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करारा जवाब: जिस राफेल पायलट को पकड़ने का पाकिस्तान ने किया था दावा, उन्हीं के साथ राष्ट्रपति ने खिंचवाई तस्वीर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Wed, 29 Oct 2025 01:45 PM IST
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President Droupadi Murmu poses with Pilot Shivangi Singh claimed to be captured by Pakistan
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह। - फोटो : अमर उजाला
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भारत ने जिस दौरान पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था, उसी वक्त पाकिस्तान की तरफ से एक दावा हुआ था कि उसने भारत की महिला पायलट को पकड़ लिया है। पाकिस्तान की तरफ से तब इस पायलट का नाम शिवांगी सिंह बताया गया था। हालांकि, भारत ने एक तस्वीर से पाकिस्तान के हर तरह के दावे को पूरी तरह झुठला दिया है। बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल उड़ाने से पहले हरियाणा के अंबाला एयर फोर्स बेस पर उन्हीं शिवांगी सिंह के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और पाकिस्तान के दावों को धराशायी कर दिया।


राष्ट्रपति के साथ इस तस्वीर में स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह मुस्कुराती हुई दिख रही हैं। एयरबेस पर मौजूद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने एक दूसरे विमान मे उड़ान भरी। राफेल में राष्ट्रपति मुर्मू जी-सूट पहनकर सवार हुईं, जो कि तेज जी-फोर्स में पायलट की रक्षा करता है। इस दौरान राष्ट्रपति ने पायलट को दिए जाने वाला खास चश्मा भी पहने और वे हाथ में हेलमेट लिए दिखीं। 
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राष्ट्रपति मुर्मू ने सुबह 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले जेट के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया। यह उड़ान लगभग 30 मिनट तक चली और लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यहाँ वायुसेना स्टेशन पर वापस लौटी। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि विमान को 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी उड़ा रहे थे। इस लड़ाकू विमान ने समुद्र तल से लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरी।



राष्ट्रपति मुर्मू के नाम रिकॉर्ड दर्ज
सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी और वह ऐसा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति बनी थीं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।

शिवांगी सिंह कौन हैं?
उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर वाराणसी के फुलवरिया रेलवे क्रासिंग के पास एक सामान्य परिवार में जन्मीं शिवांगी सिंह ने अपने छोटे-से घर से ऊंचे सपने देखे। पिता कुमारेश्वर सिंह, माता सीमा सिंह और तीन भाई-बहनों के इस परिवार में संस्कारों के साथ-साथ देशसेवा की भावना भी गहराई से रची-बसी थी। उनके नाना बीएन सिंह, भारतीय सेना में कर्नल थे।
 

पायलट शिवांगी सिंह की शिक्षा
शिवांगी ने वाराणसी के सेंट मेरीज स्कूल और बाद में सेंट जोजर्स कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली शिवांगी ने 12वीं में 89% अंक हासिल किए। उन्होंने सनबीम विमेंस कॉलेज, भगवानपुर से बीएससी की डिग्री ली और साथ ही NCC से जुड़कर अपने सैन्य सपनों को आकार देना शुरू किया। खेल के मैदान में भी वह उतनी ही निपुण रहीं। उन्होंने जैकलिन थ्रो में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता। गणतंत्र दिवस परेड 2013 में उत्तर प्रदेश एनसीसी दल का प्रतिनिधित्व भी किया।

वायुसेना की ओर पहला कदम
एनसीसी के जरिए शिवांगी ने सैन्य अनुशासन और वायुसेना के बारे में जाना। एक बार वह नाना के साथ वायुसेना संग्रहालय घूमने गईं। वह वायुसेना से इस कदर प्रभावित हुईं कि शिवांगी सिंह ने फाइटर पायलट बनने की ठान ली।

भारतीय वायुसेना में गौरवशाली सफर
2015 में शिवांगी ने भारतीय वायुसेना की परीक्षा उत्तीर्ण कर डेढ़ साल तक कठोर प्रशिक्षण लिया। 2017 में उन्हें देश की पहली पांच महिला फाइटर पायलटों की ऐतिहासिक टीम में शामिल किया गया। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने मिग-21 जैसे सुपरसोनिक फाइटर जेट पर उड़ान भरी। इस दौरान उनकी पोस्टिंग राजस्थान के उस एयरबेस पर हुई, जो पाकिस्तान सीमा के करीब है। यहीं उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ भी काम किया।

राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट
साल 2020 में जब फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप भारत लाई गई, तब फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को इस अत्याधुनिक विमान के स्क्वाड्रन गोल्डन ऐरो का हिस्सा बनाया गया। इस तरह वे राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट बनीं।

भाजपा ने कहा- देश की बेटियां उड़ान भर रहीं
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे लेकर एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "क्या आप स्थापित मानक तोड़ने की बात कर रहे हैं? सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी, उनके साथ कोई और नहीं बल्कि स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह थीं। वही अधिकारी जिनके बारे में पाकिस्तानी मीडिया और प्रभावशाली लोगों ने झूठा दावा किया था कि उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पकड़ लिया गया था। दो शक्तिशाली महिलाएं। दुनिया के लिए एक संदेश - भारत की बेटियां उड़ान भर रही हैं।
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