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MEA Briefing: NATO प्रमुख के बयान और नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक... विदेश मंत्रालय ने दिए तमाम सवालों के जवाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Fri, 26 Sep 2025 04:29 PM IST
सार
विदेश मंत्रालय ने नाटो प्रमुख मार्क रूटे के विवादित बयान को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि मोदी और पुतिन के बीच यूक्रेन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने H-1B वीजा, रूसी सेना में भारतीयों की मौजूदगी, क्वाड, ईयू की ऊर्जा नीति और पड़ोसी देशों के मुद्दों पर भी विस्तृत जवाब दिए। मंत्रालय ने पाकिस्तान पर सार्क बाधित करने का आरोप लगाया और कश्मीर पर भारत का रुख दोहराया।
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रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
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विस्तार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग में कई अहम मुद्दों पर स्पष्ट और सख्त बयान दिए। भारत ने शुक्रवार को पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो के महासचिव मार्क रूटे के उस बयान को सख्ती से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों के चलते भारत ने रूस से यूक्रेन युद्ध की रणनीति स्पष्ट करने को कहा। विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर इस दावे को “तथ्यहीन और पूरी तरह से आधारहीन” बताया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नाटो महासचिव मार्क रूटे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच कथित बातचीत का जो दावा किया गया है, वह तथ्यात्मक रूप से गलत और आधारहीन है। प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी इस तरह की बातचीत नहीं की। ऐसी कोई वार्ता हुई ही नहीं। मंत्रालय ने नाटो प्रमुख को भविष्य में ऐसे बयानों से पहले सावधानी बरतने की सलाह भी दी।
यूरोपीय संघ और रूसी ऊर्जा आयात
यूरोपीय संघ द्वारा भारत से रूसी ऊर्जा आयात घटाने की अपील पर मंत्रालय ने दोहरे मानकों पर सवाल उठाए। जायसवाल ने कहा कि जैसा राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था, वैसे ही ईयू, जी7 और नाटो को भी रूस से ऊर्जा आयात रोकना चाहिए। भारत लगातार कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और जरूरतों के आधार पर होती है।
ये भी पढ़ें- कंपनी के मालिक पर यौन शोषण का आरोप, पीड़िता की अपील- क्राइम ब्रांच करे मामले की जांच
क्वाड और वैश्विक सहयोग
क्वाड पर सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे एक महत्वपूर्ण मंच बताया। जायसवाल ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन परामर्श और सहयोग पर आधारित है। यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए अहम है।
H-1B वीजा और प्रतिभा गतिशीलता
अमेरिका द्वारा H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने और नए नियम लाने पर भी विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई। प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि कुशल प्रतिभा की गतिशीलता और आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत दोनों में तकनीकी विकास, नवाचार और आर्थिक वृद्धि में बड़ी भूमिका निभाई है। मंत्रालय ने कहा कि इस मामले पर भारत लगातार अमेरिकी प्रशासन और उद्योग से संपर्क में है।
भारतीय नागरिक और रूसी सेना
विदेश मंत्रालय ने एक और गंभीर मुद्दे पर जानकारी दी कि वर्तमान में 27 भारतीय नागरिक रूसी सेना में सेवा कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने बार-बार अपने नागरिकों को आगाह किया है कि वे ऐसे प्रस्तावों से दूर रहें, क्योंकि यह जानलेवा और खतरनाक हो सकते हैं।
ये भी पढ़ें- माकपा कार्यकर्ता हत्या मामले में भाजपा-आरएसएस के नौ कार्यकर्ता बरी, अदालत ने सुनाया फैसला
बांग्लादेश, नेपाल और क्षेत्रीय राजनीति
जायसवाल ने अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भारत द्वारा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मेजबानी को लेकर सवाल उठाए थे। जायसवाल ने कहा कि शेख हसीना को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट है और इस पर किसी भ्रम की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने दोहराया कि भारत का रुख पहले भी साफ था और आगे भी वैसा ही रहेगा। वहीं, नेपाल और अन्य पड़ोसियों के संदर्भ में भी भारत ने लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण रिश्तों की अपनी अपेक्षा दोहराई।
