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Giloy Benefits: आयुष मंत्रालय का दावा- गिलोय पूरी तरह सुरक्षित, इसे लीवर खराब होने से जोड़ना भ्रामक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Wed, 16 Feb 2022 09:25 PM IST
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सार
गिलोय के रिसर्च से पता चलता है कि इसके इस्तेमाल से कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, किसी दवा का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इसका उपयोग कैसे किया जा रहा है।

गिलोए
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
पिछले कुछ दिनों से फिर से गिलोय या गुडूची के इस्तेमाल से लीवर के खराब होने की भ्रामक खबरें आ रही हैं। इस बीच आयुष मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि गिलोय या गुडूची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) पूरी तरह से सुरक्षित है और उपलब्ध तथ्यों के अनुसार यह हानिकारक (टॉक्सिक) नहीं है।

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गिलोय को आयुर्वेद में सबसे अच्छी कायाकल्प जड़ी बूटी कहा गया है। गिलोय के रिसर्च से पता चलता है कि इसके इस्तेमाल से कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, किसी दवा का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इसका उपयोग कैसे किया जा रहा है। इसमें किसी भी दवा की खुराक की मात्रा सबसे जरूरी होती है जो उस दवा की सुरक्षा को निर्धारित करती है।
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रिसर्च में सामने आया कि गिलोय पाउडर की निश्चित मात्रा से फ्रूट फ्लाई (ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर) की लाइफ बढ़ी जबकि ज्यादा मात्रा ने फ्रूट फ्लाई की लाइफ को कम कर दिया। यह ये दर्शाता है कि किसी भी दवा व औषधि का लाभ लेने के लिए एक निश्चित खुराक को बनाए रखना बहुत जरूरी है।
मंत्रालय ने बताया कि गिलोय का यूज एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक, एंटी-हाइपरलिपिडेमिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव, कार्डियोवस्कुलर प्रोटेक्टिव, न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंटी-पायरेटिक इत्यादि के रूप में किया जाता है। वहीं, इसका इस्तेमाल डायरिया, अल्सर और कैंसर को मात देने के लिए किया जाता है।
साथ ही पाचन संबंधी समस्या और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर भी इसका यूज किया जाता है। इतना ही नहीं कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी को मात देने के लिए भी इसका उपयोग किया जा रहा है। इसकी इन सभी खूबियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि ये पूरी तरह से सुरक्षित है और यह हानिकारक (टॉक्सिक) नहीं है।