Parliament: देशभर में 18 लाख एकड़ रक्षा भूमि में से 11,152 एकड़ पर अतिक्रमण; केंद्र सरकार का संसद में खुलासा
संसद में शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने बताया कि देश की 18 लाख एकड़ रक्षा भूमि में से 11,152 एकड़ पर अतिक्रमण है। जबकि 45,906 एकड़ जमीन अतिरिक्त और 8,113 एकड़ जमीन विवाद में फंसी हुई है। आइए जानते है आज दिनभर संसद में क्या-क्या हुआ...
विस्तार
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि देशभर में फैली लगभग 18 लाख एकड़ रक्षा भूमि में से करीब 11,152 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी।
कितनी रक्षा भूमि पर क्या स्थिति?
देशभर में रक्षा मंत्रालय से यह जानकारी मांगी गई थी कि कुल रक्षा भूमि में से कितनी जमीन खाली है, कितनी अवैध कब्जे में है और कितनी कानूनी विवादों में फंसी हुई है। सरकार ने बताया कि कुल 18 लाख एकड़ रक्षा भूमि में से 11,152 एकड़ पर अतिक्रमण है, जबकि 8,113 एकड़ जमीन कानूनी विवादों में चल रही है। इसके अलावा 45,906 एकड़ भूमि को अतिरिक्त श्रेणी में रखा गया है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि रक्षा भूमि का उपयोग केवल सैन्य गतिविधियों, रणनीतिक जरूरतों, प्रशिक्षण, सुरक्षा और आवास निर्माण जैसी आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। कई जमीनें भले ही खाली दिखाई देती हों, लेकिन वे ट्रेनिंग, मोबिलाइजेशन ड्रिल, KLP प्लान और मैरिड अकोमोडेशन जैसी भविष्य की जरूरतों के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं।
45,906 एकड़ अतिरिक्त जमीन अन्य विभागों को ऑफर
सरकार ने बताया कि लगभग 45,906 एकड़ जमीन सेना की जरूरत से अधिक है। इसकी जानकारी अन्य केंद्रीय मंत्रालयों को दी गई है, ताकि वे अपनी जरूरत के अनुसार इन भूमि हिस्सों की मांग कर सकें। लगभग 8,113 एकड़ भूमि विभिन्न कानूनी विवादों में फंसी हुई है। इनमें जमीन के मालिकाना हक, सरकारी दस्तावेज, पुरानी अधिग्रहण प्रक्रियाओं और स्थानीय दावों से संबंधित मामले शामिल हैं।
क्या ग्रामीण समुदायों पर प्रभाव का आकलन हुआ?
सरकार से पूछा गया कि रक्षा भूमि अधिग्रहण या बेदखली अभियानों के दौरान ग्रामीणों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया गया है या नहीं। जवाब में कहा गया ऐसा कोई आकलन नहीं किया गया है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि निजी जमीन का अधिग्रहण होने पर 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार उचित मुआवजा और पुनर्वास दिया जाता है।
रक्षा खरीद बजट लौटाने की खबरों पर क्या कहा?
एक सवाल में पूछा गया कि क्या रक्षा मंत्रालय ने धीमी खरीद के कारण 12,500 करोड़ रुपये वापस कर दिए? रक्षा राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया ऐसी कोई स्थिति नहीं है। संशोधित बजट का पूरा उपयोग कर लिया गया है। सरकार ने पुष्टि की कि खरीद प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए DAP में प्रस्तावित संशोधन लागू किए जाएंगे।
शंघाई एयरपोर्ट पर भारतीय महिला की हिरासत का मुद्दा भारत ने चीन के सामने कड़े तौर पर उठाया
सरकार ने संसद को बताया कि शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को रोके जाने का मुद्दा चीन के सामने कड़े शब्दों में रखा गया है। भारत ने साफ कहा है कि अरुणाचल प्रदेश देश का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और इस तथ्य पर किसी तरह का सवाल उठाना अस्वीकार्य है। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि संबंधित भारतीय महिला के पास वैध पासपोर्ट था और वह शंघाई एयरपोर्ट से होकर जापान के टोक्यो जा रही थी। लेकिन उसे जन्मस्थान के मुद्दे पर कथित रूप से रोका और परेशान किया गया।
सरकार ने कहा कि इस घटना को लेकर नई दिल्ली और बीजिंग दोनों जगह चीनी अधिकारियों से सख्त आपत्ति जताई गई है। साथ ही भारत ने दोहराया कि अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा पूरी तरह बेबुनियाद है। मंत्री ने बताया कि विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारतीय मिशन लगातार ऐसे मामलों पर नजर रखते हैं और किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत संबंधित देश की सरकार से संपर्क करते हैं। जरूरत पड़ने पर भारतीय नागरिकों को हरसंभव सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है।
रेलवे की 4.99 लाख हेक्टेयर जमीन में से 1068.54 हेक्टेयर पर अतिक्रमण
रेल मंत्री अश्वीनी वैष्णव ने राज्यसभा में शुक्रवार को रेलवे की जमीन पर कब्जे पर सवालों का लिखित जवाब देते हुए बताया कि 31 मार्च 2025 तक भारतीय रेलवे की लगभग 4.99 लाख हेक्टेयर जमीन थी, जिसमें से करीब 1068.54 हेक्टेयर पर अतिक्रमण हैं। इसके साथ ही देश में अभी कब्जे में चल रही रेलवे की जमीनों के बारे में सवालों का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि रेलवे रेगुलर सर्वे करता है और उन्हें हटाने के लिए कार्रवाई करता है। रेल मंत्री ने गैर-कानूनी कब्जों को हटाने की जानकारी देते हुए आगे बताया कि पिछले पांच वर्षों में 98.02 हेक्टेयर रेलवे की जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया है।
रेलवे में नवंबर 2025 तक सिर्फ 11 ट्रेन हादसे- रेल मंत्री वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि रेलवे में सुरक्षा उपायों के कारण ट्रेन हादसों की संख्या में भारी कमी आई है। 2014-15 में जहां 135 दुर्घटनाएं हुई थीं, वहीं 2025-26 में नवंबर तक यह संख्या घटकर सिर्फ 11 रह गई है। सरकार से पूछा गया कि क्या रेलवे में ‘जीरो एक्सीडेंट’ सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। जवाब में मंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में उठाए गए सुरक्षा कदमों का असर साफ दिख रहा है। 2004 से 2014 के बीच जहां हर साल औसतन 171 हादसे होते थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या मात्र 31 रह गई। इसके अलावा वैष्णव ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए किए गए प्रमुख उपाय भी गिनाए। उन्होंने बताया कि स्वदेशी 'कवच' सुरक्षा प्रणाली भी तेजी से लागू की जा रही है। इसकी वर्जन 4.0 दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट के कई हिस्सों में सफलतापूर्वक लगाई जा चुकी है। आने वाले समय में 15,512 रूट किलोमीटर पर कवच लगाने का काम जारी है।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.