{"_id":"6909b03933f087cf4c00cc47","slug":"sir-starts-in-tamil-nadu-amid-staunch-opposition-from-ruling-dmk-its-allies-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"SIR: तमिलनाडु में डीएमके के विरोध के बीच एसआईआर की प्रक्रिया शुरू, सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिकता को दी चुनौती","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
    SIR: तमिलनाडु में डीएमके के विरोध के बीच एसआईआर की प्रक्रिया शुरू, सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिकता को दी चुनौती
 
            	    न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई             
                              Published by: नितिन गौतम       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 01:27 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, बूथ लेवल अफसर हर घर जाकर सभी मौजूदा मतदाताओं को आंशिक रूप से पहले से भरे हुए एन्यूमरेशन (गणना) फॉर्म की दो कॉपी देंगे और उन्हें फॉर्म भरने में मदद करेंगे।
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                        डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन
                                    - फोटो : डीएमके पार्टी वेबसाइट 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी डीएमके के कड़े विरोध के बीच मंगलवार से मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम शुरू हो गया।  एसआईआर के तहत चुनाव आयोग के बूथ स्तर के अफसर (BLO) लोगों को जरूरी गणना फॉर्म भरने में मदद करेंगे। मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम 4 नवंबर 2025 से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा। डीएमके के साथ ही उसकी सहयोगी पार्टियां भी एसआईआर के खिलाफ हैं। वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके एसआईआर का समर्थन कर रही है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
डीएमके ने एसआईआर को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने एसआईआर की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। डीएमके ने 27 अक्तूबर 2025 को चुनाव आयोग द्वारा नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में डीएमके की रिट याचिका में कहा गया है मतदाता पंजीकरण नियम 1960, संविधान और नागरिकता अधिनियम से पता चलता है कि नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी राज्य पर है। ऐसे में कोई व्यक्ति नागरिक है या नहीं ये सिर्फ केंद्र सरकार तय कर सकती है न कि चुनाव आयोग। एसआईआर के जरिए नागरिकता जांचकर चुनाव आयोग अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहा है। आयोग की एसआईआर प्रक्रिया एनआरसी की तरह काम कर रही है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
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कैसे होगी एसआईआर की पूरी प्रक्रिया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, बूथ लेवल अफसर हर घर जाकर सभी मौजूदा मतदाताओं को आंशिक रूप से पहले से भरे हुए एन्यूमरेशन (गणना) फॉर्म की दो कॉपी देंगे और उन्हें फॉर्म भरने में मदद करेंगे। अगर बूथ लेवल अफसर को कोई घर बंद या लॉक मिलता है, तो वह कम से कम तीन बार विजिट करेगा। वोटर अपने गणना फॉर्म डाउनलोड करके ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं। बूथ लेवल अधिकारी के दौरे की तारीखें पहले से ही बता दी जाएंगी। बीएलओ भरे हुए फॉर्म इकट्ठा करेंगे और गणना फॉर्म की एक कॉपी पर एक फॉर्म देंगे, जिसे वोटर अपने पास रखेगा।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
                                
                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
बीएलओ द्वारा जमा किए गए गणना फॉर्म ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में शामिल किए जाएंगे, जो 9 दिसंबर 2025 को प्रकाशित होगा। अगर कोई मतदाता तय समय के अंदर अपना भरा हुआ गणना फॉर्म जमा नहीं कर पाता है, तो वह 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 के बीच दावा या किसी एंट्री पर आपत्ति कर सकता है। सभी दावों पर विचार करने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। वोटर रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1950 के तहत इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के किसी भी फैसले के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास अपील की जा सकती है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                    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                                                                डीएमके ने एसआईआर को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने एसआईआर की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। डीएमके ने 27 अक्तूबर 2025 को चुनाव आयोग द्वारा नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में डीएमके की रिट याचिका में कहा गया है मतदाता पंजीकरण नियम 1960, संविधान और नागरिकता अधिनियम से पता चलता है कि नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी राज्य पर है। ऐसे में कोई व्यक्ति नागरिक है या नहीं ये सिर्फ केंद्र सरकार तय कर सकती है न कि चुनाव आयोग। एसआईआर के जरिए नागरिकता जांचकर चुनाव आयोग अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहा है। आयोग की एसआईआर प्रक्रिया एनआरसी की तरह काम कर रही है।
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            ये भी पढ़ें- Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो केसों के दुरुपयोग पर जताई गहरी चिंता, कहा- जागरुकता की सख्त जरुरत
कैसे होगी एसआईआर की पूरी प्रक्रिया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, बूथ लेवल अफसर हर घर जाकर सभी मौजूदा मतदाताओं को आंशिक रूप से पहले से भरे हुए एन्यूमरेशन (गणना) फॉर्म की दो कॉपी देंगे और उन्हें फॉर्म भरने में मदद करेंगे। अगर बूथ लेवल अफसर को कोई घर बंद या लॉक मिलता है, तो वह कम से कम तीन बार विजिट करेगा। वोटर अपने गणना फॉर्म डाउनलोड करके ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं। बूथ लेवल अधिकारी के दौरे की तारीखें पहले से ही बता दी जाएंगी। बीएलओ भरे हुए फॉर्म इकट्ठा करेंगे और गणना फॉर्म की एक कॉपी पर एक फॉर्म देंगे, जिसे वोटर अपने पास रखेगा।
बीएलओ द्वारा जमा किए गए गणना फॉर्म ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में शामिल किए जाएंगे, जो 9 दिसंबर 2025 को प्रकाशित होगा। अगर कोई मतदाता तय समय के अंदर अपना भरा हुआ गणना फॉर्म जमा नहीं कर पाता है, तो वह 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 के बीच दावा या किसी एंट्री पर आपत्ति कर सकता है। सभी दावों पर विचार करने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। वोटर रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1950 के तहत इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के किसी भी फैसले के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास अपील की जा सकती है।