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Kharif: खरीफ रकबा में 6.51 लाख हेक्टेयर की हुई बढ़ोतरी, कृषि मंत्री चौहान ने अच्छी बारिश से जताई ये उम्मीद
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Mon, 13 Oct 2025 03:34 PM IST
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सार
इस वर्ष खरीफ फसलों के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल कवरेज पिछले वर्ष की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर अधिक है। कुल बुवाई क्षेत्र 1121.46 लाख हेक्टेयर है, जबकि गत वर्ष यह 1114.95 लाख हेक्टेयर था। गेहूं, धान, मक्का, गन्ना और दलहन की बुवाई भी वर्ष 2024-25 की तुलना में अधिक हुई है।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्रीय कृषि,किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कृषि क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में देशभर में खरीफ फसल की स्थिति, रबी फसल की बुवाई, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की स्थिति,मूल्य स्थिति, उर्वरक उपलब्धता, जलाशयों की स्थिति सहित विभिन्न विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
बैठक में अधिकारियों ने खरीफ की बुवाई के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ फसलों के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल कवरेज पिछले वर्ष की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर अधिक है। कुल बुवाई क्षेत्र 1121.46 लाख हेक्टेयर है, जबकि गत वर्ष यह 1114.95 लाख हेक्टेयर था। गेहूं, धान, मक्का, गन्ना और दलहन की बुवाई भी वर्ष 2024-25 की तुलना में अधिक हुई है। उड़द बुवाई क्षेत्रफल में वृद्धि की भी जानकारी देते हुए बताया गया कि, उड़द के क्षेत्रफल में 1.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2024-25 में उड़द का बुवाई क्षेत्रफल 22.87 लाख हेक्टेयर था, जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर 24.37 लाख हेक्टेयर हो गया है।
इस दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि,बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण कुछ प्रदेशों में फसलें प्रभावित हैं, लेकिन यह भी बताया कि अन्य प्रदेशों में अच्छे मानसून के कारण फसल काफी अच्छी है, जिसका उत्पादन वृद्धि के रूप में बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री को बताया अच्छे मानसून के कारण मिट्टी में नमी है, जिसका अच्छा प्रभाव रबी बुवाई और उत्पादन में वृद्धि के रूप में देखने को मिलेगा। टमाटर और प्याज की बुआई सुचारू रूप से चल रही है। वर्ष 2024-25 की तुलना में प्याज का बुवाई क्षेत्रफल 3.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.91 लाख हेक्टेयर हो गया है, वहीं आलू का क्षेत्रफल 0.35 लाख हेक्टेयर की तुलना में 0.43 लाख हेक्टेयर हो गया है। टमाटर का बुवाई क्षेत्रफल पिछले वर्ष समान अवधि में 1.86 लाख हेक्टेयर था, जो इस वर्ष बढ़कर 2.37 लाख हेक्टेयर हो गया है। आलू, प्याज, टमाटर में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप अच्छी वृद्धि हुई है। बैठक में बताया गया कि चावल और गेहूं के वास्तविक स्टॉक बफर मानक के मुकाबले ज्यादा हैं।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को अधिकारियों ने देश में जलाशयों की स्थिति से भी अवगत कराते हुए बताया कि पूरे देश में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कुल संग्रहण स्थिति बेहतर है और इसी अवधि के दौरान सामान्य संग्रहण से भी बेहतर है। 161 जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण का 103.51 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों के औसत संग्रहण का 115 प्रतिशत है।
बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने उर्वरक उपलब्धता की वर्तमान स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही आगामी दिनों में सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से इस संबंध में उर्वरक मंत्रालय से सतत संपर्क में रहने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि आगामी सीजन में उर्वरकों की आवश्यकता को लेकर राज्यों के साथ समन्वय किया जा रहा है।

बैठक में अधिकारियों ने खरीफ की बुवाई के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ फसलों के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल कवरेज पिछले वर्ष की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर अधिक है। कुल बुवाई क्षेत्र 1121.46 लाख हेक्टेयर है, जबकि गत वर्ष यह 1114.95 लाख हेक्टेयर था। गेहूं, धान, मक्का, गन्ना और दलहन की बुवाई भी वर्ष 2024-25 की तुलना में अधिक हुई है। उड़द बुवाई क्षेत्रफल में वृद्धि की भी जानकारी देते हुए बताया गया कि, उड़द के क्षेत्रफल में 1.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2024-25 में उड़द का बुवाई क्षेत्रफल 22.87 लाख हेक्टेयर था, जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर 24.37 लाख हेक्टेयर हो गया है।
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इस दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि,बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण कुछ प्रदेशों में फसलें प्रभावित हैं, लेकिन यह भी बताया कि अन्य प्रदेशों में अच्छे मानसून के कारण फसल काफी अच्छी है, जिसका उत्पादन वृद्धि के रूप में बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री को बताया अच्छे मानसून के कारण मिट्टी में नमी है, जिसका अच्छा प्रभाव रबी बुवाई और उत्पादन में वृद्धि के रूप में देखने को मिलेगा। टमाटर और प्याज की बुआई सुचारू रूप से चल रही है। वर्ष 2024-25 की तुलना में प्याज का बुवाई क्षेत्रफल 3.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.91 लाख हेक्टेयर हो गया है, वहीं आलू का क्षेत्रफल 0.35 लाख हेक्टेयर की तुलना में 0.43 लाख हेक्टेयर हो गया है। टमाटर का बुवाई क्षेत्रफल पिछले वर्ष समान अवधि में 1.86 लाख हेक्टेयर था, जो इस वर्ष बढ़कर 2.37 लाख हेक्टेयर हो गया है। आलू, प्याज, टमाटर में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप अच्छी वृद्धि हुई है। बैठक में बताया गया कि चावल और गेहूं के वास्तविक स्टॉक बफर मानक के मुकाबले ज्यादा हैं।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को अधिकारियों ने देश में जलाशयों की स्थिति से भी अवगत कराते हुए बताया कि पूरे देश में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कुल संग्रहण स्थिति बेहतर है और इसी अवधि के दौरान सामान्य संग्रहण से भी बेहतर है। 161 जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण का 103.51 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों के औसत संग्रहण का 115 प्रतिशत है।
बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने उर्वरक उपलब्धता की वर्तमान स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही आगामी दिनों में सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से इस संबंध में उर्वरक मंत्रालय से सतत संपर्क में रहने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि आगामी सीजन में उर्वरकों की आवश्यकता को लेकर राज्यों के साथ समन्वय किया जा रहा है।