पाकिस्तान और तुर्किए के बयान पर जवाब
तुर्किए के राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाने पर विदेश मंत्रालय ने सख्त प्रतिक्रिया दी। जायसवाल ने कहा कि भारत का कश्मीर पर रुख अच्छी तरह से जाना-पहचाना है और यह आंतरिक मामला है। इसके साथ ही भारत और साइप्रस के विदेश मंत्रियों की मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने उत्तर साइप्रस मुद्दे पर यूएनएससी प्रस्तावों के अनुरूप समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की रुचि पर मंत्रालय ने कहा कि भारत की स्थिति पहले से स्पष्ट है। वहीं, सार्क पर बोलते हुए जायसवाल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि एक देश आतंकवाद के कारण इस मंच को बाधित कर रहा है।
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यूरोपीय संघ और रूसी ऊर्जा आयात
यूरोपीय संघ द्वारा भारत से रूसी ऊर्जा आयात घटाने की अपील पर मंत्रालय ने दोहरे मानकों पर सवाल उठाए। जायसवाल ने कहा कि जैसा राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था, वैसे ही ईयू, जी7 और नाटो को भी रूस से ऊर्जा आयात रोकना चाहिए। भारत लगातार कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और जरूरतों के आधार पर होती है।
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क्वाड और वैश्विक सहयोग
क्वाड पर सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे एक महत्वपूर्ण मंच बताया। जायसवाल ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन परामर्श और सहयोग पर आधारित है। यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए अहम है।
H-1B वीजा और प्रतिभा गतिशीलता
अमेरिका द्वारा H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने और नए नियम लाने पर भी विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई। प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि कुशल प्रतिभा की गतिशीलता और आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत दोनों में तकनीकी विकास, नवाचार और आर्थिक वृद्धि में बड़ी भूमिका निभाई है। मंत्रालय ने कहा कि इस मामले पर भारत लगातार अमेरिकी प्रशासन और उद्योग से संपर्क में है।
भारतीय नागरिक और रूसी सेना
विदेश मंत्रालय ने एक और गंभीर मुद्दे पर जानकारी दी कि वर्तमान में 27 भारतीय नागरिक रूसी सेना में सेवा कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने बार-बार अपने नागरिकों को आगाह किया है कि वे ऐसे प्रस्तावों से दूर रहें, क्योंकि यह जानलेवा और खतरनाक हो सकते हैं।
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बांग्लादेश, नेपाल और क्षेत्रीय राजनीति
जायसवाल ने अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भारत द्वारा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मेजबानी को लेकर सवाल उठाए थे। जायसवाल ने कहा कि शेख हसीना को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट है और इस पर किसी भ्रम की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने दोहराया कि भारत का रुख पहले भी साफ था और आगे भी वैसा ही रहेगा। वहीं, नेपाल और अन्य पड़ोसियों के संदर्भ में भी भारत ने लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण रिश्तों की अपनी अपेक्षा दोहराई।
पाकिस्तान और तुर्किए के बयान पर जवाब
तुर्किए के राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाने पर विदेश मंत्रालय ने सख्त प्रतिक्रिया दी। जायसवाल ने कहा कि भारत का कश्मीर पर रुख अच्छी तरह से जाना-पहचाना है और यह आंतरिक मामला है। इसके साथ ही भारत और साइप्रस के विदेश मंत्रियों की मुलाकात का जिक्र करते हुए उन्होंने उत्तर साइप्रस मुद्दे पर यूएनएससी प्रस्तावों के अनुरूप समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की रुचि पर मंत्रालय ने कहा कि भारत की स्थिति पहले से स्पष्ट है। वहीं, सार्क पर बोलते हुए जायसवाल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि एक देश आतंकवाद के कारण इस मंच को बाधित कर रहा है।
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