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लॉकडाउन में बढ़ी होम डिलीवरी: लोग हेल्थ प्रोडक्ट के अलावा घर मंगवा रहे ये सामान

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Harendra Chaudhary Updated Wed, 26 May 2021 04:18 PM IST
सार

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अमर उजाला से कहा कि पहले लोग हेल्थ, हाइजीन कैटेगरी के प्रोडक्ट्स के प्रति उदासीन थे। कोरोना की दूसरी लहर देखने के उन्हें समझ आ गया कि हेल्थ और हाइजीन भी उतना जरूरी है जितना जीवन के लिए भोजन...

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Online grocery and hygiene shopping become first choice of buyers during lockdown
डिलिवरी - फोटो : iStock
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विस्तार
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देश में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। कई राज्य संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा ले हैं, तो कई राज्यों ने बाजारों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। राज्यों में कर्फ्यू और सख्त पाबंदियों से रिटेल बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है। लेकिन इस दौरान लोगों ने हेल्थ, हाइजीन कैटेगरी के प्रोडक्ट सहित पर्सनल और होम केयर आइटम की अच्छी खासी ख़रीदारी की है। वहीं इस लॉकडाउन में ब्यूटी, कॉस्मैटिक और फैशन की बिक्री पर बुरा असर पड़ा है।

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कोरोना महामारी के इस दौर में लोग अपने घरों में कैद हैं। इस दौरान वे अपनी जरूरत के सामान खरीदने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। चाहे वह किराना सामान हो या फिर बाजार से बना हुआ खाना, सबके लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म का ही प्रयोग किया जा रहा है। इस लॉकडाउन में लोगों का ज्यादा फोकस आयुर्वेदिक सामान और जूस पर रहा। इसके अलावा इंस्टेंट फूड और रेडी-टू-ईट स्नैक्स जैसे आइटम्स की बिक्री भी बढ़ी है।
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इस लॉकडाउन में वैल्यू पैक की बिक्री में भी 20 फीसदी की अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है। इसमें 5 से 10 रुपये के बिस्कुट, कैचअप और जैम के पैकेट शामिल हैं। कुछ दिनों पूर्व ही मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया के एमडी और सीईओ अरविंद मेंदीरत्ता ने एजेंसी से चर्चा में कहा था कि अनावश्यक जरूरत वाले सामान की बिक्री में गिरावट आई है। कंपनियां होम डिलिवरी मॉडल पर फोकस कर रही हैं। जब तक ग्राहक स्टोर तक नहीं आ रहे तब तक ये बंद ही रहने वाले हैं।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अमर उजाला से कहा कि पहले लोग हेल्थ, हाइजीन कैटेगरी के प्रोडक्ट्स के प्रति उदासीन थे। कोरोना की दूसरी लहर देखने के उन्हें समझ आ गया कि हेल्थ और हाइजीन भी उतना जरूरी है जितना जीवन के लिए भोजन। इसलिए लॉकडाउन होने के इन प्रोडक्ट की ज्यादा मांग देखी गई है।

उन्होंने कहा, आज होम डिलीवरी का कांसेप्ट बड़ी-बड़ी कंपनियों के अलावा छोटे-छोटे दुकानदारों ने भी अपनाया है। आज व्यापारियों को ये बात समझ आ गई गया कि ई-कॉमर्स से ही भविष्य में व्यापार किया जा सकता है। बाजार उपभोक्ताओं की डिमांड पर चलता है। आज के दौर में ग्राहक घर बैठे ही सब सामान पाना चाहता है। कोरोना काल की पहली लहर के दौरान कई शहरों में व्यापारियों ने लोगों के घर सामान पहुंचाने का काम प्रयोग के तौर पर शुरू किया था, जिसका उन्हें काफी फायदा हुआ। इस बार भी उन्होंने यही दोहराया जिसका उन्हें फायदा भी मिल रहा है।

होम डिलीवरी का चलन बढ़ा, नियमों से हो रही दिक्कत

कोरोना में कंपनियों का जोर होम डिलीवरी पर है। लेकिन अलग-अलग राज्यों में नियमों में बदलाव से दिक्कत भी हो रही है। इन दिनों गैर-जरूरी कैटेगरी के उत्पादों की मांग काफी घट गई है। रिटेलर्स का कहना है कि इस समय फूड और अन्य जरूरी आइटम की बिक्री ही हो रही है। इसमें ताजी सब्जियां, ग्रॉसरी और दालें आदि शामिल हैं। इसके साथ ही दूध जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग भी बनी हुई है। इस दौर में भी नूडल्स, पास्ता और अचार आदि की बिक्री काफी तेज हो गई है।

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