Kerala: राष्ट्रपति मुर्मू ने केआर नारायणन की प्रतिमा का अनावरण किया, बोलीं- उनका जीवन प्रेरणा का प्रतीक
केरल दौरे पर गईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राजभवन परिसर में पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि नारायणन का जीवन साहस, मेहनत और आत्मविश्वास की मिसाल है।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन दिनों केरल के दौरे पर हैं। इस दौरान गुरुवार को उन्होंने केरल राजभवन परिसर में भारत के पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन की प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा भारत के पहले दलित राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि स्वरूप स्थापित की गई है। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन मौजूद थे।

कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि केआर नारायणन का जीवन साहस, मेहनत और आत्मविश्वास की प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने शिक्षा की शक्ति के बल पर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचकर यह दिखाया कि अवसर और दृढ़ निश्चय से सब कुछ संभव है।
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भारत के मूल्यों को ईमानदारी से निभाया- मुर्मू
मुर्मू ने कहा कि राजनीति में आने से पहले नारायणन ने भारतीय विदेश सेवा में शानदार करियर बनाया और हमेशा भारत के मूल्यों शांति, न्याय और सहयोग को ईमानदारी से निभाया। राष्ट्रपति ने बताया कि नारायणन न सिर्फ भारत के राष्ट्रपति रहे, बल्कि उन्होंने उपराष्ट्रपति के रूप में भी देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि नारायणन हमेशा केरल से जुड़े रहे और अपने राज्य की सामाजिक प्रगति, शिक्षा और समानता की भावना से प्रेरणा लेते रहे। उनके लिए शिक्षा सभी का अधिकार थी, न कि कुछ लोगों का विशेषाधिकार।
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नारायणन ने लोकतांत्रिक मूल्यों की विरासत छोड़ी- मुर्मू
मुर्मू ने इस दौरान यह भी कहा कि नारायणन ने नैतिकता, ईमानदारी, करुणा और लोकतांत्रिक मूल्यों की विरासत छोड़ी है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर एक समावेशी और न्यायपूर्ण भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रपति मुर्मू ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का धन्यवाद किया, जिनके मार्गदर्शन में यह पहल शुरू की गई थी। गौरतलब है कि केआर नारायणन ने 1997 से 2002 तक भारत के 10वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था। उनका निधन 9 नवंबर 2005 को 85 वर्ष की आयु में हुआ था।