सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Panaji: Goa court acquits minister Mauvin Godinho in 1998 power rebate scam

Goa: गोवा पावर रिबेट घोटाले में मंत्री माविन गोडिन्हो बरी, 26 साल पुराने मामले में विशेष अदालत से मिली राहत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पणजी Published by: पवन पांडेय Updated Mon, 25 Aug 2025 04:04 PM IST
विज्ञापन
सार

गोवा के मंत्री माविन गोडिन्हो एक 26 साल पुराने केस में विशेष अदालत से बरी हो गए हैं। बता दें कि 1998 में बहुचर्चित पावर रिबेट घोटाले में मंत्री गोडिन्हो पर लगे आरोप साबित नहीं हुए, जिसके बाद कोर्ट से उन्हें बरी करने का फैसला किया।

Panaji: Goa court acquits minister Mauvin Godinho in 1998 power rebate scam
गोवा के मंत्री माविन गोडिन्हो को बड़ी राहत - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

गोवा के परिवहन मंत्री माविन गोडिन्हो को 26 साल पुराने बहुचर्चित पावर रिबेट घोटाले के मामले में अदालत ने बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश इरशाद आगा ने सोमवार को खुले न्यायालय में फैसला सुनाते हुए कहा कि गोडिन्हो पर लगे आरोप साबित नहीं हुए। यह मामला करीब ढाई दशक तक अदालत में चला और अब जाकर इसका पटाक्षेप हुआ है।
loader
Trending Videos


 यह भी पढ़ें - Civil Aviation: दो मार्गों पर फिर शुरू होंगी सी प्लेन सेवाएं, केंद्रीय मंत्री बोले- अक्तूबर तक पूरा होगा काम
विज्ञापन
विज्ञापन


क्या था पूरा मामला?
यह पूरा विवाद साल 1998 का है। उस समय माविन गोडिन्हो गोवा के ऊर्जा मंत्री थे। उन पर आरोप था कि उन्होंने उद्योगों को बिजली बिल पर 25 प्रतिशत की छूट देने की अधिसूचना जारी की। यह रियायत जून 27, 1998 की तारीख से लागू की गई थी। आरोप था कि इस फैसले से राज्य सरकार को लगभग 4.52 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

मनोहर पर्रिकर ने उठाई थी आवाज
तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और बाद में मुख्यमंत्री बने मनोहर पर्रिकर ने ही इस मामले को उजागर किया था। मनोहर पर्रिकर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि यह अधिसूचना कैबिनेट से अनुमति लिए बिना जारी की गई, जो सरकार के व्यापार के नियम का उल्लंघन था।

क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद की थी गिरफ्तारी
इस मामले की जांच गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने की थी। मई 2001 में माविन गोडिन्हो और उस समय के मुख्य विद्युत अभियंता टी. नागराजन को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद में, 2006 में विशेष अदालत ने माविन गोडिन्हो पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किए थे।

 यह भी पढ़ें - Owaisi: संविधान संशोधन बिल पर ओवैसी ने उठाए सवाल; कहा- CBI-ED सरकार के इशारे पर कर रहीं काम, स्वतंत्रता जरूरी

क्या है विशेष अदालत का फैसला?
मामले में लंबी सुनवाई के बाद सोमवार को अदालत ने फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि गोडिन्हो के खिलाफ पेश किए गए सबूत पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए उन्हें बरी किया जाता है। बता दें कि कोर्ट के फैसला सुनाने के दौरान मंत्री माविन गोडिन्हो खुद अदालत में मौजूद थे।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed