुस्मृति’ को मानती है।
इस दौरान उन्होंने आरएसएस के लाठी मार्च पर भी सवाल उठाया और कहा कि बिना पुलिस की अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर हथियारों जैसे डंडों के साथ प्रदर्शन करना बच्चों और युवाओं के मन पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
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बच्चों को भड़काऊ बातें सिखाने का आरोप- खरगे
खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में आरएसएस की शाखाएं चल रही हैं जहां बच्चों को भड़काऊ बातें सिखाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतें सिर उठाएं, तो संविधान हमें उन्हें रोकने का अधिकार देता है, ताकि देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता बनी रहे।