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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कानून पर केंद्र से मांगा जवाब, 26 नवंबर को अगली सुनवाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Tue, 04 Nov 2025 03:43 PM IST
सार

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कानून पर केंद्र सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। कई याचिकाओं में इस कानून को चुनौती दी गई है। यह कानून ऑनलाइन जुए और उनसे जुड़ी बैंकिंग सेवाओं व विज्ञापनों पर रोक लगाता है। अब मामला 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

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SC asks Centre to file comprehensive reply on pleas challenging online gaming law
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से उन याचिकाओं पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा, जिनमें उस ऑनलाइन गेमिंग कानून को चुनौती दी गई है जो ऑनलाइन जुए वाले गेम पर रोक लगाता है और उनसे जुड़ी बैंकिंग सेवाओं व विज्ञापनों को भी प्रतिबंधित करता है। जस्टिस जे.बी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच को बताया गया कि केंद्र ने इन याचिकाओं में किए गए अनुरोध पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है।
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बेंच ने कहा, हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से हाजिर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) मुख्य याचिका पर ही विस्तृत जवाब दाखिल करें। शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अपने जवाब की प्रति पहले ही याचिकाकर्ताओं के वकीलों को दे, ताकि अगर वे कोई जवाब दाखिल करना चाहें, तो जल्द कर सकें। 'ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन अधिनियम, 2025' पहला केंद्रीय कानून है, जो ऑनलाइन जुए वाले गेम्स पर रोक लगाता है। इस कानून को दिल्ली, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। 
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वरिष्ठ वकील सीए सुंदरम ने कोर्ट को बताया कि इस कानून के चलते यह पूरा व्यवसाय एक महीने से अधिक समय से बंद पड़ा है। सुनवाई के दौरान एक अन्य वकील ने कहा कि इस मामले में एक नई याचिका दायर की गई है, लेकिन उसे सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

अब यह मामला 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सुंदरम कहा, मैं एक शतरंज खिलाड़ी हूं और यह मेरा जीविका का साधन है। मैं एक एप लॉन्च करने वाला था। इस पर जस्टिस पारदीवाला ने कहा, भारत अजीब देश है। आप खिलाड़ी हैं, खेलना चाहते हैं, यह आपकी आजीविका का साधन है, इसलिए आप कार्यवाही में शामिल होना चाहते हैं। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ऑनलाइन मैच में हिस्सा लेते हैं और इसके लिए भागीदारी शुल्क भी देते हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका को भी बाकी लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ दिया जाए।

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मामले की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट ऑनलाइन गेमिंग कानून को चुनौती देने वाली इन सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई कर रहा है। सरकार से ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी करने वाले प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक अन्य याचिका 26 नवंबर को सुना जाएगा। सोमवार को शीर्ष कोर्ट ने 'जवाबदेही और प्रणालीगत परिवर्तन केंद्र' (सीएएससी) और शौर्य तिवारी की ओर से दायर याचिका पर भी केंद्र से जवाब मांगा था।

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