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RSS: 'आजादी को जिंदा रखने के लिए हमें त्याग करना होगा', स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भुवनेश्वर
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 15 Aug 2025 01:48 PM IST
सार
भागवत ने कहा, 'हमें आजादी इसलिए मिली ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे देश में हर कोई सुख, साहस, सुरक्षा, शांति और सम्मान से रह सके। हालांकि, दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम विश्व को समाधान दें।'
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स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे के सलामी देते संघ प्रमुख
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ओडिशा में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीयों को आजादी के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी को जिंदा रखने के लिए हमें कड़ी मेहनत और त्याग करने की जरूरत है। संघ प्रमुख ने साथ ही कहा कि विश्व की समृद्धि और शांति में भी हमें योगदान देना होगा।
विश्व गुरु बनने के लिए त्याग की जरूरत
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भुवनेश्वर स्थित आरएसएस कार्यालय में एक सभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 'एक स्वतंत्र भारत का पूरे विश्व के प्रति भी कर्तव्य है। दुनिया 2,000 वर्षों से असंख्य समस्याओं का सामना कर रही है और उनसे पार पाने में असमर्थ है।' उन्होंने कहा, 'हमारे पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान देकर भारत की आजादी सुनिश्चित की। हमें भी उनकी तरह मेहनती होने की जरूरत है और इसे जिंदा रखने, देश को आत्मविश्वासी बनाने और विवादों में उलझे विश्व का मार्गदर्शन कर विश्व गुरु बनने के लिए वैसा ही त्याग करने की जरूरत है।'
'भारत को दुनिया का मार्गदर्शन करना चाहिए'
भागवत ने कहा, 'हमें आजादी इसलिए मिली ताकि सुनिश्चित कर सकें कि हमारे देश में हर कोई सुख, साहस, सुरक्षा, शांति और सम्मान से रह सके। हालांकि, दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है और ये हमारा कर्तव्य है कि हम विश्व को समाधान दें और धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित अपने दृष्टिकोण से सुख और शांति से भरी एक नई दुनिया का निर्माण करें।' भागवत ने कहा, 'हमें आजादी इसलिए मिली ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे देश में हर कोई सुख, साहस, सुरक्षा, शांति और सम्मान से रह सके। हालांकि, दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम विश्व को समाधान दें और धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित अपने दृष्टिकोण से सुख और शांति से भरी एक नई दुनिया का निर्माण करें।' भागवत ने कहा कि दुनिया भर में पर्यावरण संबंधी मुद्दे और संघर्ष चल रहे हैं। ऐसे में हमें दुनिया का मार्गदर्शन करना चाहिए।
ये भी पढ़ें- BJP vs CONG: जश्न-ए-आजादी के बीच सियासत, बिहार और SIR का जिक्र कर बोले खरगे- भाजपा अनैतिकता की किसी भी हद तक...
कई देश भारत की तरक्की से खुश नहीं
79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा, 'दुनिया में हर कोई भारत को मजबूत नहीं देखना चाहता। हमें दोस्ती अर्जित करनी होगी, लेकिन आज कई शक्तियां भारत की तरक्की से खुश नहीं हैं। कुछ लोग इसलिए खुश हैं क्योंकि उनका मानना है कि अगर भारत आगे बढ़ता है, तो इससे उन्हें फायदा होगा। लेकिन कुछ शक्तियां भारत को दबाने और कुचलने की कोशिश करती हैं। हमें इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। हमें चुनौती स्वीकार करनी चाहिए और अपनी शक्ति और क्षमता का पूर्ण विकास करके एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए।'
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विश्व गुरु बनने के लिए त्याग की जरूरत
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भुवनेश्वर स्थित आरएसएस कार्यालय में एक सभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 'एक स्वतंत्र भारत का पूरे विश्व के प्रति भी कर्तव्य है। दुनिया 2,000 वर्षों से असंख्य समस्याओं का सामना कर रही है और उनसे पार पाने में असमर्थ है।' उन्होंने कहा, 'हमारे पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान देकर भारत की आजादी सुनिश्चित की। हमें भी उनकी तरह मेहनती होने की जरूरत है और इसे जिंदा रखने, देश को आत्मविश्वासी बनाने और विवादों में उलझे विश्व का मार्गदर्शन कर विश्व गुरु बनने के लिए वैसा ही त्याग करने की जरूरत है।'
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'भारत को दुनिया का मार्गदर्शन करना चाहिए'
भागवत ने कहा, 'हमें आजादी इसलिए मिली ताकि सुनिश्चित कर सकें कि हमारे देश में हर कोई सुख, साहस, सुरक्षा, शांति और सम्मान से रह सके। हालांकि, दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है और ये हमारा कर्तव्य है कि हम विश्व को समाधान दें और धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित अपने दृष्टिकोण से सुख और शांति से भरी एक नई दुनिया का निर्माण करें।' भागवत ने कहा, 'हमें आजादी इसलिए मिली ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे देश में हर कोई सुख, साहस, सुरक्षा, शांति और सम्मान से रह सके। हालांकि, दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम विश्व को समाधान दें और धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित अपने दृष्टिकोण से सुख और शांति से भरी एक नई दुनिया का निर्माण करें।' भागवत ने कहा कि दुनिया भर में पर्यावरण संबंधी मुद्दे और संघर्ष चल रहे हैं। ऐसे में हमें दुनिया का मार्गदर्शन करना चाहिए।
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कई देश भारत की तरक्की से खुश नहीं
79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा, 'दुनिया में हर कोई भारत को मजबूत नहीं देखना चाहता। हमें दोस्ती अर्जित करनी होगी, लेकिन आज कई शक्तियां भारत की तरक्की से खुश नहीं हैं। कुछ लोग इसलिए खुश हैं क्योंकि उनका मानना है कि अगर भारत आगे बढ़ता है, तो इससे उन्हें फायदा होगा। लेकिन कुछ शक्तियां भारत को दबाने और कुचलने की कोशिश करती हैं। हमें इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। हमें चुनौती स्वीकार करनी चाहिए और अपनी शक्ति और क्षमता का पूर्ण विकास करके एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए।'