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शराब ही नहीं चखने को भी लगी सुप्रीम कोर्ट के चाबुक की चोट, बिक्री गिरी
amarujala.com- presented by: आनंद
Updated Wed, 12 Apr 2017 02:26 PM IST
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर 500 मीटर के अंदर शराब प्रतिबंध का आसर सोडा, पानी और नमकीन बेचने वालें दुकानदारों पर पड़ने लगा है। जिसके कारण उनको खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स की खबरों के अनुसार, हाइवे पर शराब बंद होने से चिप्स,नमकीन, सोडा और पानी जैसे चखना बेचने वाले दुकानदारों की बिक्री में 10-30 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
कॉर्निटोज नाचोज ब्रैंडनेम से स्नैक्स बेचने वाली ग्रीनदूत हेल्थ फूड्स के सहायक विक्रम ने बताया कि 'पैकेज्ड फूड्स पर शर्तिया दबाव बना है, क्योंकि इसकी बिक्री का हाइवे किनारे शराब के सेवन से गहरा नाता रहा है।' उन्होंने बताया कि प्रतिबंध के बाद से उनके स्नैक्स ब्रैंड की सेल में 10 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
वहीं फाइन डाइनिंग ऑलिव बिस्ट्रो और सोडा बॉटल ओपनरवाला के मैनेजिंग डायरेक्टर एडी सिंह का कहना है कि उनके गुड़गांव और मुंबई वाले चार रेस्तरां है। मगर शराब प्रतिबंध के बाद उनका बिक्री 30 से 50 फीसदी गिर गया है। उन्होंने कहा, 'लिकर बैन और शराब के साथ बिकनेवाली डिशेज की डिमांड में आयी गिरावट के चलते औसत भुगतान 30 से 40 प्रतिशत तक घट गई है।

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कॉर्निटोज नाचोज ब्रैंडनेम से स्नैक्स बेचने वाली ग्रीनदूत हेल्थ फूड्स के सहायक विक्रम ने बताया कि 'पैकेज्ड फूड्स पर शर्तिया दबाव बना है, क्योंकि इसकी बिक्री का हाइवे किनारे शराब के सेवन से गहरा नाता रहा है।' उन्होंने बताया कि प्रतिबंध के बाद से उनके स्नैक्स ब्रैंड की सेल में 10 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
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वहीं फाइन डाइनिंग ऑलिव बिस्ट्रो और सोडा बॉटल ओपनरवाला के मैनेजिंग डायरेक्टर एडी सिंह का कहना है कि उनके गुड़गांव और मुंबई वाले चार रेस्तरां है। मगर शराब प्रतिबंध के बाद उनका बिक्री 30 से 50 फीसदी गिर गया है। उन्होंने कहा, 'लिकर बैन और शराब के साथ बिकनेवाली डिशेज की डिमांड में आयी गिरावट के चलते औसत भुगतान 30 से 40 प्रतिशत तक घट गई है।
लिकर सर्विस रेवेन्यू सबसे ज्यादा

कंसल्टेंसी फर्म टेक्नो पैक की फूड सर्विसेज रिपोर्ट की माने तो 2016 में होटलों,रोस्तरां, बार, कैफे और पब से लिकर सर्विस रेवेन्यू 22,000 करोड़ रुपये था। कार्बोनेटेड ड्रिंक्स,जूस पैक्ट और नट्स, चिप्स, नाचोज और फ्राइज की बिक्री में शराब सेवाओं के राजस्व के 30 प्रतिशत के बराबर है।
इस हिसाब से इसकी कुल बिक्री 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है। मगर अब शराब प्रतिबंध के बाद से कुल 65,000 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा होगा और 10 लाख लोगों का रोजगार खत्म होने की संभावना है।
द बीयर कैफे के सहायक राहुल सिंह कहते हैं कि 'हमारे बिजनेस में लगभग 20 करोड़ रुपये की कमी सिर्फ इस वजह से आयी है कि शराब के साथ लिए जाने वाले सामान जैसे स्नैक्स, पैकेज्ड जूस, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और पैकेज्ड पानी वगैरह की खपत कम हो गई है।' बीयर कैफे के 35 स्टोर्स हैं जिनमें से गुड़गांव, मुंबई और पुणे के चार स्टोर हाइवे किनारे होने के कारण प्रभावित हुए हैं।
इस हिसाब से इसकी कुल बिक्री 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है। मगर अब शराब प्रतिबंध के बाद से कुल 65,000 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा होगा और 10 लाख लोगों का रोजगार खत्म होने की संभावना है।
द बीयर कैफे के सहायक राहुल सिंह कहते हैं कि 'हमारे बिजनेस में लगभग 20 करोड़ रुपये की कमी सिर्फ इस वजह से आयी है कि शराब के साथ लिए जाने वाले सामान जैसे स्नैक्स, पैकेज्ड जूस, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और पैकेज्ड पानी वगैरह की खपत कम हो गई है।' बीयर कैफे के 35 स्टोर्स हैं जिनमें से गुड़गांव, मुंबई और पुणे के चार स्टोर हाइवे किनारे होने के कारण प्रभावित हुए हैं।